गेहूं को सालों तक सुरक्षित रखने के प्राकृतिक और सरल उपाय Rahul Saharan, May 24, 2024May 24, 2024 फसल पकने के बाद भी किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे, समय पर कटाई, सही मशीनों का उपयोग, उचित स्थान पर फसलों का भंडारण, और कीटों से फसलों की सुरक्षा। गेहूं को सालों तक सुरक्षित रखने के प्राकृतिक और सरल उपाय बहुत महत्वपूर्ण है।लेकिन सबसे बड़ी समस्या है—कटाई के बाद प्रबंधन और भंडारण की जानकारी की कमी।गेहूं का सुरक्षित भंडारण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान भी गेहूं की फसल को कई खतरों का सामना करना पड़ता है। यदि भंडारण सही ढंग से नहीं किया गया, तो फसल कीटों का शिकार हो सकती है या नमी के कारण फसल में फंगस लग सकता है। ये सभी खतरे भंडारण के दौरान गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे किसान की साल भर की मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसलिए, किसानों के लिए गेहूं भंडारण के सही तरीकों की जानकारी होना बहुत जरूरी है।भंडारण के दौरान फसल को किन-किन खतरों का सामना करना पड़ सकता है :-नमी का खतरा-कीटों का आक्रमण भंडारण में रखी फसल को नुकसान पहुँचा सकता है।और अनुचित भंडारण कीटों के फैलाव को बढ़ावा देता है। भंडारण में रखी फसलें भृंग, घुन और पतंगों जैसे कीटों द्वारा संक्रमित हो सकती हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। ये कीट फसल को खाते हैं, जिससे उसका वजन घटता है और गुणवत्ता भी कम हो जाती है।कीट का खतरा-भंडारण के दौरान फसल में नमी बढ़ने से फंगस लग सकता है। और अगर भंडारण स्थल में नमी होती है तो इससे फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है। नमी युक्त स्थान पर अनाज के भंडारण से फफूंद, फंगस और बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है, उसकी गुणवत्ता घट जाती है और बाजार में उसकी कीमत गिर जाती है।गेहूं को सुरक्षित भंडारित करने के तरीके :- गेहूं को सूखा कर भंडारित करें-भंडारण से पहले गेहूं को अच्छी तरह सुखा लें। भंडारण से पहले गेहूं को अच्छी तरह सुखा लें। गेहूं में नमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अधिक नमी होने पर कीड़े और फंगस लग सकते हैं। आमतौर पर बारिश के मौसम में सुरसी, खपरा, डोरा और जाल वाले कीड़े अनाज में लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बारिश के मौसम में नमी अधिक होती है, जिससे गेहूं नरम हो जाता है। जब गेहूं नरम होता है, तो कीड़े उसे आसानी से काट सकते हैं। इसलिए, बारिश के मौसम में अधिक कीड़े लगते हैं।भंडारण टंकी को धूप में रखें- जिस टंकी में गेहूं रखना है, उसे 4-5 दिन तक धूप में रखें। गेहूं का भंडारण करने से पहले लोहे की टंकी को चार-पांच दिन तेज धूप में रखें। धूप में रखने से टंकी में मौजूद कीट मर जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जहां गेहूं का भंडारण किया जाना है, वहां नमी नहीं होनी चाहिए। नमी होने पर गेहूं खराब हो सकता है। यदि संभव हो, तो गेहूं का भंडारण घर से अलग स्थान पर करें। अगर यह संभव न हो, तो गेहूं को घर के किसी कोने में स्टोर करें।भंडारण स्थल का उपचार करें- भंडारण की जगह को कीटाणुरहित करें। यदि आप घर पर खुले में गेहूं की फसल का भंडारण करने की योजना बना रहे हैं, तो उस स्थान का भी उपचार करें। इसके लिए, 50% मेलाथियान का एक हिस्सा 100 हिस्से पानी में मिलाकर घोल बनाएं और इसे भंडारण क्षेत्र में छिड़कें।प्लेटफार्म का उपयोग करें–गेहूं को जमीन से ऊपर रखने के लिए प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें। यदि आप बोरियों में गेहूं की फसल का भंडारण करने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि बोरियों को सीधे जमीन पर न रखें, चाहे आप घर पर ही भंडारण क्यों न कर रहे हों। ऐसा करने से नमी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, विशेषज्ञ हमेशा प्लेटफॉर्म के उपयोग की सलाह देते हैं। प्लेटफॉर्म बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि यह जमीन से कम से कम 10-12 इंच ऊँचा हो ताकि हवा का प्रवाह बना रहे।टंकी में नीम की पत्तियां या एल्यूमिनियम फॉस्फाइड की गोलियां डालें-कीटों से बचाने के लिए टंकी में नीम की पत्तियां या एल्यूमिनियम फॉस्फाइड की गोलियां डालें। एक किलो नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर भंडारण से पहले टंकी की तली में बिछाएं। इससे गेहूं खराब नहीं होगा। यह तरीका थोड़ी मात्रा में गेहूं भंडारित करने के लिए उपयुक्त है। यदि गेहूं में पहले से ही कीड़े लगे हों, तो एल्यूमिनियम फॉस्फाइड (जिसे गेहूं में रखने वाली गोली भी कहते हैं) की 3 गोलियां प्रति 10 कुंटल के हिसाब से उपयोग करें।पुरानी बोरियों का इस्तेमाल न करें- भंडारण के लिए नई बोरियों का उपयोग करें।कभी भी बिना उपचारित किए पुरानी बोरियों या कुठला का भंडारण के लिए उपयोग न करें। यदि संभव हो, तो नई बोरियों का ही इस्तेमाल करें। यदि पुराने बोरों का प्रयोग करना आवश्यक हो, तो इन्हें एक प्रतिशत मेलाथियान के घोल में 10 मिनट तक डुबोकर, सुखाकर उपयोग करें।ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें:-पुराने गेहूं को कभी भी नए भंडारित गेहूं के साथ न रखें।भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले गोदाम, लोहे की टंकी या वायुरोधी कवर में किसी भी प्रकार की दरार या छेद को भंडारण से पहले ही सील कर लें, ताकि संक्रमण से बचा जा सके।चूहों के नियंत्रण के लिए एल्युमिनियम फॉस्फाइड, चूहेदानी या एंटीकोएगुलेंट्स का उपयोग करें।भंडारण स्थल के आसपास गंदगी न रखें। Blog कृषि सलाह