कृषि विभाग का नया लक्ष्य: सौंफ और जीरे की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना Rahul Saharan, October 25, 2024October 25, 2024 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की कृषि विभाग के द्वारा किसानो को फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए समय समय पर अनेक प्रकार की योजनाएँ और अलग अलग प्रकार के उपाय और तरीके सुझाए जाते है। हाल ही में मेड़तासिटी के कृषि विभाग ने सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय के अंतर्गत आने वाले उपजिलो में सौंफ और जीरे की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए योजना तैयार की है। किसान साथियों कृषि विभाग ने सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय मेड़तासिटी के अनुसार इस वर्ष रबी के सीजन-2024 की बुवाई को लेकर के अपना लक्ष्य जारी कर दिया है। किसान भाईयो कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष में बहुत अधिक बरसात होने के कारण असिंचित क्षेत्र/बारानी क्षेत्र में चना तथा रायड़ा (सरसों) का बुवाई का क्षेत्र बढ़ने की सम्भावना दिखाई दे रही है। इस वर्ष सौंफ और जीरे की बुवाई का क्षेत्र पहले के मुकाबले बढ़ा है परन्तु चना और रायड़ा (सरसों)की बुवाई का क्षेत्र इन दोनों के बुवाई के क्षेत्र को टक्कर देने वाला है।किसान साथियों इस वर्ष रबी की फसल बुवाई का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की रबी की बुवाई के क्षेत्रफल की तुलना में लगभग 3 हजार हैक्टेयर अधिक है। हाल ही सब जगह पर किसान भाई रबी की फसल की बुवाई के कामो में लग गए है। अब खेतो में खड़ाई के बाअद बुवाई का कार्यक्रम शुरू हो चूका है। किसानों में रायड़ा (सरसों), जीरा, चना, सौंफ, तारामीरा सहित अन्य प्रकार की फसलों की बुवाई शुरू कर दी है।कृषि विभाग ने सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय मेड़तासिटी ने रबी की फसल के लिए बुबाई के लक्ष्य का रिकॉर्ड भी जारी कर दिया है। इस के अनुसार इस वर्ष मेड़ता और डेगाना क्लस्टर में कुल 2 लाख 68 हजार हैक्टेयर में रबिउ की फसल की बुवाई करने का लक्ष्य मिला है। जो की वर्ष 2023 और वर्ष 2022 में क्रमश: 2 लाख 66 हजार तथा 3 लाख 3 हजार हैक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई का लक्ष्य दिया गया था।किसान साथियो कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस साल रबी की फसल की बुवाई के आवंटित लक्ष्य और हेक्टेयर के अनुसार सबसे अधिक मात्रा में चना और दूसरे स्थान पर जीरे व सौंफ तथा रायड़ा (सरसों) की बुवाई होगी। और हाल ही में दूसरी तरफ किसानो में चने की बुवाई शुरू कर दी है। जो की अक्टूबर के लास्ट सप्ताह और नवम्बर के प्रथम सप्ताह में पूरी हो जाएगी। परन्तु रबी के सीजन की मसाला फसल जीरे की बुवाई नवम्बर में शुरू होकर के दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक चलेगी।Also Read Kolkata FF Fatafat क्या हैं, Today Kolkata FF Fatafat Result live किसान साथियो इस सीजन में सौंफ के अच्छे भाव मिलने के कारण से किसान भाइयों का रुझान इस वर्ष सौंफ की बुवाई की तरफ अधिक है। क्योकि यह फसल कम खर्च तथा कम खतरे /कम रिस्क वाली होती है। जिसके कारण किसान भाई इस वर्ष सोंफ की खेती अधिक करने वाले है।किसान भाइयों इस वर्ष जीरे की फसल के बहुत अधिक अच्छे भाव मिलने के कारण इस वर्ष किसानो का रुख जीरे की अधिक बुवाई की और जा रहा है। जीरे के भाव में वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में जीरे के भाव कम मिले थे। परन्तु फिर भी किसान भाई पिछले वर्ष की बुवाई के क्षेत्रफल के मुकाबले ही इस वर्ष जीरे की बुवाई करने में लगे हुए है।किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की चना एक प्रकार की बरसात पर आधारित फसल है। पिछले वर्ष बरसात अल्प मात्रा में होने के कारण असिंचित क्षेत्र /बारानी क्षेत्रों में चने की फसल की बुवाई नहीं हो पायी थी। परन्तु इस वर्ष तो मानसून ने किसानो को असिंचित क्षेत्र /बारानी क्षेत्रों में चने की फसल के लिए जरूरी पानी की मात्रा को पूरा कर दिया है। कुछ जगहों पर अब भी खगेतो से पानी की निकासी की जा रही है। और किसान भाई इस नमी का फायदा उठाकर के चने की सर्वाधिक बुवाई करने वाले है। और कृषि विभाग ने भी चने की फसल की बुवाई का लक्ष्य लगभग 5 हजार हैक्टेयर बढ़ाया है।किसान साथियो इस वर्ष रायड़ा (सरसों) का बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योकि इस वर्ष मानसून के समय में बहुत ही आधी अच्छी बरसात हुयी है जिसके चलते सिंचित क्षेत्रों के साथ साथ असिंचित क्षेत्र /बारानी क्षेत्रों में भी रायड़ा (सरसों) की बुवाई के लिए खेतो में पर्याप्त नमी उपलब्ध है। जिससे किसान भाई आसानी से रायड़ा (सरसों) की बुवाई कर सकते है।कृषि विभाग द्वारा रबी की फसल बुवाई का लक्ष्य –फसल का नाम लक्ष्य 2024 (हैक्टेयर में)लक्ष्य 2023 (हैक्टेयर में)सरसों5000060000जीरा6000050000ईसबगोल4000040000तारामीरा4500040000गेंहू2000030000चना3000025000सौंफ150009000पान-मेथी30005000Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि समाचार