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किसान भाई कैसे बढ़ाये खेती में उत्पादकता ? : जानिए खेती में उत्पादकता बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीके

Rajendra Suthar, July 29, 2024August 12, 2024

भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा खेती-किसानी पर निर्भर है। इसलिए कृषि की उत्पादकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग करके देश के खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाया जा सके। इसके लिए हमें ऐसे उपाय अपनाने होंगे जो हमारी खेती को लाभकारी बनाएं और अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके। कृषि की उत्पादकता कई कारकों पर निर्भर करती है।

हर एक किसान भाई की चाहत होती है की उसके द्वारा लगाई गई फसल खेतो में अच्छी वृद्धि के साथ लहराए और अधिक उपज की प्राप्ति हो। किसान साथियों आप अपनी खेती की उत्पादकता और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाकर अपने लाभ को कई गुना बढ़ा सकते हैं। आज कई नई विधियां और तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से आप न केवल उत्पादन को बढ़ा सकते हैं, बल्कि खेत की उत्पादकता को लंबे समय तक बनाए भी रख सकते हैं।

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खेती में उत्पादकता बढ़ाने के तरीके

किसान भाइयों आप खेती में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके अच्छी उपज प्राप्त कर सकते है।

भूमि में सुधार : खेती में उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक भूमि होती है। इसलिए भूमि में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है। भूमि में सुधार के लिए खेती में काम आने वाली मशीनों ट्रेक्टर, कल्टीवेटर, रोटावेटर आदि नवीनतम उपकरणों के माध्यम से भूमि को समतल और भुरभुरा बनाकर खेती के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है। समतल और भुरभुरा भूमि में काम करना भी आसान होता है साथ ही इस प्रकार की भूमि में पानी को सोखने की क्षमता भी अच्छी होती है।

एक कतार में फसलों को लगाकर : फसलों को खेत में एक दूसरे के करीब और कतार में लगाकर अधिक फसलों को उगाया जा सकता है।

विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाकर : एक खेत में विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाकर कृषि की उत्पादकता में बढ़ोतरी की जा सकती है। जैसे दलहन, अनाज, तिलहन और फल, सब्जियों की खेती करके उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही भूमि में पोषक तत्वों का सुधार भी हो सकेगा। इस प्रकार की खेती करते समय फसलों के तालमेल का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसी ज्वार की खेती के साथ गन्ने की खेती नहीं की जा सकती है, क्योकी ज्वार की फसल में खरपतवार उगने लगते है जो गन्ने की फसलके लिए लाभदायक नहीं है। लेकिन गन्ने की फसल के साथ दलहन और तिलहन की फसलों को उगाया जा सकता है।

ऊंची क्यारियां तैयार करें : किसान साथियों पारंपरिक खेती की तकनीक में ट्रैक्टर की सहायता से तैयार की गई पंक्तियों में फसलें लगाई जाती हैं। इसके विपरीत, स्थाई क्यारियों में एक ही चौड़ाई की क्यारियों के भीतर कई पंक्तियों में फसलें उगाई जा सकती हैं। इस विधि से सघन वृक्षारोपण, कम पंक्तियां और अधिक सक्रिय खेती वाले क्षेत्र तैयार होते हैं। ऊंची क्यारियां फसलों की उत्पादकता में सुधार लाती हैं।

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फसल चक्रीकरण : किसान साथियों आप फसल चक्रीकरण को अपनाकर अच्छी पैदावार के साथ भूमि की पोषकता को बनाये रख सकते है। जैसे आप मौसम के अनुसार एक सीजन में ऐसी फसल की बुवाई कर सकते है जो भूमि में नाइट्रोजन को स्थिर रखती है और उसके अगले सीजन में वो फसल बोये जो बहुत अधिक नाइट्रोजन का उपयोग करती है।

बेहतर जल प्रबंधन : खेती में जल प्रबंधन का अच्छा योगदान होता है। क्योकी बेहतर जल प्रबंधन के द्वारा अधिक उत्पादन को प्राप्त किया जा सकता है। उचित जल प्रबंधन हेतु किसान भाई ड्रिप सिंचाई पद्धति और उचित सिंचाई पद्धति का उपयोग करके पानी की बचत के साथ ही अच्छी उपज की प्राप्ति कर सकते है।

मौसम के अनुसार फसलों का चयन करें : किसान भाइयो जलवायु में असमानता के कारण तापमान अधिक रहने लगा है, इस स्थिती में समय के अनुसार ऐसी फसलों का चयन करें जो अधिक तापमान सहन करने की क्षमता रखे जिससे फसल की उपज को बढ़ाया जा सके।

उन्नत बीज का उपयोग करें : एक अच्छी उपज में बीजो का चुनाव भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए किसान भाई अच्छी पैदावार के लिये प्रमाणित और उन्नत बीजो का उपयोग करें।

नाइट्रोजन का उपयोग करें : फसलों के उचित विकास के लिए नाइट्रोजन के भूमिका भी निर्भर करती है। क्योकी पौधे नाइट्रोजन ग्रहण करके ही वृद्धि करते है। नाइट्रोजन का उपयोग सही मात्रा में करके उत्पादन में लगभग 22% की बढ़ोतरी की जा सकती है।

सही मात्रा और समय के अनुसार कीटनाशकों का उपयोग:

कीटनाशकों का प्रभावी उपयोग करने के लिए उनकी सही मात्रा और समय का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सही मात्रा का उपयोग करने से कीटों के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि अत्यधिक मात्रा का उपयोग फसलों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके साथ ही, कीटनाशकों का सही समय पर उपयोग करना कीटों के जीवनचक्र को बाधित करने में मदद करता है और फसलों को अधिक सुरक्षित रखता है।

इसलिए, कीटनाशकों का चयन करते समय उनकी सही खुराक और सही समय पर छिड़काव की रणनीति अपनाना चाहिए, ताकि फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और कीटों पर नियंत्रण पाना आसान हो।

Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले। आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।

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