फसल बीमा 2024: क्या है नया नियम और किसानों को क्या करना होगा? Rajendra Suthar, July 13, 2024July 13, 2024 श्रीगंगानगर : फसल बीमा भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा कवच है। यह प्राकृतिक आपदाओं, रोगों और कीटों के कारण होने वाले फसल नुकसान से बचाने का साधन है। 2024 में, भारत सरकार ने फसल बीमा योजना में कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस ब्लॉग में हम इन नए नियमों की चर्चा करेंगे और जानेंगे कि किसानों को क्या करना होगा।फसल बीमा योजना का महत्वफसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों, और कीटों के कारण होने वाले नुकसान से सुरक्षित करना है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे फसल नुकसान के बाद पुनर्स्थापना कर सकें।Also Read प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सम्पूर्ण जानकारी क्या है नए नियम 2024इस योजना के नए नियम के अनुसार फसल ऋण लेने वाले किसान, जिनकी फसल ऋण सीमा स्वीकृत हो चुकी है या जिनका ऋण वितरित किया जा चुका है, फसल बीमा के लिए पात्र होंगे। ऋणी किसानों के लिए यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। हालांकि, यदि ऋणी किसान इस योजना से दूर रहना चाहते हैं, तो उन्हें 31 जुलाई से 7 दिन पहले यानि 24 जुलाई तक अपने संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें इस योजना में जुड़ा हुआ माना जाएगा।श्रीगंगानगर में खरीफ सीजन 2024 के लिए कपास, मूंग और ग्वार फसलों का बीमा जिले की सभी तहसीलों के किसान करवा सकते हैं। धान की फसल का बीमा केवल अनूपगढ़, सूरतगढ़ और श्रीबिजयनगर तहसीलों के किसानों के लिए उपलब्ध है। वहीं, बाजरे की फसल का बीमा रायसिंहनगर और सूरतगढ़ तहसीलों के किसान करवा सकते हैं। इसके अलावा, मूंगफली, मोठ और तिल की फसलों का बीमा केवल सूरतगढ़ तहसील के किसानों के लिए उपलब्ध है।खरीफ सीजन 2024 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिला श्रीगंगानगर में अधिसूचित फसलों की प्रति हेक्टेयर के अनुसार बीमा की राशि इस प्रकार है: कपास के लिए 40,925 रुपए, मूंग के लिए 42,996 रुपए, मूंगफली के लिए 1,20,700 रुपए, ग्वार के लिए 36,978 रुपए, मोठ के लिए 20,643 रुपए, धान के लिए 75,676 रुपए, बाजरे के लिए 35,374 रुपए, और तिल के लिए 28,899 रुपए तय की गई है।कपास की फसल के लिए कृषक अंश राशि का 5% और अन्य फसलों के लिए 2% कृषकों को देना होगा। शेष राशि का राज्य और केंद्र सरकार समान अनुपात में देगी ।फसल बीमा कराने से पहले संबंधित बैंक कृषकों से एक प्रमाण पत्र अवश्य लेना , जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान ने अपनी बोई गई फसल का बीमा किसी अन्य बैंक से नहीं कराया है। इसके अलावा, ऋणी किसान नामांकन की अंतिम तिथि (29 जुलाई 2024 तक) से 2 दिन पहले संबंधित बैंक को सूचित कर बीमित फसल का नाम बदल सकते हैं। ऋणी किसानों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूला जाएगा।2024 में, सरकार ने फसल बीमा प्रीमियम में कमी की है। अब किसानों को बीमा प्रीमियम के रूप में कम राशि का भुगतान करना होगा, जिससे अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह निर्णय छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा। अब सरकार ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब किसान अपनी फसल के लिए बीमा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे आवेदन की प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी और किसानों को लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा।नए नियमों के अनुसार, बीमा दावों का निपटान तेज़ी से किया जाएगा। बीमा कंपनियों को दावे की प्रक्रिया को 30 दिनों के भीतर पूरा करना होगा। इससे किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिलेगी। 2024 में, प्राकृतिक आपदाओं की श्रेणी को विस्तारित किया गया है। अब इसमें न केवल सूखा और बाढ़ शामिल हैं, बल्कि अन्य पर्यावरणीय कारकों जैसे कि भूस्खलन, उच्च तापमान आदि को भी शामिल किया गया है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि फसल बीमा योजना में किसानों को विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए बीमा कवर मिलेगा। इससे किसान अपनी इच्छानुसार किसी भी फसल का बीमा करा सकेंगे।किसानों के लिए आवश्यक जानकारीकिसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित बीमा पॉलिसी का चयन करना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी सभी फसलों के लिए उचित बीमा कवर लें।किसानों को अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे कि खेत का विवरण, फसल का प्रकार, और अन्य संबंधित जानकारी ऑनलाइन फॉर्म में भरनी होगी।किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि बीमा आवेदन की एक निर्धारित समय सीमा होती है। इसलिए, उन्हें समय पर आवेदन करना होगा, ताकि वे योजना का लाभ उठा सकें।किसानों को सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, और फसल से संबंधित जानकारी एकत्रित करनी होगी। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हो सकती है।किसानों को फसल बीमा योजना के लाभों और शर्तों के बारे में जागरूक होना चाहिए। इसके लिए वे सरकारी वेबसाइट्स, स्थानीय कृषि कार्यालयों, और किसान संगठनों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि समाचार