भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत की आबादी कृषि पर निर्भर है इसी बात का ध्यान रखते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) का शुभारम्भ किया गया।
योजना में किसानो के लिए केंद्र सरकर की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत और राज्य की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत रहेगी। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों के मामले में यह अनुपात 90:10 रहेगा। इस योजना के अंतर्गत लगभग 22 लाख किसानो को लाभ मिलेगा।जल शक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2020 में PMKSY के तहत परियोजनाओं के घटकों की हेतु एक मोबाइल जिओ टैगिंग एप्लिकेशन लॉन्च किया।इसके तीन मुख्य घटक है- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP), हर खेत को पानी (HKKP) और वाटरशेड डेवलपमेंट।
वर्ष 1996 में AIBP को राज्यों की संसाधन क्षमताओं से अधिक सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- HKKP का उद्देश्य लघु सिंचाई के माध्यम से नए जल स्रोत निर्मित करना है। जल निकायों की मरम्मत, बहाली और नवीनीकरण, पारंपरिक जल स्रोतों की वहन क्षमता को मज़बूत करना, वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण।
- इसके उप घटको में शामिल है कमान क्षेत्र विकास (CAD), भूतल लघु सिंचाई (SMI), जल निकायों की मरम्मत, नवीनीकरण और बहाली (RRR), भूजल विकास।
- वाटरशेड डेवलपमेंट में अपवाह जल का प्रभावी प्रबंधन और मिट्टी और नमी संरक्षण गतिविधियों में सुधार जैसे कि क्षेत्र उपचार, ड्रेनेज़ लाइन 5 ट्रीटमेंट, वर्षा जल संचयन, इन-सीटू नमी संरक्षण और वाटरशेड के आधार पर अन्य संबद्ध गतिविधियाँ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य (PMKSY Objective)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य उद्देश्य है –हर खेत को पानी।
क्षेत्रीय स्तर पर सिंचाई में निवेश का अभिसरण,
सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना (हर खेत को पानी),
पानी की बर्बादी को कम करने के लिये ऑन-फार्म जल उपयोग दक्षता में सुधार,
स्थायी जल संरक्षण प्रथाओं को शुरू करना और एक सिंचाई प्रणाली में अधिक-से-अधिक निजी निवेश को आकर्षित करना।
‘जलभृत’ भू-जल से संतृप्त चट्टान या तलछट का एक निकाय है। वर्षा का जल मिट्टी के रिसाव के कारण भूजल एक जलभृत में प्रवेश करता है। यह जलभृत के माध्यम से आगे बढ़ता है और झरनों तथा कुओं के माध्यम से फिर से सतह पर आ जाता है।
‘पेरी-अर्बन कृषि’ शहर के नज़दीक कृषि इकाईयों को संदर्भित करती है, जो सब्जियों और अन्य बागवानी को विकसित करने, मुर्गियों तथा अन्य पशुओं को पालने और दूध तथा अंडे का उत्पादन करने के लिये गहन अर्द्ध या पूरी तरह से वाणिज्यिक खेतों का संचालन करती हैं।
परिशुद्ध सिंचाई एक नवीन तकनीक है, जो जल के सुचारु उपयोग से संबंधित है और किसानों को कम-से-कम पानी में उच्च स्तर की फसल उपज प्राप्त करने में मदद करती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पात्रता (PMKSY Eligibility)
- PMKSY योजना का लाभ उठाने के लिए किसानो के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए ।
- योजना के पात्र लाभार्थी देश के सभी वर्ग के किसान हो सकते है।
- योजन के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, सहकारी समिति, इंकॉर्पोरेटेड कंपनियां, उत्पादक कृषकों के समूहों के सदस्यो और अन्य पात्रता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों को भी लाभ प्रदान किया जायेगा।
- पीएम कृषि सिचांई स्कीम 2024 का लाभ उन संस्थानों और लाभार्थियों को मिलेगा जो न्यूनतम सात वर्षों से Lease Agreement के तहत उस भूमि पर खेती करते हो। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से भी यह पात्रता प्राप्त की जा सकती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2024 के दस्तावेज़ (PMKSY Documents)
- आवेदक का आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- किसानो की ज़मीन के कागज़ात
- जमीन की जमा बंदी (खेत कि नकल)
- बैंक अकाउंट पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आवेदन कैसे करें (PMKSY Online Application)
सर्वप्रथम आपको PMKSY की आधिकारिक वेबसाइट https://pmksy.nic.in/ पर जाना होगा।

इसके पश्चात अपने राज्य का चयन करने पर एक नया पेज ओपन होगा जिसमे Farmer Registration मेन्यू पर क्लिक करें।

Farmer Registration पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज ओपन होगा उसमें New User मेन्यू पर क्लिक करें।

New User पर क्लिक करने के बाद captcha कोड भरे उसके बाद मांगी गयी आवश्यक जानकरी भरे तथा दस्तावेज अपलोड करें और अंत में सबमिट के मेन्यू पर क्लिक कर प्रक्रिया को पूर्ण करें।

किसान भाइयों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्र
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) 1 जुलाई 2015 को शुरु की गई।
प्रधानमत्री कृषि योजना के अंतर्गत 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 93,068 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2026 तक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के विस्तार को मंज़ूरी दी।
किसी भी वर्ग या मंडल के किसान इस योजना में भाग लेने के पात्र हैं।