राजस्थान के किसान का चमत्कार: कम उपजाऊ जमीन से हर महीने लाखों की आमदनी Rahul Saharan, September 9, 2024September 9, 2024 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है कि हमारे देश में बहुत सारे ऐसे सफल किसान है जिन्होंने अपने दम पर अपनी मेहनत के द्वारा सफलता के मुकाम को हासिल किया है। उन्ही सफल किसानो में राजस्थान राज्य एक सफल किसान सुरेंद्र अवाना भी है। सुरेंद्र अवाना राजस्थान के दूदू जिले के बिचून पंचायत के गांव भैराणा के रहने वाले है।सुरेंद्र अवाना ने खेती को एक नया रूप प्रदान किया है। इन्होने अपनी खेती के लिए एक ऐसा मॉडल चुना जिसने इनकी फसलों को बहुत ही अधिक उपयोगी बनाया है। और आज इनका मॉडल पुरे देश में एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। सुरेंद्र अवाना ने अपनी खेती को एक बड़ी फैक्टरी के रूप में स्थापित कर रखा है जिससे ये हर महीने लाखो रूपये कमा रहे है।सुरेंद्र अवाना ने कैसे किया यह सब-Also Read बटाई पर दी गई जमीन पर सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम किसान साथियो राजस्थान के अंदर बहुत सी जमीन इस प्रकार की है वहाँ से फसलों का अधिक उत्पादन लेना संभव नहीं है। परन्तु सुरेंद्र अवाना के मॉडल के द्वारा कम उपजाऊ भूमि पर भी फसल का उत्पादन करके लाखो रूपये की आमदनी ली जा सकती है। इसके मॉडल के अनुसार पशुपालन और खेती को एक दूसरे के पूरक के रूप में स्थापित करके आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है। आज सुरेंद्र अवानाके मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके मॉडल के अनुसार यदि पशुपालन के साथ खेती को सही ढंग से करते है तो आप भी इनकी तरह अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है। इससे आपकी खेती की उत्पादकता और उसकी गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है।क्या है सुरेंद्र अवाना का मॉडल- किसान साथियो सुरेंद्र अवाना हमेशा से ही जैविक खेती के प्रति अपना रुझान रखते है। सुरेंद्र अवानाने अपनी बीए की पढ़ाई को पूरी करने के बाद अपने पिता के साथ मिलकर खेती के कार्य में जुड़ गए और एक नया मुकाम हासिल किया। सुरेंद्र अवाना ने पिता के साथ मिलकर खेती के पारम्परिक तरीके को अपने द्वारा बनाए गए खेती के एकीकृत खेती मॉडल में बदल दिया। और इस मॉडल के परिणाम स्वरूप आज सुरेंद्र अवाना देश भर में ख्याति प्राप्त कर चुके है।सुरेंद्र अवाना ने अपने लगभग 55 एकड़ भूमि में जैविक खेती करते है इसके साथ इन्होने एकीकृत फार्मिंग सिस्टम (Integrated Farming System) का इस्तेमाल कर रहे है। और इन्होने राजस्तान राज्य के ऐसे खेत जो बिलकुल सूखे है वहाँ पर अपना मॉडल को स्थापित किया है। इसमें कम उपजाऊ जमीन पर वहाँ की जलवायु के अनुसार हाई प्रोटीन और मिनरल्स वाली चारा और बागवानी तथा बकरी,भेड़, गाय आदि का भी पालन किया जाता है। सुरेंद्र अवाना के इस मॉडल के द्वारा बागवानी से पशुपालन और पषुपालन से बागवानी को आपस में लाभ मिलता जिससे लागत में कमी आती है। और भूमि की उर्वरक क्षमता में भी वृद्धि होती है।कैसा है सुरेंद्र अवाना का मॉडल- किसान साथियों सुरेंद्र अवाना ने रेगिस्तान में खेती करने के लिए अपने एकीकृत खेती के मोडल को अपनाया है इस मॉडल के अंतर्गत इस प्रकार की फसल और पौधे बोये जाते है जिनके पत्तियों का उपयोग पशुओ के चारे के रूप में कर सकते है। सुरेंद्र अवाना जिस प्रकार की खेती करते है उसके लगभग 42 किस्मो के फल वाले पौधे और सब्जिया सम्मिलित है। और इसके द्वारा चलाए जाए रहे डेयरी फार्म में लगभग 300 गाये गीर नस्ल की है तथा 5 ऊँट और 2 घोड़े शामिल है। इसके साथ ही इनके पास लगभग 100 बकरी तथा 50 भेड़ सम्मिलित है।Also Read सपनों की ऊँचाई: जानिए लवलेश कुमार की 10वीं तक की पढ़ाई से दुग्ध उत्पादन में रिकॉर्ड तक की कहानी सुरेंद्र अवाना पशुओं को चारे के लिए बाजरा,मक्का तथा नेपियर घास को उगाते है। और इनके पास लगभग 24 प्रकार के बहुवर्षीय (अजोला,एलोविरा,नीम आदि) उपलब्ध होते है। ये सब गायों के लिए एक बहुत ही अच्छे पोषण के स्त्रोत माने जाते है। जिससे की गायों में दूध की उत्पादन क्षमता का विकास होता है। और उस दूध की गुणवत्ता भी बाकि के मुकाबले बहुत अधिक और उत्तम होती है।सुरेंद्र अवाना ने बागवानी के अंतर्गत अपने खेत में बहुत से अलग अलग प्रकार के पौधे लगा रहे है जैसे- थाई एप्पल, खजूर, बादाम, अनार, चीकू, पपीता, अमरुद आदि पौधे है तथा इनके साथ ही इन्होने अपने खेत में शहतूत, नीम, अरडू के पौधे भी लगा रखे है। इसके साथ ही सुरेंद्र अवाना ने अपने खेत में औषधीय महत्व के पौधे लगा रखे है जैसे- करंज, तुलसी, गिलोय आदि।सुरेंद्र अवाना द्वारा निर्मित खाद-सुरेंद्र अवाना पूरी तरह से जैविक खेती के समर्थक है तथा ये अपनी खेती में जैविक खाद का ही उपयोग करते है। और इन्होने लगातार जैविक खाद के उपयोग से अपनी भूमि की उर्वरकता में बहुत अच्छा सुदार कर लिया है। इसके साथ भी सुरेंद्र अवाना ने पशुओं के गोबर के द्वारा ईंट, दीपक, लकड़ी, गमले तथा पेंट बनाने का कर भी चालू कर दिया है जिसके माध्यम से भी ये बहुत अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है। और ये अपने उत्पादों को बिना किसी मंडी के सीधे ही ग्राहकों को बेचते है। और इनके उत्पाद की गुणवत्ता की मात्रा बहुत अछि होने के कारण इनको बहुत अच्छे दाम मिल जाते है। और इस बिज़नेस से ये हर साल करोडो रूपये कमाते है। इस तरह इनकी महीने की आय लाखो रूपये हो जाती है।सुरेंद्र अवाना द्वारा पर्यावरण संरक्षण-किसान साथियो सुरेंद्र अवाना के द्वारा खेती के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी कार्य किया है। इन्होने अपनी जैविक खेती को धीरे-धीरे करते हुए प्राकृतिक खेती में बदल दिया है। सुरेंद्र अवाना ने अपने खेत में 4 तालाब बना रखे है ,जिसमे वे मछली पालन के साथ साथ बतख का भी पालन करते है। सुरेंद्र अवाना अपने खेतो से निकलने वाले प्र्तेक प्रकार के अपशिष्ट का पुनः प्रयोग कर लेते है। सुरेंद्र अवाना ने पांणी और बिजली के लिए अपने खेतो में 42 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगा रखा है। जिसके द्वारा उनके खर्चे कम हो गए है तथा उनकी आमदनी में वृद्धि हो गयी है।सुरेंद्र अवाना को मिले हुए अवार्ड- किसान साथियो सुरेंद्र अवाना को उनके द्वारा अपनाए गए एकीकृत खेती मॉडल के कारण बहुत बार राज्य स्तर और अनेक बार राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड से नवाजा जा चूका है। इनको गीर गाय के संरक्षण करने के उपलक्ष में ICAR संस्था करनाल के द्वारा प्रथम पुरूस्कार से नवाजा गया है। और इसके साथ ही इनको ICAR-फेलो फार्मर अवार्ड-2023 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के द्वारा उनके द्वारा कृषि क्षेत्र में आएले गए नवाचार के लिए नवाजा गया है। सुरेंद्र अवाना आज किसानो के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बना गए है। Blog कृषि समाचार