Aaj Gehu Ka Bhav : आज गेहूं का भाव (Today Gehu Bhav) Sawai Ram, February 8, 2025February 8, 2025 Wheat Price 08 फरवरी 2025 (gehu ka aaj ka bhav ): गेहूं एक खाद्यान फसल है। उत्तर प्रदेश में गेहूं का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। विश्व की कुल कृषि भूमि पर लगभग छटे भाग पर गेहूं की खेती की जाती है।इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 3 फीसद अधिक हो सकता है और इसका आंकड़ा 105 करोड़ टन से अधिक होने की संभावना है। दूसरी ओर अमेरिकी कृषि विभाग का अनुमान है कि भारत में 112 करोड़ टन से अधिक गेहूं का उत्पादन होगा। कृषि मंत्रालय ने 110 करोड़ टन के आसपास गेहूं उत्पादन का अनुमान देश में जताया है।गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बाजारों में इससे अधिक रेट मिल रहा है। दरअसल किसान एमएसपी पर मंडियों में सरकार को गेहूं बेचना नहीं चाह रहे हैं। यही वजह है कि वे अपना स्टॉक रोक कर बैठ गए हैं। बाजारों में गेहूं का औसत भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल से न्यूनतम 2600 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है।प्रमुख मंडियों में आज गेहूं के भाव (Gehu Bhav)बैतूल मंडी गेहूं का भाव इंदौर मंडी गेहूं का भाव नोखा मंडी गेहूं का भाव धामनोद मंडी गेहूं का भाव बारां मंडी गेहूं का भाव मेड़ता मंडी गेहूं का भाव मंदसौर मंडी गेहूं का भाव खरगोन मंडी गेहूं का भाव नीमच मंडी गेहूं का भाव नागौर मंडी गेहूं का भाव हरदा मंडी गेहूं का भाव खिरकिया मंडी गेहूं का भाव आष्टा मंडी गेहूं का भाव कोटा मंडी गेहूं का भाव खंडवा मंडी गेहूं का भाव गेहूं में पोषक तत्वगेहूं अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, और फाइबर का स्रोत होता है, जो ऊर्जा के लिए आवश्यक होते हैं। गेहूं में विटामिन बी की अच्छी मात्रा मिलती है, जो न्यूरोलॉजिकल फंक्शनिंग को समर्थन करती है। इसके साथ ही गेहूं में आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और जिंक जैसे मिनरल्स भी होते हैं।गेहूं कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत के रूप में एक स्थिर और लम्बे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे हृदय की सेहत सुधारती है।गेहूं में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और कब्ज को रोकती है। गेहूं का सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है, क्योंकि यह लंबे समय तक भूख को कम करता है और भोजन की अवधि बढ़ाता है।गेहूं में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स स्लोली डाइजेस्ट होते हैं, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। गेहूं में मौजूद फाइबर की मात्रा कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।गेहूं की नई अगेती किस्म डब्ल्यू एच 1270 से बढ़ेगा उत्पादनजलवायु एवं क्षेत्र की उपयुक्तता : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय , हिसार द्वारा विकसित गेहूं की किस्म डब्ल्यू एच 1270 को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के लिए सिंचित क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिए वर्ष 2021 में अधिसूचित किया गया है।डब्ल्यू एच 1270 की उत्पादन विशेषताएं ( WH 1270 Wheat Variety Details in Hindi )अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के गेहूं परीक्षणों में इस किस्म की औसत उपज 75.8 क्विंटल /हैक्टेयर पाई गई है जो की एच डी 2967 एवं एच डी 3086 से क्रमश: 17. 8 % एवं 4.1 % अधिक है।इस किस्म के द्वारा उत्पादन परीक्षणों में 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की रिकॉर्ड पैदावार क्षमता दर्ज की गई है।रोग प्रतिरोधिता : यह किस्म पीला , भूरा व काला रतुआ की सभी प्रमुख रोगजनक प्रकारों के लिए प्रतिरोधक पाई गई है।दानों की गुणवत्ता : डब्ल्यू एच 1270 के दानों में उच्च प्रोटीन मात्रा 12.4 % पाई जाती है।डब्ल्यू एच 1270 किस्म की विशेषताएंबाली निकलने की अवधि ( दिनों में) औसत – 100पकने की अवधि लगभग – 156 दिनपौधों की ऊंचाई औसत – 100 सेंटीमीटर1000 दानों का वजन लगभग – 46 ग्रामडब्ल्यू एच 1270 की उत्पादन पद्धति एवं क्षेत्र की उपयुक्तता : यह किस्म उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्र के सिंचित दशा में अगेती बिजाई के लिए उपयुक्त है।बीज उपचार : गेहूं में खुली व पत्तों की कांगियारी रोग से बचाव के लिए कार्बोकसिन या कार्बेंडाजिम 2 ग्राम प्रति किलो या टेबुकोनाजोल 1 ग्राम प्रति किलो से बीजोपचार करें।बीज बोन का उचित समय : अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर का प्रथम सप्ताह बिजाई का उचित समय है।बीज दर और अंतराल: 100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करके , पंक्तियों के बीच 20 सेंटीमीटर की दूरी के साथ बिजाई करनी चाहिए।सिंचाई : गेहूं की फसल में सामान्यतः 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है।औसत उपज: 75.8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर।उत्पादन क्षमता : 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर। आज का मंडी भाव