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पाले के प्रभाव से फसल सुरक्षा: जानिए विशेषज्ञों की सलाह

Rahul Saharan, December 14, 2024December 21, 2024

राम राम किसान साथियों जैसा कि आप सभी को मालूम है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में शीतलहर चलने के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरते हुए तापमान और बढ़ती हुयी सर्दी और पाले के प्रभाव से कुछ फसलों को तो इसका लाभ मिलेगा लेकिन कुछ फसलों में पाले के प्रभाव के कारण हानि होने की सम्भावना नजर आ रही है। ऐसे में अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए विशेषज्ञों के द्धारा दी गयी सलाहों का पालन कर सकते है।

किसान भाइयो भारत के भारतीय कृषि अनुसंधान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने मौसम के इस दोहरी प्रकृति के प्रभाव के बारे में बताया है कि अचानक से ठंड के बढ़ जाने से गेंहू की फसल में कल्ले उगने में सहायता मिलेगी। जिससे इसकी उपज में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। परन्तु मौसम के इस तरह अचानक से बदल जाने के कारण गन्ने की फसल, सब्जी तथा सरसों की फसलों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। किसान भाइयों पाले के प्रभाव से फसलों को बचाने के लिए डॉ. वीरेंद्र लाठर के अनुसार फसलों में हल्की सिंचाई करें और सतर्क रहना आवश्यक है।

पाले का प्रभाव-

किसान साथियों अचानक से मौसम के करवट बदल लेने से फसलों को हानि होने की सम्भावना हो सकती है। हाल ही में चली शीतलहर के करण हरियाणा राज्य में कुछ क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान लगभग 2 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका है। इस तरह से अचानक तापमान में इतनी अधिक गिरावट आने से किसानों की चिंता और अधिक बढ़ गयी है। आलू, सरसो और सर्दियों में होने वाली सब्जियों को पाले से नुकसान होने की बहुत ही प्रबल सम्भावना होती है।

किसान भाइयो पाले का प्रभाव गेंहू की फसल के लिए फायदेमंद साबित होता है। परन्तु विशेषज्ञों के अनुसार अन्य प्रकार की फसलों के लिए पाला बहुत ही हानिकारक साबित होता है। और ठंड के बढ़ने से पाले का प्रभाव अधिक होने की सम्भवना भी बढ़ती ही जा रही है। जिसके कारण सरसों और सब्जियों की फसल को नुकसान उठाना पड़ सकता है। और अभी यह ठंड का शुरूआती दौर है इसलिए कुछ और इन्तजार के बाद ही पता लग पाएगा की फसलों पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है।

किसान भाइयो भारत के भारतीय कृषि अनुसंधान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने मौसम के इस दोहरी प्रकृति के प्रभाव के बारे में बताया है डॉ. लाठर ने इसे दि ट्रिब्यून से कहा है कि अचानक से ठंड के बढ़ जाने से गेंहू की फसल में कल्ले उगने में सहायता मिलेगी। जिससे इसकी उपज में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। परन्तु मौसम के इस तरह अचानक से बदल जाने के कारण गन्ने की फसल, सब्जी तथा सरसों की फसलों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। किसान भाइयों पाले के प्रभाव से फसलों को बचाने के लिए डॉ. वीरेंद्र लाठर के अनुसार फसलों में हल्की सिंचाई करें और सतर्क रहना आवश्यक है।

पाले के प्रभाव पर विशेषज्ञों की सलाह-

किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने अचानक बदलते हुए इस मौसम की चिंताओं का स्मरण करते हुए बताया है की बढ़ती हुयी ठंड का मौसम गेंहू की फसल के लिए बहुत अधिक फायदेमंद साबित होता है। लेकिन अन्य प्रकार की फसल और सब्जियों के लिए इतनी अधिक ठंड का मौसम बिलकुल भी अनुकूल साबित नहीं होता है। डॉ. वजीर ने भी फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए फसल में हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है।

मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा का औसत तापमान लगभग 1.5 डिग्री सेल्सियस से भी कम रिकॉर्ड किया गया है। ये तापमान सामान्य तापमान से लगभग 3.4 डिग्री सेल्सियस कम है। हरियाणा के कुछ हिस्सों का न्यूनतम तापमान इस प्रकार से है –

क्रम संख्या शहर का नाम न्यूनतम तापमान
(डिग्री सेल्सियस में)
1अंबाला7.7
2हिसार3.3
3करनाल4.8
4भिवानी3.8
5महेंद्रगढ़1.9
6सिरसा3.7
7फतेहबाद8.2
8गुरुग्राम6.2
9बालसमंद1.5 (सबसे कम)

पाले से फसलों की सुरक्षा-

किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है सिंचाई। सिंचाई करते समय यह बात आवश्यक रूप से ध्यान में होनी कहहिये की फसलों की पाले से बचाने के लिए उनको अधिक पानी नहीं लगाए। अधिक पानी देने के कारण खेतो में जलभराव की समस्या आए सकती है। जिससे की फसल के सड़ने की सम्भावना प्रबल हो जाएगी अर्थात अधिक पानी की वजह से फसल सड़ने लग जाएगी।

किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है खेत के चारों तरफ धुँआ। फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए आप अपने खेत के चारों तरफ धुँआ भी कर सकते है। खेत के चारों तरफ धुँआ करने से वहाँ की हवा में नमी की मात्रा कम होती है। जिसके कारण फसल पर पाले का प्रभाव नहीं पड़ता हैं।

किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है मल्च। फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए आप अपने खेतो में फसल के ऊपर मल्च भी लगा सकते है। मल्च लगाने से आपकी पूरी फसल ढ़क जाएगी। जिसके कारण फसल पर पाले का प्रभाव नहीं पड़ता है। और फसल की पाले से सुरक्षा की जा सकती है।

किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए चौथा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है दवाओं का छिड़काव।फसलों को पाले से बचाने के लिए आप अपने खेतो में फसल पर दवाओं का छिड़काव भी कर सकते है। दवाओं के छिड़काव से फसलों को पाले के प्रभाव से बचाया जा सकता है। परन्तु अभी फसलों पर दवाओं का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं है क्योकि अभी पाले का शुरूआती दौर है।

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