मूंग के भावों में आया उछाल: जानिए MSP और कृषि मंडीयों का प्रभाव Rajendra Suthar, October 17, 2024October 17, 2024 किसान साथियों कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो न केवल देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि किसानों की जिंदगी और उनके परिवारों के भविष्य का भी निर्धारण करता है। हाल ही में, मूंग के समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद के लिए टोकन मिलने शुरू हो चुके है और MSP का प्रभाव मूंग के भावों पर देखने को मिल रहा है। टोकन मिलते ही मंडियों में मूंग के भावों में अच्छा उछाल देखने को मिला है। यह एक सकारात्मक संकेत है, जो किसानों के लिए राहत और उम्मीद का संचार करता है।Moong Ka Bhav : इस सप्ताह के दूसरे दिन मंडियों में मूंग के भाव में 200-300 रुपए/क्विंटल तक का उछाल आया। मूंग के भव में यह वृद्धि किसान भाइयों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन होता है। मंडियों में मूंग के भाव की बात करें तो मंडी में मूंग के भाव 7050 से 7750 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए, जो कि सोमवार के भाव 6700 से 7600 रुपए की तुलना में स्पष्ट वृद्धि दर्शाता है।राजस्थान की मंडियों में मूंग के भाव (Rajasthan Mandi Moong Bhav)मेड़ता मंडी मूंग भाव : 6900-7800 रूपये प्रति क्विंटलबीकानेर मंडी मूंग भाव : 6800-7300 रूपये प्रति क्विंटलनोखा मंडी मूंग भाव : 6860-7500 रूपये प्रति क्विंटलजोधपुर मंडी मूंग भाव : 6900-7500 रूपये प्रति क्विंटलनागौर मंडी मूंग भाव : 7000-8000 रूपये प्रति क्विंटलसीकर मंडी मूंग भाव : 6800-7800 रूपये प्रति क्विंटलअनूपगढ़ मंडी मूंग भाव : 6000-7600 रूपये प्रति क्विंटलकोटा मंडी मूंग भाव : 6640-7520 रूपये प्रति क्विंटलAlso Read किसान भाइयों के लिए अच्छी खबर: मूंग और उड़द-सोयाबीन बेचने का रजिस्ट्रेशन शुरू मध्यप्रदेश की मंडियों में मूंग के भाव (Madhya Pradesh Mandi Moong Bhav)छिंदवाड़ा मंडी मूंग भाव : 6900-7100 रूपये प्रति क्विंटलविदिशा मंडी मूंग भाव : 6200-7000 रूपये प्रति क्विंटलगुना मंडी मूंग भाव : 6300-7500 रूपये प्रति क्विंटलजबलपुर मंडी मूंग भाव : 6000-7780 रूपये प्रति क्विंटलटिमरनी मंडी मूंग भाव : -6200-8000 रूपये प्रति क्विंटलदमोह मंडी मूंग भाव : 6500-7000 रूपये प्रति क्विंटलइटरासी मंडी मूंग भाव :6400-7755 रूपये प्रति क्विंटलपिपरिया मंडी मूंग भाव :7000-7900 रूपये प्रति क्विंटलसनावद मंडी मूंग भाव : 6900-7400 रूपये प्रति क्विंटलमंडी में आवक और भावों का विश्लेषणअभी मंडियों में बाजरा, मूंग, और ग्वार जैसी खरीफ की नई फसलों की आवक में तेजी आई है। किसान अब रबी की फसल की बुवाई के लिए अपने खेत में लगी पुरानी फसलों की कटाई और थ्रेसिंग कर मंडी में बेचने पहुंच रहे हैं। कुचेरा कृषि मंडी में बाजरा 2400 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है, जबकि ग्वार की कीमत 5000 से 5250 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गई है। इससे यह स्पष्ट है कि किसानों के लिए यह समय फसल बेचने का अनुकूल अवसर है।मंडियों में मंगलवार से बाजरा करीब 300 क्विंटल, मूंग करीब 70 क्विंटल, ग्वार करीब 50 क्विंटल, सौंफ 07 क्विंटल और ज्वार 35 क्विंटल की आवक रही। नई फसलों की बढ़ती आवक और किसानों का उत्साह इस बात का संकेत है कि कृषि क्षेत्र में फिर से सुधार हो रहा है।Also Read प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) : गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना का 2028 तक विस्तार MSP का महत्व : समर्थन मूल्य (MSP) की नीति का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल की लागत का उचित मूल्य देना है। जब MSP की प्रक्रिया शुरू होती है, तो किसानों को अधिक लाभ मिलने की उम्मीद होती है, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है और भावों में उछाल आ जाता है। यह MSP न केवल किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का माध्यम है, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र की स्थिरता भी सुनिश्चित होती है।किसान भाइयों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा MSP को नियमित रूप से बढ़ाया जाए और खरीद प्रक्रिया को आसान बना दिया जाए तो वे और भी अधिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार फसलों की विविधता को बढ़ावा दे, ताकि किसान केवल एक फसल पर निर्भर न रहें।मंडी में किसानों का उत्साह देखकर यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी उपज बेचने को लेकर गंभीर हैं। व्यापारियों के साथ उनका सहयोग भी महत्वपूर्ण है। व्यापारियों को चाहिए कि वे उचित मूल्य पर फसल खरीदें, ताकि किसानों को मेहनत का सही मूल्य मिल सकें। इससे दोनों पक्षों के बीच एक संतुष्ट संबंध बनेगा।निष्कर्षमूंग के भावों में वृद्धि और MSP की प्रक्रिया का शुरू होना किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है। नई फसलों की आवक और मंडी में उत्साह इस बात का संकेत है कि कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं। यदि यह प्रक्रिया जारी रहती है, तो भारतीय कृषि का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।किसानों को चाहिए कि वे अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करें और कृषि के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दें, ताकि वे अधिक लाभ कमा सकें। इसके साथ ही, सरकार को भी चाहिए कि वह किसानों के हित में नीतियों को लागू करे और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाए। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि देश की कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी।इस प्रकार, मूंग के भावों में आई वृद्धि, किसानों की मेहनत का फल है और यह दर्शाता है कि कृषि क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। किसानों के लिए यह समय अपने प्रयासों को और बढ़ाने का है, ताकि वे एक सशक्त और सफल भविष्य की ओर बढ़ सकें। कृषि समाचार