अब गिरदावरी के लिए नहीं लगाने पड़ेगें दफ्तरों के चक्कर, किसान कर सकेंगे ऑनलाइन गिरदावरी : जानिए सम्पूर्ण जानकारी Rajendra Suthar, August 28, 2024August 28, 2024 किसान साथियों राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए एक नई सुविधा का आगाज किया है, जो कि ई-गिरदावरी (ऑनलाइन गिरदावरी) की सुविधा है। इस सुविधा के तहत किसान खुद ही अपने खेतों की गिरदावरी कर सकते हैं, जिससे कि उन्हें पटवारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और फसल के आंकलन में अधिक पारदर्शिता आएगी। इस सुविधा का उद्देश्य फसल गिरदावरी प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाना है।गिरदावरी (Girdawari) : गिरदावरी एक महत्वपूर्ण कृषि प्रक्रिया है जिसे आमतौर पर फसल की बुआई के बाद फसल की स्थिति और उपज के आकलन के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित अधिकारी किसानों की फसल का निरीक्षण करते हैं और उसकी रिपोर्ट तैयार करते हैं। यह रिपोर्ट फसल के नुकसान, नुकसान की स्थिति, और फसल के मूल्य का आकलन करती है। इसके बाद किसान को उचित मुआवजा या सहायता प्राप्त होती है।Also Read औषधीय पौधों की खेती से मुनाफा: 5 प्रमुख पौधे जो बदल सकते हैं आपकी किस्मत गिरदावरी प्रक्रिया के मुख्य बिंदु (Online Girdawari)अब सरकार ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है जिससे किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस सुविधा के तहत, किसान घर बैठे ही अपनी गिरदावरी की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह पहल कई कारणों से किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी।खातेदार की स्थिति: यदि एक खाते में एक से अधिक खातेदार हैं, तो गिरदावरी किसी भी एक खातेदार के माध्यम से की जा सकती है।फसल विवरण: अगर एक खसरे में एक से अधिक फसलें हैं, तो उन सभी फसलों की गिरदावरी को अलग-अलग सबमिट किया जाएगा।सेल्फी की आवश्यकता नहीं: गिरदावरी करते समय फसल के साथ खुद की सेल्फी फोटो की आवश्यकता नहीं है।निल फसल की गिरदावरी: जिन काश्तकारों के खेत में कोई फसल नहीं है, उन्हें भी ‘निल फसल’ की गिरदावरी सबमिट करनी होगी ताकि कोई खसरा बकाया न रहे।सही विवरण की जांच: गिरदावरी सबमिट करने से पहले सभी विवरणों की सही-सही जांच कर लें, क्योंकि एक बार सबमिट करने के बाद कोई संशोधन नहीं किया जा सकता।ई-गिरदावरी की प्रक्रिया (Online Girdawari Process)सबसे पहले, अपने मोबाइल में ‘राज किसान गिरदावरी ऐप’ को गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें। इसके बाद जनआधार से लॉगिन करें।आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी के माध्यम से वेरिफिकेशन के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा।ऐप में लॉगिन करने के बाद ‘फसल विवरण जोड़ें’ पर क्लिक करें। यहां दो विकल्प होंगे: जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन और खसरा सर्च करें का ऑप्शन। खसरा सर्च करने पर एक साधारण पेज खुलेगा जिसमें जिला, तहसील और गांव का चयन करें।खसरा अंकित करें और कैलिब्रेट करें पर क्लिक करें। कैलिब्रेशन के बाद गिरदावरी सीजन, फसल का चयन करें और खसरे का एरिया हेक्टेयर में अंकित करें।फसल सिंचित है या असिंचित, सिंचाई का स्रोत, फलदार पेड़ों की संख्या आदि विवरण भरें और खेत की फोटो अपलोड करें।सभी विवरण भरने के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा। यहां क्लिक करें और फिर सबमिट का ऑप्शन चुनें। सबमिट करने पर एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी।Also Read सोयाबीन किसानों के लिए ख़ुशख़बरी: 225 करोड़ रूपये के बीमा क्लेम का भुगतान शीघ्र ही होगा गिरदावरी प्रक्रिया के लाभस्वतंत्रता: किसानों को पटवारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। स्वयं गिरदावरी करने से समय की बचत होगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।सही आंकलन: फसल का सही आंकलन होगा और गिरदावरी कार्य समय पर पूरा हो सकेगा।कम निर्भरता: ई-गिरदावरी से पटवारी पर निर्भरता कम होगी और वास्तविक फसल की गिरदावरी की जाएगी, जिससे किसान पूरी तरह संतुष्ट रहेंगे।निष्कर्षराज किसान गिरदावरी ऐप की सुविधा से किसान अब अपनी फसल की गिरदावरी स्वयं कर सकते हैं, जो कि एक बड़ा कदम है पारदर्शिता और स्वायत्तता की ओर। यह ऐप किसानों को सही समय पर और सही आंकलन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उन्हें किसी अन्य पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस प्रक्रिया को अपनाकर किसान न केवल अपने समय की बचत करेंगे, बल्कि फसल गिरदावरी में भी सही तरीके से भाग ले सकेंगे। सरकारी योजनायें