बारिश से सोयाबीन में सफेद मक्खी का खतरा: जानिये नियंत्रण के आसान उपाय Rajendra Suthar, August 13, 2024August 13, 2024 किसान साथियों मानसून की शुरूआत के साथ ही भारतीय कृषि क्षेत्र में फसलों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण समस्या सोयाबीन फसल में सफेद मक्खी (Whitefly) के संक्रमण की है। सफेद मक्खी एक ऐसा कीट है जो सोयाबीन की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। सफेद मक्खी के प्रकोप से सोयाबीन की फसल 25% नष्ट हो सकती है। सफेद मक्खी के लम्बे समय तक प्रभाव के कारण पूरी फसल खराब हो सकती है।सफेद मक्खी छोटे आकार का कीट होता है, जो मुख्य रूप से पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर रहता है। यह कीट पौधों के रस को चूसती है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और फसल की गुणवत्ता में कमी आती है। सफेद मक्खी का संक्रमण सोयाबीन के पत्तों पर पीले धब्बे बनाने के साथ-साथ पौधों के विकास को भी प्रभावित करता है।Also Read बांस की खेती : बंजर जमीन को बनाएं फायदेमंद और 50 साल तक कमाएं बारिश के मौसम में आद्रता और गर्मी की वजह से सफेद मक्खी के प्रजनन और विकास की दर काफी बढ़ जाती है। उच्च आद्रता और पर्याप्त नमी के कारण सफेद मक्खी के अंडे, लार्वा और पंख वाली मक्खियाँ तेजी से विकसित होती हैं। जिससे इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती है, जो सोयाबीन की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।सफेद मक्खी की पहचान : सफेद मक्खी की लम्बाई लगभग 1/16 इंच होती है। इसके चार पंख और पीले रंग का शरीर होता है। पंखों का फैलाव शरीर के ऊपर छत्ते की तरह होता है। इसके निम्फ का आकार चपटा होता है और स्केल कीटो की तरह दिखाई देती है।सफेद मक्खी के प्रभाव के फसल में लक्षणपीले धब्बे: पत्तियों पर पीले धब्बे या विकृति दिखाई देती है।पत्तियों की मुरझाहट: पत्तियाँ मुरझाने लगती हैं और गिर सकती हैं।गोंद का स्राव: सफेद मक्खियाँ गोंद जैसा स्राव छोड़ती हैं, जो पत्तियों की सतह पर चिपचिपा होता है।सफेद धूल जैसी उपस्थिति: सफेद मक्खियाँ छोटी और सफेद रंग की होती हैं, जो पत्तियों पर धूल जैसे दिखाई देती हैं।Also Read पत्ती झुलसा रोग : किसान भाइयों अगर धान की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और किनारों से सूख रही हैं, तो ये करें उपाय सफेद मक्खी नियंत्रण उपायखरपतवार नियंत्रण: सोयाबीन और सब्जियों की फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें। यह उपाय फसल में कीटों के प्रकोप को कम करने में सहायक होते है।नियमित निगरानी: सभी फसलों पर सफेद मक्खी और रस चूसक कीटों की नियमित निगरानी करें। इससे कीटों के संक्रमण की प्रारंभिक पहचान संभव होगी और नियंत्रण उपाय समय पर अपनाए जा सकेंगे।कीटभक्षी पक्षियों का आकर्षण: सोयाबीन की फसल में पक्षियों के बैठने के लिए टी आकार की बर्ड पर्चेस लगाएं। इससे कीटभक्षी पक्षियों को आकर्षित किया जा सकेगा, जो सफेद मक्खी, मक्खियों और इल्लियों की संख्या को कम करने में मदद करेंगे।किसान साथियों यदि आप सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाने के लिए टी आकार की खूंटियां खेत में लगाना चाहते हैं, तो इन्हें फसल के बीच में लगाया जाना चाहिए। प्रत्येक हैक्टेयर में किसान 25 से 40 खूंटियां लगा सकते हैं। इन खूंटियों पर पक्षी बैठेंगे और इल्लियों को खाकर फसल को सुरक्षा प्रदान करेंगे। किसानों को ध्यान देना चाहिए कि जब फली में दाना भरने लगे, तब खूंटियों को निकाल देना चाहिए ताकि पक्षी दानों को नुकसान न पहुंचा सकें।निष्कर्षकिसान भाइयों बारिश के मौसम में सोयाबीन में सफेद मक्खी के खतरे को कम करने के लिए ऊपर बताए गए उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है। सफेद मक्खी का जल्दी पता लगाना और उसके नियंत्रण के लिए उचित उपाय करना फसल की गुणवत्ता और उपज को बचाने में मदद करेगा। किसान यदि इन नियंत्रण उपायों को नियमित रूप से अपनाएं तो वे अपनी सोयाबीन फसल को सफेद मक्खी के संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं और कृषि लाभ में वृद्धि कर सकते हैं।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि सलाह