वर्षा जल संचयन और फार्म पॉन्ड अनुदान : किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर Rajendra Suthar, August 29, 2024August 29, 2024 किसान साथियों देश के 16.5 प्रतिशत भूभाग वाले इस राज्य में केवल 1 प्रतिशत सतही जल ही उपलब्ध है। ऐसे में बारिश के पानी का उचित संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। खेती के लिए वर्षा जल एक वरदान है। अगर हम इसका सही तरीके से संरक्षण करें और भूजल रिचार्ज का प्रयास करें, तो इससे कृषि और उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सकती है।राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत इस वर्ष 20,000 फार्म पॉन्ड निर्माण का लक्ष्य रखा है। वर्षा जल के संरक्षण और प्रबंधन के लिए कृषि और उद्यान विभाग द्वारा व्यक्तिगत और सामुदायिक जल संरक्षण बांचे या फार्म पॉन्ड के निर्माण पर अनुदान दिया जा रहा है।फार्म पॉन्ड एक ऐसा संरचना है जिसमें वर्षा का पानी एकत्रित किया जाता है और इसे कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार की जलाशय प्रणाली है, जिसमें बारिश का पानी संचित होता है और बाद में इसे सिंचाई या अन्य कृषि उपयोगों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।वर्षा जल संचयन का महत्व : वर्षा जल का संचयन और सही प्रबंधन फसलों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। यदि वर्षा के पानी को प्रभावी ढंग से संचित किया जाए, तो न केवल भूजल का रिचार्ज हो सकता है, बल्कि सूखे के मौसम में भी जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। यह कृषि उत्पादन में वृद्धि और स्थिरता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।जल स्रोत निर्माण के लिए कृषक समूह के पास एक स्थान पर न्यूनतम 10 हेक्टेयर या उससे अधिक कृषि भूमि होनी चाहिए। यदि जल स्रोत का निर्माण छोटा होता है, तो आनुपातिक रूप से अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। समूह के लिए आवेदन करते समय भूस्वामित्व प्रमाण पत्र के रूप में जमाबंदी और देस नक्शा आवेदन के साथ संलग्न करना होगा।Also Read औषधीय पौधों की खेती से मुनाफा: 5 प्रमुख पौधे जो बदल सकते हैं आपकी किस्मत अनुदान की शर्तेंअनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73,500 रुपए अनुदान के रूप में मिलेगा।कच्चे फार्म पॉन्ड पर 90 प्रतिशत या 1,35,000 रुपए और पक्के फार्म पॉन्ड पर भी यही दर लागू होगी।प्लास्टिक लिनिंग पॉन्ड के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 60 प्रतिशत या अधिकतम 63,000 रुपए मिलेंगे, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत कृषकों को 1,20,000 रुपए तक मिल सकते हैं।पात्रता और आवेदन प्रक्रियाफार्म पॉन्ड के निर्माण के लिए न्यूनतम साइज 400 घन मीटर यानी 20 x 20 x 3 मीटर होना अनिवार्य है।आवेदन करने के लिए व्यक्ति के पास एक स्थान पर न्यूनतम 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए, और संयुक्त धारकों की स्थिति में न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार कार्ड के आधार पर आवेदन किया जा सकता है।Also Read सोयाबीन किसानों के लिए ख़ुशख़बरी: 225 करोड़ रूपये के बीमा क्लेम का भुगतान शीघ्र ही होगा सामुदायिक ढांचे के लिए :तीन या तीन से अधिक कृषक समूहों द्वारा 10 हेक्टेयर के लिए 100 x 100 x 3 मीटर साइज के फार्म पॉन्ड के निर्माण पर 20,00,000 रुपए प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा। न्यूनतम 50 x 50 x 3 मीटर साइज के फार्म पॉन्ड के लिए प्रति इकाई लागत 5,00,000 रुपए प्रो राटा बेसिस पर निर्धारित की गई है।साइट चयन की प्रक्रियाराज किसान के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों में से वर्षा जल की आवक के अनुसार साइट का चयन किया जाएगा। उपयुक्त साइट होने पर फार्म पॉन्ड पर अनुदान के लिए समूह का चयन किया जाएगा। जल स्रोत निर्माण की स्थिति और वर्षा की आवक के आधार पर स्थल चयन की सिफारिश की जाएगी।इस कार्यक्रम के तहत, सही समय पर और उचित तरीके से वर्षा जल का उपयोग करने से न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि इससे जल संकट की समस्या का समाधान भी हो सकता है। सभी किसानों और कृषक समूहों से अनुरोध है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और जल संरक्षण में भाग लें। सरकारी योजनायें