ग्वार की कीमतों में उतार-चढ़ाव : जानिए ग्वार के ताजा भाव Rajendra Suthar, October 2, 2024October 2, 2024 Guar Bhav : किसान साथियों ग्वार एक महत्वपूर्ण फसल है जो मुख्य रूप से भारत के राजस्थान और गुजरात राज्यों में उगाई जाती है। ग्वार की फसल न केवल कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण है बल्कि यह उद्योगों में भी बड़ी भूमिका निभाती है। ग्वार के बीजों से प्राप्त ग्वार गम का उपयोग खाद्य उत्पादों फूड प्रोसेसिंग, और कई अन्य औद्योगिक उत्पादों में होता है।वर्तमान में ग्वार के भाव के बारे में बात करें तो ग्वार के भाव में निरन्तर उत्तार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार भारत में ग्वार की कीमतें 4500 से 5600 रूपये प्रति क्विंटल क्वालिटी के अनुसार चल रही है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में ग्वार की नई फसल की आवक भी मंडियों में शुरू होने वाली है। ग्वार के वायदा बाजार भाव की बात करें तो वायदा भाव में कोई ख़ास हलचल देखने को नहीं मिल रही है। वही मंडियों में ग्वार की आवक में भी तेजी देखने को मिल रही है।मंडियों में ग्वार के भाव (Guar Mandi Bhav)सिरसा मंडी ग्वार भाव : 4500-5300 रूपये प्रति क्विंटलआदमपुर मंडी ग्वार भाव : 5000-5450 रूपये प्रति क्विंटलमेड़ता मंडी ग्वार भाव : 5350-4780 रूपये प्रति क्विंटलनागौर मंडी ग्वार भाव : 4800-5400 रूपये प्रति क्विंटलजोधपुर मंडी ग्वार भाव :5000-5400 रूपये प्रति क्विंटलश्री गंगानगर मंडी ग्वार भाव : 5000-5351 रूपये प्रति क्विंटलनोहर मंडी मंडी ग्वार भाव : 5350-5394 रूपये प्रति क्विंटलपीलीबंगा मंडी ग्वार भाव : 5380-5430 रूपये प्रति क्विंटलजैतसर मंडी ग्वार भाव : 4600-5360 रूपये प्रति क्विंटलसूरतगढ़ मंडी ग्वार भाव : 5041-5400 रूपये प्रति क्विंटलनोखा मंडी ग्वार भाव : 4900-5400 रूपये प्रति क्विंटलबीकानेर मंडी ग्वार भाव : 5200-5465 रूपये प्रति क्विंटलAlso Read डीएपी खरीदते समय सतर्क रहें: जानें कैसे पहचानें असली और नकली उर्वरक ग्वार की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकमौसम की स्थिति: ग्वार की फसल मानसून पर निर्भर होती है। यदि बारिश समय पर और पर्याप्त मात्रा में होती है, तो उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। इसके विपरीत, सूखा या खराब मौसम उत्पादन को प्रभावित कर सकता है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं।आंतरराष्ट्रीय मांग: ग्वार का उपयोग कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में होता है, खासकर अमेरिका और यूरोप में। यदि अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ती है, तो घरेलू कीमतें भी बढ़ सकती हैं।उत्पादन लागत: ग्वार की खेती में प्रयोग होने वाले बीज, खाद और श्रम की लागत भी कीमतों पर प्रभाव डालती है। यदि इन लागतों में वृद्धि होती है, तो किसानों को अधिक कीमतें निर्धारित करनी पड़ सकती हैं।निर्यात नीति: भारतीय सरकार की निर्यात नीतियां भी ग्वार की कीमतों को प्रभावित करती हैं। यदि निर्यात पर कोई प्रतिबंध लगाया जाता है, तो यह घरेलू बाजार में आपूर्ति को बढ़ा सकता है और कीमतों को प्रभावित कर सकता है।स्थानीय बाजार की स्थिति: मंडियों में ग्वार की उपलब्धता और किसानों की बिक्री की स्थिति भी कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है।ग्वार की कीमतों में आगे चलकर उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। यदि मौसम अनुकूल रहता है और उत्पादन में सुधार होता है, तो कीमतें स्थिर रह सकती हैं। लेकिन, अगर वैश्विक बाजार में ग्वार की मांग में बढ़ोतरी होती है, तो कीमतें उच्च स्तर पर रह सकती हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने उत्पादन की योजनाओं को मौसम और बाजार की स्थिति के अनुसार समायोजित करें।निष्कर्षग्वार एक महत्वपूर्ण कृषि फसल है जो न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ग्वार की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं, जिनमें मौसम, आंतरराष्ट्रीय मांग और उत्पादन लागत शामिल हैं। वर्तमान में ग्वार की कीमते कुछ उच्च स्तर पर हैं, लेकिन भविष्य में विभिन्न कारकों के आधार पर इनमें परिवर्तन संभव है।किसानों और व्यापारियों को चाहिए कि वे बाजार की स्थितियों पर नजर रखें और उचित समय पर निर्णय लें। अंत में, ग्वार की खेती और इसके भावों की सही जानकारी रखने से किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं और कृषि क्षेत्र में मजबूती ला सकते हैं। कृषि समाचार