देशी गाय के गोबर से बने कचरा डीकंपोजर से मिट्टी की सेहत में सुधार: जानिए कैसे Rajendra Suthar, August 22, 2024August 22, 2024 किसान साथियों मिट्टी की सेहत हमारे कृषि उत्पादन और पर्यावरण की गुणवत्ता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही के वर्षों में, मिट्टी की सेहत में सुधार के लिए कई प्राकृतिक और जैविक उपायों पर जोर दिया जा रहा है। इनमें से एक प्रभावशाली उपाय है – देशी गाय के गोबर से बने कचरा डीकंपोजर का उपयोग।देशी गाय के गोबर से बना कचरा डीकंपोजर (Garbage Decomposer) एक जैविक उत्पाद होता है जो गाय के गोबर में पाए जाने वाले जीवाणुओं और एंजाइमों का उपयोग करके कचरे को तोड़ने और उससे खाद में पर्रिवर्तित करने का काम करता है। यह डीकंपोजर प्राकृतिक रूप से कचरे के अणुओं को तोड़ता है और उन्हें उपयोगी पोषक तत्वों में बदलता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है।Also Read पौधों के लिए घर में तैयार करें खाद : जानें घर में खाद तैयार करने का आसान तरीका देशी गाय के गोबर से बना कचरा डीकंपोजर (Garbage Decomposer) के मुख्य बिंदुप्राकृतिक उपाय (Natural Upaay) : देशी गाय के गोबर से बने कचरा डीकंपोजर का उपयोग करने वाले किसान बिना किसी रासायनिक कीटनाशक, खाद और उर्वरक के अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। इससे खेती की लागत में भी कमी आई है और मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है।मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: कचरा डीकंपोजर का उपयोग मिट्टी की सेहत को बेहतर बनाता है। यह मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाता है और उसकी भौतिक तथा रासायनिक दशा में सुधार करता है।उपजाऊ मिट्टी: डीकंपोजर घोल का खेत में छिड़काव करने के बाद हल्की सिंचाई कर के जुताई करनी चाहिए। इससे फसल अवशेष जल्दी जैविक खाद में बदल जाते हैं।खाद का प्रभाव: कृषि मंत्रालय के अनुसार, 1,000 लीटर कचरा डीकंपोजर प्रति एकड़ कचरे के लिए उपयोग किया जाता है। इससे मिट्टी में लाखों केंचुए उत्पन्न होते हैं, जो जैविक खाद के निर्माण में मदद करते हैं।बीजों में समान अंकुरण: कचरा डीकंपोजर से बीजों का उपचार करने पर 98 प्रतिशत मामलों में समान अंकुरण प्राप्त होता है। इसके अलावा, पौधों पर इसके छिड़काव से कई बीमारियों पर रोक लगाई जा सकती है।जीवाणुओं की सक्रियता: कचरा डीकंपोजर में उपस्थित जीवाणु मिट्टी में सक्रिय रहते हैं, जो मिट्टी की जैविक क्रियावली को बेहतर बनाते हैं। ये जीवाणु पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं और मिट्टी में स्वास्थ्यवर्धन का काम करते हैं।मिट्टी की जल धारण क्षमता: देशी गाय के गोबर से बने डीकंपोजर की मदद से तैयार की गई खाद मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाती है। यह बारिश के पानी को बेहतर तरीके से सोखती है, जिससे सूखा और बाढ़ के प्रभावों को कम किया जा सकता है।Also Read फल और फूल की खेती पर सरकार की नई सब्सिडी योजनाएँ: जानें कैसे उठाएं फायदा कचरा डीकंपोजर कैसे तैयार करेंगुड़ और पानी का मिश्रण : दो किलो गुड़ को 200 लीटर पानी वाले प्लास्टिक ड्रम में डालें।कचरा डीकंपोजर मिलाएं : इसमें एक बोतल कचरा डीकंपोजर डालें।मिश्रण को हिलाएं : गुड़ और डीकंपोजर के मिश्रण को लकड़ी के डंडे से अच्छे से हिलाएं। ड्रम को पेपर या कार्ड बोर्ड से ढक दें ताकि मिश्रण पर धूल या कीट न आएं।मिश्रण को हिलाना: दिन में एक या दो बार मिश्रण को फिर से हिलाते रहें।घोल तैयार करना: पांच दिनों के अंदर यह घोल क्रीमी बन जाएगा।घोल की मात्रा: इस प्रक्रिया से एक बोतल कचरा डीकंपोजर से 200 लीटर घोल तैयार हो जाता है।देशी गाय के गोबर से बने कचरा डीकंपोजर का उपयोग मिट्टी की सेहत में सुधार करने का एक प्राकृतिक और प्रभावशाली तरीका है। यह न केवल कचरे के उचित प्रबंधन में मदद करता है बल्कि मिट्टी को भी पोषण प्रदान करता है, जिससे कृषि उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण के अनुकूल है और हमें प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करता है। अतः, यदि आप भी अपने खेत की मिट्टी की सेहत को सुधारना चाहते हैं, तो देशी गाय के गोबर से बने कचरा डीकंपोजर का उपयोग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। कृषि सलाह