सरसों के भाव में लगभग 400 रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना: जानिए क्या हो सकते हैं कारण ? Rajendra Suthar, July 12, 2024July 12, 2024 किसान भाइयों सरसों के भाव में लगातार तेजी-मंदी का माहौल बना हुआ है। सप्ताह की शुरआत में सरसों के भाव में कुछ कमी देखने को मिली थी लेकिन मंगलवार के बाद से ही सरसों के भाव में एक अच्छी बढ़त देखने को मिली जिससे सरसों के भावो को लेकर किसानो की आँखों में एक चमक सी बनी हुई है।सरकार ने भी अब सरसों को खुले बाजार में बेचने की घोषणा कर दी है। किसान साथिओं इस पोस्ट में हम सरसों के भावो को लेकर चर्चा करेंगे जिसमें हम बात करेगें की वर्तमान में सरसों के भाव क्या चल रहे है और आने वाले दिनों में सरसों के भावों में बढ़ोतरी होने की कितनी संभावना बनी हुई है साथ ही हम ये भी जानेगें की सरसों के भावो के बारे में सरकार की क्या राय बनी हुई है।Also Read गौमूत्र से कीटनाशक बनाने की विधि और कृषि में इसका उपयोग सरसों भाव मार्केट रिपोर्ट (Sarson Bhav Report)किसान भाइयों सरसों के भाव की बात करें तो बीता बुधवार और गुरुवार का दिन किसान साथियो के लिए बहुत ही अच्छा रहा क्योकि इन दो दिनों ने पूर्व में आई सरसों के भाव में गिरावट को काफी रिकवर कर लिया है। एक बार अगर सभी मंडियों के भाव में आई तेजी को देखे तो लगभग 100 रूपये/क्विंटल की तेजी देखने को मिल रही है।देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो सरसों के भाव 5900 रहे। वही भरतपुर में सरसों के भावो की शुरुआत 5675 रूपये/क्विंटल से हुई जो बीते दिन के भाव से 25 रूपये/क्विंटल अधिक थे और शाम तक भाव 5750 रूपये/क्विंटल तक पहुंच गए यानि भरतपुर में सरसों के भाव में 100 रूपये/क्विंटल की तेजी देखने को मिली। जयपुर में सरसों के भाव में कोई खास बढ़त नहीं देखने को मिली। वही अगर सरसों की आवक की बात करें तो सरसों की आवक में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पहले सरसों की आवक 3.25 लाख बोरी थी जो अब 3.75 लाख बोरी हो गई है यानि आवक में 50000 बोरी की बढ़ोतरी हुई है।विदेश में सरसों की भाव रिपोर्ट : किसान साथियो विदेश में सरसों के भाव की बात करें तो सरसों के भाव में अच्छी बढ़त दिख रही है। जिससे सरसों के तेल की भाव में भी तेजी चल रही है। तेल के भाव में तेजी का कारण मलेशिया के बाजर में हो रही हलचल को बताया जा रहा है। वही अगर विदेश में सरसों के तेल के स्टॉक की बात करे तो स्टॉक जून में 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है जो निर्यात में आई कमी के कारण हुआ है। आने वाले दिनों में पाम तेल की कीमतों में दबाव होने की संभावना जताई जा रही है।हाज़िर मंडियों में सरसों के भावहाजिर मंडियों में सरसों के भाव में कोई खास तेजी देखने को नहीं मिली लेकिन भाव में कमी भी नहीं आई। हाजिर मंडियों में सरसों के भाव में लगभग स्थिरता देखने को मिली।राजस्थान में हाजिर मंडियों में सरसों के भाव इस प्रकार रहे –बीकानेर मंडी सरसों भाव – 5300-5600 रूपये/क्विंटलगोलूवाला मंडी सरसों भाव -5400-5680 रूपये/क्विंटलपीलीबंगा मंडी सरसों भाव – 5270-5600 रूपये/क्विंटलघड़साना मंडी सरसों भाव – 5400-5550 रूपये/क्विंटलगंगानगर मंडी सरसों भाव – 5300-5600 रूपये/क्विंटलसूरतगढ़ मंडी सरसों भाव -5300-5500 रूपये/क्विंटलनोहर मंडी सरसों भाव -5400-5800 रूपये/क्विंटलसंगरिया मंडी सरसों भाव -5440-5500 रूपये/क्विंटलजैतसर मंडी सरसों भाव – 5300-5600 रूपये/क्विंटलसूरतगढ़ मंडी सरसों भाव -5200-5500 रूपये/क्विंटलसरसों की आवकराजस्थान मंडी – 2 लाख बोरीमध्यप्रदेश मंडी – 40 हज़ार बोरीउत्तरप्रदेश मंडी -40 हजार बोरीपंजाब और हरियाणा मंडी – 15 हजार बोरीअन्य मंडिया -65 हजार बोरीआने वाले दिनों में सरसों भाव में 400 रूपये की बढ़ोतरी होने की सम्भावनाकिसान भाइयों बीती दिनों में सरसों भाव में हो रही बढ़ोतरी को देखे तो आने वाले दिनों में सरसों के भाव में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। वही सरसों के भाव में तेजी के साथ ही सरसों की आवक में भी काफी बढोत्तरी हुई है जो किसानो और व्यापारियों के लिये सुखद खबर है। घरेलू बाजार में भी सरसों की स्थिति अच्छी बनी हुई है। साथ ही आने वाले महीनो में त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है जिससे सरसों के तेल की मांग में भी तेजी आएगी।अन्य कारण :सरसों के तेल की मांग में वृद्धि के कारण कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। जैसे-जैसे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं, सरसों के तेल की खपत बढ़ी है।1. उत्पादन में कमीयदि मौसम खराब रहता है या कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो सरसों की फसल पर असर पड़ सकता है। इससे उत्पादन में कमी और कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।2. निर्यात में वृद्धियदि अन्य देशों में सरसों का तेल महंगा हो जाता है, तो भारत से निर्यात बढ़ सकता है। इससे घरेलू बाजार में कमी आ सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।3. सरकारी नीतियांसरकारी नीतियों और आयात पर टैक्स में बदलाव भी कीमतों पर असर डाल सकते हैं। यदि सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो घरेलू बाजार में सरसों के तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।4. विपणन लागत में वृद्धिविपणन और वितरण लागत में वृद्धि होने पर भी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले। आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि समाचार