जैविक खेती प्रोत्साहन : किसानों को मिलेगी 3 साल तक प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये की सहायता Rajendra Suthar, August 5, 2024August 5, 2024 किसान साथियों जैविक खेती, एक ऐसा उपाय है जो न केवल आर्थिक लाभ का स्रोत है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षण प्रदान करता है। हाल ही में, सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसमें किसानों को 3 साल तक प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।जैविक खेती : जैविक खेती वह कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के स्थान पर प्राकृतिक साधनों का उपयोग किया जाता है। इसमें खेत की मिट्टी की उपजाऊता, जैव विविधता और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। जैविक खेती में, किसान प्राकृतिक खाद, कम्पोस्ट, और विभिन्न जैविक तरीकों का उपयोग करते हैं जो मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान करते हैं और फसलों को प्राकृतिक तरीके से सुरक्षा प्रदान करते हैं।मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में जैविक खेती के प्रति किसानो को प्रोत्साहित करने के लिए किसानो के 500 समूह बनाये जायेगें और उन्हें खेती के तरीकों को सिखाने के साथ ही उपज की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था भी बताई जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा आउटसोर्स ऐजेन्सिस का चयन किया जाएगा। आउटसोर्स ऐजेन्सिस की जिम्मेदारी होगी कि वे प्रशिक्षण देने के साथ उपज की बिक्री का प्रबंधन भी करेंगें।Also Read किसान भाई अगस्त में इन सब्जियों की खेती करें और बढ़ाएं अपनी कमाई किसानों को मिलेगी 3 साल तक प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये की सहायताकिसानो को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए किसानो को प्रति हैक्टेयर पांच-पांच हजार रूपये तीन साल तक दिए जाएंगे। साथ ही किसानो द्वारा की जाने वाली खेती का पूर्ण रिकॉर्ड रखा जायेगा। उपज का जैविक प्रमाणीकरण भी किया जाएगा जिससे उपज का अच्छा मूल्य मिल सके।भारत सरकार ने मृदा उर्वरता में सुधार और स्वास्थ्यप्रद कृषि उत्पाद प्राप्त करने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि किसानों के समूह ऐसे बनाए जाएंगे जिनसे 20 हेक्टेयर का क्षेत्र तैयार किया जा सके। 10 से 25 समूहों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया जाएगा, जिसका अधिकतम क्षेत्रफल 500 हेक्टेयर होगा।किसानो को योजना का लाभ अधिकतम दो हैक्टेयर भूमि के लिए दिया जाएगा। सचिव कृषि एम सेलवेन्द्रन ने बताया की योजना में लघु और सीमान्त किसानो को प्राथमिकता दी जाएगी। जैविक खेती के लिए चयनित किसानो पर लगातार नजर रखी जाएगी। साथ हीआंतरिक निरीक्षण भी किया जायेगा।Also Read अगस्त माह में किसान गन्ने की खेती में करे ये काम, पैदावार में होगा लाभ योजना के लाभआर्थिक सहायता: योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलने से उनकी प्रारंभिक लागत में कमी आएगी। जैविक खेती की शुरुआत में लागत अधिक लगती है, और यह वित्तीय सहायता किसानों के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी।पर्यावरण संरक्षण: जैविक खेती पर्यावरण को हानिकारक रसायनों से बचाती है। यह योजना प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी।स्वास्थ्य लाभ: जैविक फसलें रासायनिक अवशेषों से मुक्त होती हैं, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जैविक खेती से किसानों को स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादों का उत्पादन करने का अवसर मिलेगा।मिट्टी की सेहत: जैविक खेती से भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता और उपजाऊता में सुधार होता है।विविधता में वृद्धि: जैविक खेती के लिए किसानों द्वारा विभिन्न फसलों और फसलों की किस्मों का उपयोग किया जाता हैं, जिससे कृषि विविधता बढ़ती है। जिससे यह योजना किसानों को विविधता बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।जैविक खेती के प्रमुख बिंदुजैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अब सेवा प्रदाता का चयन करेगी।सेवा प्रदाता किसानो को एकत्रित करके समूह व क्लस्टर का निर्माण करेगें।किसानों को कृषक उत्पादक समूह या सहकारी समितियों का सदस्य बनया जायेगा।उपज एकत्रीकरण, पैकिंग, विपणन, परिवहन आदि की व्यवस्था भी सेवा प्रदाता द्वारा की जाएगी।जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण करने की जिम्मेदारी भी आउटसोर्स एजेंसी की रहेगी।कैसे ले योजना का लाभइस योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को कुछ प्रमुख कदम उठाने होंगे:पंजीकरण: किसानों को सबसे पहले संबंधित कृषि विभाग में पंजीकरण करना होगा।जैविक खेती का प्रशिक्षण: योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए किसानों को जैविक खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। यह प्रशिक्षण उन्हें जैविक कृषि पद्धतियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।नियमित निरीक्षण: वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बाद, किसानों की खेती का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जैविक पद्धतियों का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं।आवश्यक दस्तावेज: योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक किसानों को आवश्यक दस्तावेज और प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने होंगे। इसमें भूमि का विवरण, फसल की जानकारी, और बैंक खाता विवरण शामिल हैं।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले। आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। सरकारी योजनायें