मानसून की कम बारिश किसानो के लिए बनी चिंता : जानिए आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम Rajendra Suthar, July 1, 2024July 1, 2024 किसान भाइयो मानसून का आगमन हो चूका है और कई क्षेत्रो में अभी मानसून पहुंचना है। किसान भाइयों इस बार मानसून आगमन से पहले मौसम विभाग द्वारा बताया गया था की इस साल मानसून की बारिश अच्छी होगी। इस महीने की बात करें तो महीने के अंत में देश के कई राज्यों में मानसून की बारिश हो रही है , मानसून की वर्षा के साथ किसान भाइयो ने खरीफ की फसल की तैयारी भी शुरू कर दी है। लेकिन अभी भी मानसून का पूर्ण रूप से आगमन नहीं हुआ है। कई राज्यों में किसान वर्षा की आशा लागाए हुए है।झारखण्ड की बात करें तो झारखण्ड में हर बार जून के प्रारम्भ में मानसून का प्रवेश हो जाता है लेकिन इस बार जून का महीना ख़त्म हो गया है और किसान अच्छी बारिश के लिए तरस रहे है। अभी भी राज्य के अनेक जिलों में बारिश नहीं हुई है। आंकड़ों के अनुसार झारखण्ड में लगभग 60 % कम बारिश हुई है। इस तरह से बारिश की कमी के कारण किसान भाईयो के लिए खरीफ की फसल की खेती करने में बाधा आ रही है क्योकी अगर किसान इस समय खरीफ की फसल की बुवाई कर दे तो बारिश समय पर नहीं होने के कारण किसानो की मेहनत और धन दोनों का नुकसान होनी की चिंता है।मौसम विभाग की रिपोर्टमौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिको के अनुसार बारिश में कमी का कारण जलवायु परिवर्तन है। जिससे मानसून के समय में बदलाव हुआ है। झारखण्ड में बीते 10 साल का रिकॉर्ड देखे तो सिर्फ दो साल में मानसून का आगमन जून के प्रारंभ में हुआ है। और बाकी आठ सालो में मानसून जून के अंतिम सप्ताह में आया है। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया की पूर्ण रूप से मानसून जुलाई में ही झारखण्ड में सक्रिय होता है।वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा की आने वाली दो दिनों में यानि जुलाई के शुरू होती ही झारखण्ड में मानसून की वर्षा की तेज रफ्तार पकड़ने की सम्भावना है। इस बार मानसून की वर्षा अक्टूबर तक होगी जो किसान भाइयों के लिए राहत भरी खबर है।झारखण्ड में वर्षा की बात करें तो जून महीने में सबसे कम बारिश गढ़वा जिले में हुई है। इस जिले में 8.2 मिली बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश को सामान्य बारिश की तुलना में लगभग 90% कम माना जाता है। झारखण्ड के पाकुड़ जिले में सामान्य से 88% कम बारिश दर्ज की गई है। बीते वर्ष सूखे के प्रकोप में रहने वाले चतरा और खूंटी में अभी तक 60% से कम बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। वही साहिबगंज में 84% और कोडरमा में 81% कम बारीश हुई है।बदलते मौसम के अनुसार करें बुवाईकिसान साथियों बारिश में देरी और जलवायु परिवर्तन के कारण खरीफ की फसल की खेती करने वाली किसानो ने अभी खेती की ओर रुझान नहीं किया है। कृषि वैज्ञानिक सलाह दे रहे है की धान की सीधी बुवाई करने वाले किसान भाइयों को 30 जून तक धान की बुवाई कर देनी चाहिए थी। लेकिन बीते वर्ष के अनुसार देखे तो 30 जून तक वर्षा नहीं होने से खेत की प्रारम्भिक तैयारी भी नहीं हो पाती है।जिन किसान भाइयो के पास सिंचाई की व्यवस्था है वे डीएसआर विधि के माध्यम से बुवाई कर सकते है। लेकिन सिंचाई के लिए भी अभी पर्याप्त पानी नहीं है इस कारण किसान भाइयों को अच्छी वर्षा का इंतजार करना होगा। किसानो को अब बारिश के समय के अनुसार धान की फसलों की रोपाई के समय में भी बदलाव करनी की आवश्यकता है।आने वाली दिनों में कैसा रहेगा मौसम का मिजाजराजस्थान में मौसम मौसम विभाग ने मानसून के संबंध में अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया है की आने वाले दो दिनों में पश्चिमी राजस्थान के कुछ क्षेत्रो में मानसून की आगे बढ़ने की संभावना है। राजधानी दिल्ली में जुलाई के प्रारम्भ से भारी बारिश की उम्मीद है। मौसम वैज्ञानिको के अनुसार गुजरात और महाराष्ट्र में गरज और बिजली के साथ हल्की बारिश की संभावना है, और दक्षिण गुजरात और आस-पास के क्षेत्रो में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब और उत्तर-प्रदेश में भी अच्छी वर्षा की संभावना जताई जा रही है।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। मौसम समाचार