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पशु नुकसान मुआवजा : बाढ़ और आपदा में मृत पशुओं के मुआवजे की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश

Rajendra Suthar, August 8, 2024August 8, 2024

बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएँ अक्सर किसानों और पशुपालकों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न करती हैं। जब इन घटनाओं के कारण खेतों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और पालतू पशु मारे जाते हैं, तो इससे प्रभावित परिवारों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं और मुआवजा प्रणालियों की व्यवस्था की है ताकि प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।

किसान भाइयों वर्तमान में देशभर में मानसून सक्रिय है और कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। इस बाढ़ से किसानों की फसलों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही पशुपालक किसानों के पालतू पशु भी बाढ़ के कारण मर रहे हैं। जबकि फसलों के नुकसान के लिए सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की जाती है, पशुओं की मौत पर किसानों को अक्सर पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाता।

इस संदर्भ में एक ठोस योजना की कमी है जो बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से पशु हानि पर किसानों को मुआवजा प्रदान कर सके। हालांकि, सरकार ने पशु बीमा योजना (Animal Insurance Scheme) शुरू की है, जिसका लाभ अभी सीमित संख्या में किसानों को ही मिल पा रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, राज्य सरकार एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसका उद्देश्य बाढ़ और आपदाओं के कारण मृत पशुओं के लिए मुआवजा प्रदान करना है, ताकि किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके।

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मुआवजा राशि

योजना के अनुसार दुधारू पशु जैसे गाय, भैंस, ऊंट, याक, मिथुन (गयाल) आदि की बाढ़ या आपदा से मृत्यु हो जाने पर प्रति पशु 37500 रूपये का मुआवजा देना का प्रवधान है। इसके तहत एक परिवार को अधिकतम तीन पशुओं का अनुदान दिया जा सकता है। दुधारु पशुओं के अलावा अन्य पशु जैसे बकरी, भेड़, और सुकर आदि की बाढ़ या आपदा में मृत्यु हो जाने पर 4000 रूपये प्रति पशु के अनुसार अनुदान दिया जायेगा।

बोझा ढोने वाले पशु जैसे बैल, ऊंट और घोड़ा पशुओं की मौत आपदा या बाढ़ से हो जाने पर 32000 रूपये प्रति पशु का मुआवजा दिया जाएगा। बछड़ा, खच्चर, गधा, टट्टू की बाढ़ या आपदा में मौत हो जाने पर प्रति पशु 20000 रूपये का मुआवजा दिया जाएगा।

मुर्गीपालक और पोल्ट्री व्यवसाय करने वाले को मुर्गियों की बाढ़ या आपदा से मृत्यु हो जाने पर उन्हें प्रति मुर्गी के लिए 100 रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही प्रति परिवार को 5000 रूपये का अनुदान या मुआवजा दिया जाएगा।

पशु नुकसान मुआवजा के मुख्य बिंदु

किसान साथियों बिहार में हाल ही में हुई बारी बारिश के कारण बाढ़ जैसा माहौल बना गया है। बारी बारिश के कारण किसानो की फसलों को नुकसान हुआ है साथ ही पालतू पशुओं को भी नुकसान हुआ है। बाढ़ के कारण कई पशुओं की मृत्यु भी हुई है। इन्ही समस्याओं को देखते हुए बिहार सरकार ने पशु नुकसान मुआवजा योजना की शुरुआत की है। योजना का लाभ केवल बिहार के निवासियों को ही मिलेगा।

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इस योजना का संचालन सरकार के पशु और मत्स्य विभाग द्वारा किया जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य किसानो के पशुओं की मौत से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करना है।

पशु नुकसान मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया

बाढ़ या आपदा से पशुओं की मृत्यु हो जाने पर पशुपालक को अपने क्षेत्र केअधिकारी को इसकी सुचना देनी होगी। सुचना के उपरान्त सम्बन्धित अधिकारी पशु की मौत की जांच और पुष्टि करेगें। इसके बाद पशुपालको के बैंक खाते में मुआवजें की राशि ट्रांसफर की जाएगी।

अधिक जानकारी के लिये आप पशु स्वास्थ्य और उत्पादन संस्थान, बिहार के सम्पर्क सूत्र : 0612-2230942 और 0612- 2226049 पर फ़ोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है।

निष्कर्ष

बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं किसानो की खेती और पशुपालको के जीवन के प्रति कठिन समस्या है। हालांकि, सरकारी मुआवजा देनी वाली योजनाओं के माध्यम से किसानो को आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। किसानो को मुआवजा के लिये आवेदन करते समय सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना और समय पर कदम उठाना आवश्यक है ताकि आप उचित राहत प्राप्त कर सकें और आपदा से हुए नुकसान की भरपाई कर सकें।

Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।

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