सावधान! : आलू के नाम पर बाजार में बिक रहा जहरीला आलू, जानिए पूरी सच्चाई Rajendra Suthar, October 23, 2024October 23, 2024 आजकल आलू एक ऐसा सब्जी है जो हर किसी के घर में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है। चाहे वह पराठे हों, चाट या सब्जी, आलू का हर जगह उपयोग किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बाजार में नए आलू के नाम पर जहरीला आलू भी धड़ल्ले से बिक रहा है। हाल ही में झारखंड के रांची में इस मुद्दे पर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।रांची में बिक रहा जहरीला आलू :रांची के अनेक बाजारों में नए आलू की बिक्री के नाम पर लोग पुराने और केमिकलयुक्त आलू खरीद रहे हैं। यह आलू 50 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहे है, जबकि मुनाफाखोर प्रति किलो 20 रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं। यहाँ के लोग छिलका हटा हुआ आलू देखकर उसे नया समझ लेते हैं और उसे महंगे दाम पर खरीद लेते हैं।असल में, यह आलू केमिकल में डालकर पुराने आलू का छिलका हटाया जाता है, और उसे नया बताकर बाजार में बेचा जाता है। इस प्रक्रिया के कारण आलू दो दिन में ही सड़ने लगता है और उसका रंग भी बदलने लगता है। डॉक्टरों के अनुसार, केमिकल युक्त यह आलू शरीर के लिए बेहद हानिकारक है।Also Read काबुली चने की खेती : 15 नवंबर तक करें चने की बिजाई और पाए बेहतरीन उत्पादन केमिकल से बनाया जाता है नया आलूमुनाफाखोर पुराने आलू को नया दिखाने के लिए आलू को अमोनिया के घोल में रखते हैं। आलू को अमोनिया के घोल में 12 घंटे तक रखा जाता है, जिससे उसका छिलका पतला हो जाता है। इसके बाद उस आलू को मिट्टी से रगड़कर साफ किया जाता है। इसके बाद आलू का छिलका हट जाता है और उसे नया दिखाने का प्रयास किया जाता है। आम ग्राहकों को धोखा देने के लिए इसे रामगढ़ और आसपास के इलाके का बताकर बेचा जा रहा है, जबकि असल में यह आलू रांची के बाजारों में बिकता है।स्वास्थ्य पर प्रभावइस केमिकल युक्त आलू का सेवन करने से स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है। अमोनिया के पानी में रखने से आलू जहरीला हो जाता है, और यदि इसे नियमित रूप से खाया जाए तो इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।आंख, नाक और गले पर असर: लगातार इस आलू का सेवन करने से आंखों, नाक और गले पर प्रभाव पड़ सकता है।पेट में दर्द और जलन: अमोनिया से पेट में दर्द और जलन की समस्या हो सकती है।किडनी और लीवर पर असर: लगातार सेवन करने से किडनी और लीवर पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।रांची के नागाबाबा खटाल में आलू-प्याज के थोक विक्रेता धर्मेंद्र साहू ने बताया कि अभी बाजार में नया आलू आया नहीं है। जिसे नया आलू बताकर बाजार में बेचा जा रहा है, वह केमिकलयुक्त आलू है। जानकारी से पता चला कि वहां के पुराने दुकानदार इस आलू को नहीं बेचते, बल्कि यह ज्यादातर उन्हीं के पास मिलता है, जो कभी-कभार बाजार में आकर व्यापार करते हैं।असली आलू के पहचान कैसे करेंछिलका चेक करें: अगर आलू का छिलका हटाया गया है, तो उसे खरीदने से बचें। असली आलू का छिलका हटा नहीं होता।रंग पर ध्यान दें: असली आलू का रंग सामान्य होता है, जबकि केमिकलयुक्त आलू का रंग भिन्न हो सकता है।बिक्री स्थान: हमेशा विश्वसनीय दुकानों से ही आलू की खरीदारी करें।निष्कर्षआलू के इस मामलें में उपभोक्ता को जागरूक रहना बेहद आवश्यक है। ग्राहकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे क्या खरीद रहे हैं। बाजार में ऐसे मुनाफाखोरों से बचने के लिए सतर्क और जागरूक रहना जरूरी है। यदि आप असली आलू की तलाश में हैं, तो हमेशा उन स्थानों पर जाएं, जहां से आप पहले भी खरीदते रहे हैं और जहां पर आपको विश्वास हो।स्वास्थ्य का ख्याल रखना सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए किसी भी संदेहास्पद उत्पाद से दूर रहना और सुरक्षित आहार का चयन करना आवश्यक है। कृषि समाचार