मूंग की मंडी में निराशा: जानिए समर्थन मूल्य से कम भावों की कहानी Rajendra Suthar, September 30, 2024September 30, 2024 किसान साथियों कृषि क्षेत्र में मूंग एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे खरीफ की फसल के रूप में उगाया जाता है। इस वर्ष, मेड़ता कृषि उपज मंडी और अन्य मंडियों में मूंग की आवक शुरू हो गई है, और व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि मंडी में अच्छी मात्रा में मूंग आएगे। हालांकि, किसान अभी भी मूंग के भावों से निराश हैं क्योंकि उन्हें समर्थन मूल्य (एमएसपी) के निर्धारित दामों से कम दाम मिल रहे हैं।सरकार द्वारा इस बार मूंग क लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 8682 रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया है। लेकिन किसान मंडी में मूंग बेचते समय 400 से 500 रुपए प्रति क्विटल का नुकसान उठा रहे हैं। ऐसे में किसानों का कहना है कि वे समर्थन मूल्य की खरीद की प्रक्रिया को एक महीने पहले से ही शुरू करने की मांग कर रहे है। जिससे किसानो को उचित मूल्य मिलेगा और वे अपने मूंग को बेहतर दाम पर बेच सकेंगे।Also Read राजस्थान मूंग उत्पादन में शीर्ष स्थान पर, मारवाड़ की 70 प्रतिशत भागीदारी किसान संगठनों के नेताओं जैसे कि भारतीय किसान यूनियन (मानवता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील रियाड़ सोगावास ने इस समस्या के मुद्दे को उठाया है। उनका कहना है कि अगर सरकार सच में किसानों को एमएसपी का लाभ दिलाना चाहती है, तो उसे अक्टूबर से ही मूंग की खरीद समर्थन मूल्य पर शुरू करनी चाहिए।मौसम का प्रभावइस वर्ष अतिवृष्टि की मार भी झेलनी पड़ रही है। हालांकि गुणवत्ता के अनुसार तो मूंग निराश नहीं कर रहे है। काश्तकारों को विराट क्वालिटी मूंग के दाम 8700 से 9200 रुपए प्रति क्विटल तक मिल रहे है लेकिन यह केवल चुनिंदा ढेरियों के लिए ही है। सामान्य गुणवत्ता वाले मूंग के लिए उन्हें 7500 से 8200 रुपए प्रति क्विटल के बीच दाम मिल रहे हैं।वही मंडी में मूंग की आवक की स्थिति किसानों के लिए चिंताजनक है क्योकि यदि सरकार समय पर समर्थन मूल्य की खरीद शुरू नहीं करती तो मंडी में मूंग की आवक घट जाएगी जिससे किसानों को और भी नुकसान हो सकता है।Also Read जीरा-ईसबगोल की खेती: 25 हजार फार्मपाउंड से बढ़ेगी किसानों की आय मंडियों में मूंग की आवकराजस्थान की कृषि उपज मंडियों में नए मूंग की आवक सितम्बर माह के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती है। लेकिन सरकार की ओर से MSP पर मूंग की खरीद 1 नवम्बर से शुरू की जाती है। किसान भाइयों का मानना है कि यदि सरकार अक्टूबर से ही समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर दे तो उन्हें एक अतिरिक्त महीने का समय मिल जाएगा। जिससे उनकी फसल को सही दाम मिल सकेगा और वे वित्तीय संकट से बच सकेगें।मेड़ता कृषि उपज मंडी में मूंग की आवक तेजी से बढ़ने लगी है। पिछले सप्ताह की से मंडी में मूंग की आवक तेजी से बढ़ने लगी है। व्यापारिक सप्ताह के अंतिम दिन, शनिवार को मंडी में 8200 कट्टे मूंग की आवक हुई।खरीफ सीजन का पहला पहला व्यापारिक सप्ताह मेले जैसा रहा। मंडी परिसर में मूंग लेकर पहुंचने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली और लोडिंग जीपों का जमावड़ा देखने को मिला साथ ही डोम और प्लेटफार्मों के नीचे मूंग की ढेरियाँ भी देखी गईं। मंडी सचिव राजेंद्र कुमार रियाड़ ने बताया कि शनिवार को मंडी में 8200 कट्टे मूंग की आवक हुई। कुल आवक 95 हजार 615 क्विटल रही।किसान साथी अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। यह चाहते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए और सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करे। छोटे किसान जो इस प्रक्रिया में पिछड़ जाते है उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर एमएसपी की खरीद प्रक्रिया को समय पर और सही तरीके से लागू किया जाए, तो इससे सभी किसानों को लाभ होगा।निष्कर्षइस वर्ष मंडियों में मूंग की आवक को लेकर जो उम्मीदें थी वे किसानों के लिए आर्थिक मजबूती का आधार बन सकती हैं। लेकिन वर्तमान में उन्हें जो भाव मिल रहे हैं, वह उनके लिए चिंता का विषय है। इसलिए, यह जरूरी है कि सरकार किसानों की आवाज सुनकर समय पर कार्रवाई करे, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।किसान यदि अपनी उपज को बेहतर दाम पर बेच सकें, तो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि यह पूरे कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। हमें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और किसानों को सही समय पर समर्थन मूल्य की खरीद की सुविधा प्रदान करेगी। कृषि समाचार