सब्जियों की महंगाई : प्याज, टमाटर और लहसुन की कीमतें तीन गुना बढ़ीं Rajendra Suthar, September 25, 2024September 25, 2024 बारिश में मौसम में जब धरती पर हरियाली बिखर जाती है, तब लोगों की रसोई में महंगाई की आग तेजी से भड़क जाती है। वर्तमान में हो रही सब्जियों के दामों में एकाएक बढ़ोतरी ने आम लोगों के बजट को गड़बड़ा कर रख दिया है। खासकर, टमाटर, प्याज, लहसुन और अन्य आवश्यक सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं।हाल ही में सब्जियों के भावों में दोगुनी से तीन गुनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विशेष रूप से टमाटर की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है। बीते 10 दिनों के बात करे तो बीते 10 दिनों में टमाटर के भाव 40 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 50 से 80 रुपए प्रति किलो हो गए है। वही शिमला मिर्च का हाल भी कुछ ऐसा ही है,जो अब 150 रुपए प्रति किलो बिक रही है। प्याज की बात करे तो प्याज पहले पहले 50-60 रुपए प्रति किलो था। अब 70-80 रुपए प्रति किलो में मिल रहा है।लहसून के भाव भी चौंका देने वाले है। पहले 200 रुपए प्रति किलो में बिकने वाला लहसुन अब 400 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। यह स्थिति आम जनता के लिए काफी चिंता का विषय बन गई है।Also Read फ्रोजन भ्रूण तकनीक से जन्मा पहला बछड़ा: जानिए सम्पूर्ण जानकारी नींबू और धनिया जैसी सामग्रियों के दाम भी बढ़ गए हैं। 80-100 रुपए प्रति किलो बिकने वाला नींबू अब 100-150 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है। धनिया की कीमतें भी 150 से 300 रुपए किलो तक पहुंच गई हैं। इस प्रकार आम आदमी की रसोई का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है।सब्जियों के भाव (Price Of Vegetables)सब्जीअधिकतम भाव (रूपए/किलो)न्यूनतम भाव (रूपए/किलो)टमाटर₹80₹50प्याज₹80₹60शिमला मिर्च₹150₹100लहसून₹480₹300पालक₹80₹50गोभी₹130₹80नीम्बू₹150₹90गिलकी₹100₹75लौकी₹60₹45चाइना खीरा₹65₹40देशी खीरा₹55₹30धनिया₹300₹145बैंगन₹80₹60कद्दू₹60₹40ग्वारफली₹120₹100अरबी₹80₹72पत्तागोभी₹65₹55नया आलू₹50₹38पालक₹80₹60मैथी₹160₹144Also Read आत्मा कार्यक्रम: 30 सितंबर तक जमा करें आवेदन, पंचायत स्तर पर किसानों को मिलेगा सम्मान सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी के कारणबाजार में सब्जियों के भावों में हो रही बढ़ोतरी ने हर किसी को परेशान कर दिया है। आम लोग अपने दैनिक खर्चों में कटौती करने पर मजबूर हैं। कई लोग अब सब्जियों की जगह फल या अन्य सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि कुछ सब्जियों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है, लेकिन प्याज टमाटर और लहसुन के दामों में कोई राहत नहीं दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस महंगाई का दौर एक से डेढ़ महीने तक जारी रह सकता है।बीते महीनों में हुई लगातार बारिश के प्रभाव से सब्जियों के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। कई फसलें बारिश में खराब हो गई जिससे आवक में कमी आई है। जब उत्पादन में गिरावट आती है तो स्वाभाविक रूप से कीमतें बढ़ जाती हैं। बाजार में इसी वजह से भावों में उछाल देखने को मिल रहा है।केंद्र सरकार द्वारा आयात शुल्क (इम्पोर्ट ड्यूटी) में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई जो इस महंगाई का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। इससे सरसों तेल में प्रतिदिन 250-300 रुपए की वृद्धि देखने को मिल रही है। जब आवश्यक खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ती हैं तो इसका असर सब्जियों पर भी पड़ता है।निष्कर्षसब्जियों की कीमतों में हो रही वृद्धि ने आम लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है। इस महंगाई से निपटने के लिए सरकार और किसानों को मिलकर काम करना होगा। यदि इस स्थिति में जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो इससे समाज के सभी वर्गों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मि सकता है।आशा करते हैं कि जल्द ही इस महंगाई की आग पर काबू पाया जा सकेगा और आम जनता को राहत मिलेगी। तब तक हमें अपने बजट को लेकर सतर्क रहना होगा और समझदारी से खर्च करना होगा। कृषि समाचार