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कृषि में AI का जादू: जानिए AI के उपयोग से फसल उत्पादन को कैसे बनाए दुगना

Rajendra Suthar, September 9, 2024September 9, 2024

किसान साथियों भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने कृषि शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जो बीएससी कृषि के छात्रों के लिए नए अवसर और चुनौतियों के रास्ते खोलेगा। इस नई पहल के अनुसार कृषि शिक्षा को आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाएगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसे उन्नत विषयों का अध्ययन शामिल होगा। यह बदलाव न केवल छात्रों को नई तकनीकों से परिचित कराएगा बल्कि उन्हें कृषि क्षेत्र में बेहतर रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी प्रदान करेगा।

अब बीएससी कृषि के छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषयों का अध्ययन करने का मौका मिलेगा। ये विषय कृषि के पारंपरिक तरीकों को तकनीकी दृष्टिकोण से समृद्ध करेंगे। उदहारण के लिए AI का उपयोग फसलों की पैदावार को बढ़ाने, बीमारियों की पहचान करने और मौसम की भविष्यवाणी करने में किया जा सकेगा। मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स कृषि में स्वचालन और बेहतर उत्पादन के नए तरीके प्रदान करेंगे।

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मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पॉलिसी

आईसीएआर ने कृषि शिक्षा के लिए लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पॉलिसी की शुरुआत की है। इसके तहत, छात्र अब आसानी से एक संस्थान से दूसरे संस्थान में ट्रांसफर ले सकेंगे। इसके साथ ही, डिग्री के लिए नए विकल्प भी उपलब्ध होंगे। इस नई नीति के तहत, स्नातक प्रथम वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्र 10 हफ्ते की इंटर्नशिप के बाद अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।

द्वितीय वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्र यूजी डिप्लोमा प्राप्त कर सकेंगे। यह प्रणाली छात्रों को अपनी शिक्षा के मार्ग को लचीला बनाने की अनुमति देती है और उन्हें अपने करियर को बेहतर ढंग से संवारने का मौका देती है।

कृषि में AI के उपयोग

किसान भाइयों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हमारे जीवन के कई पहलुओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है, और अब यह कृषि क्षेत्र में भी अपना जादू दिखा रहा है। अगर हम कहें कि AI ने फसल उत्पादन को दोगुना करने का रास्ता खोल दिया है, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आइए जानते हैं कैसे AI के उपयोग से फसल उत्पादन में सुधार किया जा सकता है और किस प्रकार यह कृषि के भविष्य को संवार सकता है।

मौसम की सटीक भविष्यवाणी : AI मौसम की सटीक भविष्यवाणी करता है, जिससे बुवाई, सिंचाई, और कटाई का सही समय तय किया जा सकता है। यह किसानों को मौसम के बदलाव की पूर्व सूचना देता है।

बीमारी और कीटों की पहचान : AI और मशीन लर्निंग फसलों में बीमारियों और कीटों की जल्दी पहचान करते हैं, जिससे समय पर उपचार संभव होता है और फसल की हानि कम होती है।

सटीक सिंचाई और पोषक तत्वों का प्रबंधन : AI आधारित सिंचाई प्रणालियाँ पानी की सही मात्रा सुनिश्चित करती हैं, जबकि पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर उर्वरकों का सही उपयोग करती हैं।

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उन्नत फसल प्रबंधन : AI फसल की वृद्धि, स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता का विश्लेषण करता है, जिससे किसान बेहतर निर्णय ले सकते हैं और फसल की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं।

स्वचालित खेत उपकरण : AI से लैस ट्रैक्टर और हार्वेस्टर खेतों में स्वचालित तरीके से काम करते हैं, जिससे जुताई, बुवाई और कटाई अधिक कुशल होती है।

रोजगार और उद्यमिता के अवसर

डॉ. आरसी अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (कृषि शिक्षा) ने बताया कि आईसीएआर का उद्देश्य कृषि शिक्षा को केवल पारंपरिक तरीकों तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि छात्रों को उद्यमिता और रोजगार के नए अवसरों से भी जोड़ना है। इसके लिए छात्रों की कम्युनिकेशन स्किल्स में सुधार लाया जाएगा और उन्हें इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल छात्रों को कृषि क्षेत्र में खुद को साबित करने और नए विचारों को अपनाने की प्रेरणा देगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए, कृषि विश्वविद्यालयों में छात्र अब खुद से प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। आईसीएआर द्वारा आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे छात्रों को अपने प्रोजेक्ट्स पर काम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, छात्रों को कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक विषयों का अध्ययन अनिवार्य रूप से करना होगा। इससे वे वैश्विक मानकों के अनुसार तैयार हो सकेंगे और कृषि क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकेंगे।

ये बदलाव कृषि शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करते हैं। कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी उन्नति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो युवा किसानों को नए युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा। आईसीएआर की इन पहलों की मंजूरी के बाद, आगामी सत्र से इनका लागू होना तय है, जो कृषि शिक्षा को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

इन प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि कृषि शिक्षा में आने वाले समय में एक बड़ा बदलाव आएगा, जो छात्रों को न केवल बेहतर शिक्षा देगा, बल्कि उन्हें कृषि क्षेत्र में सफल और सक्षम बनाएगा। इस नए दृष्टिकोण से भारतीय कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में भी मदद मिलेगी।

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