सौंफ के भाव में उछाल: बेहतर गुणवत्ता वाली ग्रीन सौंफ की बाजारों में बढ़ रही मांग Rajendra Suthar, October 4, 2024October 4, 2024 किसान साथियों कृषि उपज मंडियों में नवरात्रि की शुरुआत से सौंफ के भावों में हुई अप्रत्याशित वृद्धि ने किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ा दी है। पिछले एक महीने से निराशाजनक स्थितियों का सामना कर रहे काश्तकार अब एक नई उम्मीद के साथ मंडी में अपनी उपज लेकर आ रहे हैं। सौंफ के भावों में 1500 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है, जो कि काश्तकारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में ग्रीन सौंफ के मांग में बढ़ोतरी के कारण सौंफ के भाव में भी तेजी आई है। भाव में आई ये तेजी किसानो और काश्तकारों के लिए एक नई उम्मीद जागृत कर रही है। जिससे मंडियों में भी चहल-पहल बढ़ गई है। पिछले एक महीने से सौंफ के भावों में गिरावट आई थी, जिससे आवक में भी कमी आ गई थी। उस समय मंडी में केवल 1000 बोरियों की आवक हो रही थी और भाव 5500 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक सीमित रह गए थे।सौंफ की भाव रिपोर्टकाश्तकारों ने बताया कि पहले सामान्य श्रेणी की सौंफ के लिए उन्हें केवल 5500 रुपए मिलते थे, जबकि ए ग्रेड की सौंफ होने के बावजूद केवल 6000 रुपए प्रति क्विंटल मिलना उन्हें घाटे में डाल रहा था। इस स्थिति ने कई किसानों को सौंफ मंडी लाना बंद करने के लिए मजबूर कर दिया था। लेकिन अब, पिछले कुछ दिनों में हुई तेजी ने स्थिति को बदल दिया है। पहले 500 रुपए, फिर 1000 रुपए, और अब 1500 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।वर्तमान में सामान्य श्रेणी के सौंफ के भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे है। जबकि बेहतर श्रेणी की सौंफ के भाव के बारे में बात करें तो बेहतर श्रेणी वाली सौंफ के भाव 8000 से 9000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गए है। बाजार में अचानक सौंफ की मांग में तेजी आई है, जिससे मंडी में सौंफ आते ही बिक रही है।Also Read महंगाई का असर: सूखे मेवे और फलाहारी आइटमों की कीमतों में 10 से 15% वृद्धि मांग और आवक : इस बढ़ती हुई सौंफ के मांग के चलते मंडियों में सौंफ के आवक फिर से 2000 से 3000 बोरी तक पहुँच गई है। जो की एक सकारात्मक संकेत है। क्योंकि इससे काश्तकारों को अपनी उपज बेचने का बेहतर मौका मिल रहा है। पहले मंदी की स्थिति में, जब काश्तकार अपने उत्पाद को मंडी में लाने से कतराते थे, अब वे उत्साह के साथ अपनी फसल लेकर आ रहे हैं।यदि ग्रीन सौंफ की मांग इसी तरह बनी रहती है, तो काश्तकारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। इससे न केवल उनकी आमदनी में सुधार होगा, बल्कि वे भविष्य में अपनी फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी प्रेरित होंगे। काश्तकारों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि मौसम और बाजार की स्थिति के अनुसार उनकी रणनीतियों में बदलाव करना आवश्यक हो सकता है।निष्कर्षइस प्रकार, सौंफ के भावों में आई वृद्धि ने काश्तकारों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। पिछले एक महीने की कठिनाइयों के बाद, अब वे अपने उत्पाद को बेहतर दाम पर बेचने की दिशा में बढ़ रहे हैं। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए, बल्कि समग्र कृषि उद्योग के लिए भी सकारात्मक है। उम्मीद की जा रही है कि आगे आने वाले दिनों में सौंफ के भावों में स्थिरता रहेगी, जिससे काश्तकारों को लंबे समय तक लाभ मिल सकेगा।इस खुशी के मौके पर, यह भी महत्वपूर्ण है कि काश्तकार अपनी उपज की गुणवत्ता पर ध्यान दें और अपने उत्पाद को बाजार में उचित दाम पर लाने के लिए रणनीतियों को अपनाएं। इस तरह, वे न केवल अपने लिए, बल्कि अपने समुदाय के लिए भी एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं। कृषि समाचार