अगस्त माह में किसान गन्ने की खेती में करे ये काम, पैदावार में होगा लाभ Rahul Saharan, August 1, 2024August 1, 2024 राम राम किसान साथियों जैसा कि आप सभी को मालुम है की भारत में गन्ने की खेती प्राचीन समय से की जा रही है। गन्ने की खेती एक लाभदायक फसल होती है। क्योकि गन्ने की फसल को नकदी की फसल कहा जाता है। इस फसल से किसानो को बहुत अधिक लाभ मिलता है। लेकिन लाभ के साथ साथ किसानो को नुकसान होने की सम्भावना भी उतनी ही अधिक बनी रहती है। किसानो को नुकसान से बचाने के लिए कृषि विभाग की ओर से गन्ना कैलेंडर भी जारी किया गया है। उस कैलेंडर में किसानो को प्रत्येक महीने के अनुसार गन्ने की फसल के लिए सभी प्रकार की जानकारी साझा की गयी है।यदि किसान अगस्त माह में गन्ने की खेती करते है तो किसानो को गन्ने की फसल को नुकसान से बचाने के लिए 8 काम करने चाहिए। इस 8 कामो के द्वारा किसान नुकसान से बचने के साथ साथ फसल की पैदावार को भी बढ़ा सकते है। अगस्त महीना गन्ने की फसल के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योकि इस महीने में अधिक बरसात होने के कारण फसलों में अत्यधिक मात्रा में पानी भर जाता है। जिससे गन्ने की फसल में कीट और अन्य रोग उत्पन हो जाते है जो की इसके लिए बहुत हानिकारक होते है। इसलिए किसानो को अगस्त महीने में गन्ने की फसल को नुकसान से बचाने के लिए निम्नलिखित 8 कार्य करने चाहिए।Also Read भारत सरकार ने बजट में की किसानों के लिए 10 महत्वपूर्ण घोषणाएँ: जानिए पूरी जानकारी 1. गन्ने की फसल को नीचे गिरने से बचाने के लिए किसानो को गन्ने के प्रत्येक झुण्ड को उसकी सुखी हुयी पतियों के द्वारा पौधे के बिलकुल मध्य भाग में बांध देना चाहिए ताकि फसल निचे नहीं गिरे।2. जो किसान अपने खेत में हरित घास के रूप में ढेंचा/सनई की खेती करते है वे इसको बोन के लगभग 60 दिन के बाद इसको मिट्टी में मिला देवे और साथ ही इसमें प्रति हैक्टेयर लगभग 60 किलो सुपर फास्फेट का छिडकाव कर देवे।3 गन्ने की फसल के द्वारा यदि किसान अच्छा लाभ कमाना चाहता है तो उसको लगभग 5% यूरिया को पानी के अंदर घोल कर गन्ने की फसल के ऊपर छिड़काव करना चाहिए और यदि यूरिया के घोल के छिड़काव के एक दिन के भीतर अगर बरसात हो जाती तो यूरिया के घोल का असर कम हो जाएगा।4. बरसात के दिनों में किसानो के सामने सबसे बड़ी समस्या आती है खेतों में पानी भरने की। इस समस्या से बचने के लिए किसानो को खेत से पानी निकालने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि फसल ज्यादा पानी से खराब न हो।5. गन्ने की फसल में एक और सबसे बड़ी समस्या किसानो के सामने आती है खरपतवार की। कुछ हानिकारक पौधे/बेल गन्ने के पोधो के ऊपर चढ़ जाती है। जिसके कारण गन्ने की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है। इसे बचने के किसानो को जहाँ भी ये बेल दिखाई दे उनको तुरंत वहा से हटाकर अपने खेत से कहीं दूर ले जाकर नष्ट कर देवें ताकि ये दुबारा खेत में न पनप सकें।Also Read प्राकृतिक खेती के लिए सरकारी उपहार: 3 साल तक सब्सिडी का ऐलान 6. सबसे महत्वपूर्ण बात जो किसानो को ध्यान में रखनी चाहिए वो है गन्ने की उचित किस्मो का चुनाव करने का। भारत में सितम्बर के बीच में गन्ने की फसल की रोपाई शुरू हो जाती है ऐसे में यदि आप अगस्त में गन्ने की फसल को बोते है तो आपको बहुत की प्रकार की किस्मो का चुनाव करना चाहिए।7. अगस्त के महीने में सामान्यत गन्ने की फसल में कुछ रोग हो जाते है जैसे – गूदे का सड़ना, लालधारी रोग, कुड़वा रोग, काना रोग तथा पोक्का रोग आदि। ये रोग गन्ने की फसल को नष्ट कर देते है। इसलिए इनसे बचाव के लिए किसानो को समय समय पर अपनी फसल को सँभालते रहना चाहिए ताकि गन्ने की फसल को इन रोगो से बचाया जा सके।8. अगस्त माह में गन्ने की फसल में बहुत से कीटों का प्रभाव भी दिखाई देता है जैसे- सफ़ेद कीट, काला चिट्टा, पायरिला और अन्य। इससे ये कीट गन्ने की फसल को नष्ट कर देते है। इसलिए इनसे बचाव के लिए किसानो को समय समय पर अपनी फसल को सँभालते रहना चाहिए ताकि गन्ने की फसल को इन कीटों से बचाया जा सके। कृषि सलाह