स्वच्छ पौध कार्यक्रम को मिली हरी झंडी: जानिए किसानों को किस तरह का लाभ मिलेगा? Rajendra Suthar, August 13, 2024August 13, 2024 भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण पहल और योजनाए चलाई जा रही हैं। इनमें एक महत्वपूर्ण ‘स्वच्छ पौध कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है। यह कार्यक्रम किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। किसान साथियों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम/ क्लीन प्लांट कार्यक्रम (सीपीपी) को मंजूरी दे दी है।किसान भाइयों 1,765.67 करोड़ रुपये के विशाल निवेश के साथ, यह प्रमुख पहल भारत के बागवानी क्षेत्र में एक क्रांति का आह्वान करेगी। फरवरी 2023 में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में घोषित ‘सीपीपी’ (कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता सुधार योजना) पूरे देश में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।Also Read खेत की मिट्टी को बनाएँ सोने जैसा : जानिए उर्वरता सुधारने के आसान तरीके स्वच्छ पौध कार्यक्रम के मुख्य बिंदुविश्व स्तरीय CPC की स्थापना : किसान साथियों स्वच्छ पौध कार्यक्रम के तहत पूरे देश में नौ अत्याधुनिक सीपीसी (कृषि प्रसंस्करण केंद्र) स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र उन्नत नैदानिक चिकित्सा और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं से सुसज्जित होंगे।फलों की विभिन्न श्रेणियों को शामिल किया जाएगा:अंगूर: एनआरसी (नेशनल रिसर्च सेंटर), पुणेशीतोष्ण फल: जैसे सेब, बादाम, अखरोट आदि – सीआईटीएच , श्रीनगर और मुक्तेश्वरखट्टे (सिट्रस) फल: जैसे संतरा, नींबू आदि – सीसीआरआई नागपुर और सीआईएएच, बीकानेरआम/अमरूद/एवाकाडो: आईआईएचआर (भारतीय ऊष्णकटिबंधीय बागवानी अनुसंधान संस्थान), बेंगलुरुआम/अमरूद/लीची: सीआईएसएच , लखनऊअनार: एनआरसी (नेशनल रिसर्च सेंटर), शोलापुरपूर्वी भारत में उष्णकटिबंधीय/उप-उष्णकटिबंधीय फलवायरस मुक्त रोपण सामग्री का होगा उत्पादन: केंद्र बड़े स्तर पर वायरस मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।प्रमाणन प्रणाली का कार्यान्वयन: रोपण सामग्री के उत्पादन और बिक्री में पूरी तरह से जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बीज अधिनियम 1966 के तहत एक मजबूत प्रमाणन प्रणाली लागू की जाएगी।नर्सरियों को मिलेगी सहायता : स्वच्छ पौध कार्यक्रम में रोपण सामग्री की गुणवत्ता और सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़े पैमाने पर नर्सरियों को सहायता प्रदान की जाएगी।मिशन लाइफ और वन हेल्थ के साथ तालमेल: स्वच्छ पौध कार्यक्रम, मिशन लाइफ और वन हेल्थ (एक स्वास्थ्य) पहलों के साथ तालमेल बिठाते हुए भारत के बागवानी क्षेत्र को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल : स्वच्छ पौध कार्यक्रम से टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही आयातित रोपण सामग्री पर निर्भरता कम होगी।वैश्विक निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी : यह कार्यक्रम भारत को फलों के एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थापित करने और पूरे क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।आईसीएआर और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड का सहयोग: इस कार्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा लागू किया जाएगा और सफल बनाया जाएगा।Also Read क्या आपके भी सोयाबीन की फसल में पत्तियों के अंदर छेद हो गए है ? : जानिए नियंत्रण उपाय किसानों को मिलने वाले लाभस्वच्छ पौध कार्यक्रम किसानों को वायरस मुक्त और उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी और किसानो को आय के बेहतर अवसर मिलेंगे।किसान भाई उच्च गुणवत्ता वाले और रोग मुक्त फलों का उत्पादन करके, भारत की स्थिति को एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक के रूप में मजबूत बनाएगे, जिससे बाजार में अवसरों का विस्तार होगा और अंतर्राष्ट्रीय फल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी और किसानो को आमदनी के नए रास्ते मिलेगें।कार्यक्रम सभी किसानों भाइयों को स्वच्छ पौध सामग्री तक किफायती पहुंच की प्राथमिकता देगा, चाहे उनकी भूमि का आकार या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।ये कार्यक्रम अपनी योजना और कार्यान्वयन में महिला किसानों को सक्रिय रूप से शामिल करेगा।कार्यक्रम भारत के विभिन्न कृषि-जलवायु स्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय स्तर पर स्वच्छ पौधों की किस्मों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करेगें।स्वच्छ पौध कार्यक्रम भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा। यह कार्यक्रम न केवल किसानों को स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण पौधे उपलब्ध कराएगा, बल्कि उनकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में भी सुधार लाएगा। इस कार्यक्रम के सफल होने से भारतीय कृषि क्षेत्र और किसानो एक नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी, जो किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायता करेगी।फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के इस प्रयास से उम्मीद की जाती है कि भारतीय किसान एक नई सुबह की ओर बढ़ेंगे, जहां उनकी मेहनत और समर्पण का सही मूल्य मिलेगा और वे एक समृद्ध और खुशहाल जीवन जी सकेंगे। कृषि समाचार