मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा नवीन तकनीक से प्याज की खेती में क्रांति: कम लागत में अधिक मुनाफा Rajendra Suthar, March 5, 2024March 5, 2024 मध्यप्रदेश : हाल ही के दिनों में मौसम के बदलाव और अचानक हुई बारिश से फसलों, विशेषकर प्याज की खेती करने वाले किसानों को काफी हानि उठानी पड़ी है। मौसमी चुनौतियों का सामना करते हुए, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के किसानों ने एक नवीन तकनीक का सहारा लिया है, जिसके फलस्वरूप उन्हें खेती में महत्वपूर्ण लाभ हो रहा है। इस नई विधि से न केवल उत्पादन की लागत में कमी आई है, बल्कि श्रमिकों की आवश्यकता भी घटी है।नई तकनीक की क्यों आवश्यकतामध्यप्रदेश के गांव रफीगंज के रहने वाले किसान राजेंद्र परमार ने बताया कि वह कुल 5 एकड़ में प्याज खेती करते हैं. बीते 2 साल से इस नई विधि और तकनीक से प्याज की प्याज की खेती कर रहे हैं. इसके अच्छे परिणाम मिल रहे है. उन्होंने आगे बताया कि हमारे गांव में खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं है साथ ही है साथ ही मजदूर भी नहीं मिलते है. इस वजह से नई तकनीक की जरूरत पड़ी। किसानों का कहना है कि इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है साथ ही मजदूरों की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है।क्या है नई तकनीककिसान भाई ने बताया की नई तकनीक से प्याज की खेती करने के लिए खेत में बक्खर चलाकर पलेवा करके 1 महीने की धूप में छोड़ दिया जाता है। साथ ही बक्खर और रोटर वेटर चला कर ढाल बनाकर बीज डीएपी के साथ डाला जाता है। साथ ही समय समय पर पानी का छिड़काव के साथ डीएपी का छिड़काव किया जाता है।नई तकनीक से लाभकिसानों के अनुसार इस नई तकनीक का उपयोग करके लगभग 1 एकड़ जमीन पर प्याज की खेती करके 170 से 180 क्विंटल प्याज की पैदावर प्राप्त की जाती है। साथ ही किसान भाइयों ने बताया कि उनके जिलें में इस साल 6 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती हुई है। कई किसानों ने नई तकनीक से प्याज की खेती को अपनाया है और अच्छी पैदावार प्राप्त का अपनी जीवका को सुलभ बनाया। कृषि समाचार