सप्ताह भर में हल्दी के भाव 5% घटे: जानें कारण Rajendra Suthar, October 3, 2024October 3, 2024 Turmeric Price: किसान साथियों हाल ही के दिनों में हल्दी की कीमतों में गिरावट आई है, जिसने बाजार में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण मुनाफावसूली है। पिछले कुछ महीनों में भारी बारिश के चलते हल्दी की फसल को नुकसान हुआ था, जिसके कारण कीमतों में तेजी आई थी। अब जब बाजार में मुनाफावसूली की प्रक्रिया चल रही है, तो हल्दी के भावों में कमी देखी जा रही है।हल्दी के कीमतों में यह गिरावट बीते कुछ समय से लगातार देखी जा रही है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर हल्दी का अक्टूबर अनुबंध कुछ समय पहले 14,530 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ था। जबकि वर्तमान में यह घटकर 13,830 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इस प्रकार पिछले एक सप्ताह में भाव में लगभग 5% की कमी आई है।कीमतों में हुई इस गिरावट के पीछे प्रमुख रूप से वह स्थिति है जब व्यापारी और स्टॉकिस्ट उच्च कीमतों पर मुनाफा निकालने के लिए अपने माल को बेचने लगे हैं। इससे बाजार में बढ़ी हुई आपूर्ति के चलते कीमतों में कमी आ रही है।बारिश के कारण फसल प्रभावितअगस्त माह में हल्दी के भाव गिरकर 13,000 रुपए से नीचे चले गए थे, लेकिन सितम्बर में भारी के कारण फसल को नुकसान होने की खबरों के कारण भाव बढ़कर 15,000 रुपए तक पहुंच गए थे। अब जब फसल के नुकसान का प्रभाव कम हो रहा है और स्टॉकिस्ट द्वारा माल निकाला जा रहा हैं, तो भाव फिर से गिर रहे है।हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के समय में हल्दी के भावों में गिरावट स्थायी नहीं होगी। वे कहते हैं कि जैसे-जैसे नई फसल का समय करीब आएगा, कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है।आने वाले दिनों में हल्दी के भाव (Haldee Bhav)Also Read ग्वार की कीमतों में उतार-चढ़ाव : जानिए ग्वार के ताजा भाव आने वाले दिनों में हल्दी के भाव किस प्रकार रह सकते है इस संबंध में जानकारों का मानना है कि छोटी अवधि में कीमतें और गिर सकती हैं। लेकिन लंबे समय में, फिर से वृद्धि की संभावना है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, हल्दी के भाव 13,000 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर सकते हैं, लेकिन बारिश से हुए नुकसान के कारण इससे अधिक गिरावट की संभावना कम है।इस साल हल्दी का रकबा 20% अधिक होने की संभावना है, जो उत्पादन को बढ़ाने में काफी सहायक हो सकता है। नई फसल के आने पर एक बार फिर हल्दी के भाव चढ़ सकते है। इस संबंध में, उत्पादन में वृद्धि के कारण बाजार में हल्दी की आपूर्ति में सुधार होगा, जिससे कीमतों में अस्थिरता आ सकती है।मार्केट ट्रेंड और स्टॉकिस्ट का खेलस्टॉकिस्टों की भूमिका भी इस मामले में महत्वपूर्ण है। वे उच्च भाव पर माल बेचने का प्रयास कर रहे है। जिससे बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति बढ़ गई है। यदि स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को तेजी से बेचते है तो इससे कीमतों में और अधिक गिरावट आ सकती है।हालांकि अगर नए सीजन की फसल में गिरावट आती है या मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं होती है तो भावों में तेजी आने की संभावना बढ़ जाएगी। इस समय, किसानों और व्यापारियों को मौसम की स्थिति पर नज़र रखनी होगी, ताकि वे अपने फैसले सही समय पर ले सकें।निष्कर्षहल्दी की कीमतों में कमी एक संकेत है की बाजार में मुनाफावसूली चल रही है। हालांकि, लंबी अवधि में, विशेषकर नई फसल आने पर कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। इसलिए, किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सतर्क रहना होगा और बाजार के रुझानों का ध्यान रखना होगा।इस बीच हल्दी की औषधीय विशेषताएँ और इसके उपयोग से जुड़ी जानकारियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। हल्दी न केवल खाना पकाने में उपयोगी होती है बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे एक मूल्यवान सामग्री बनाते हैं। इसलिए भाव भाव बढ़ें या घटें, हल्दी हमेशा एक महत्वपूर्ण स्थान रखेगी।इस प्रकार, भविष्य में हल्दी के भावों पर नजर रखने के साथ-साथ सही समय पर खरीदारी करना ही सबसे सही रणनीति होगी। कृषि समाचार