Isabgol Ke Aaj Ke Bhav : इसबगोल का मंडी भाव (Today Isabgol Bhav) Sawai Ram, November 21, 2024November 21, 2024 Isabgol Price 21 नवम्बर 2024 (इसबगोल मंडी भाव): इसबगोल प्लांटागो ओवाटा नामक पौधे का बीज होता है। यह पौधा देखने में बिल्कुल गेंहूं के जैसा होता है जिसमें छोटी-छोटी पत्तियां और फूल होते हैं। देश में इसबगोल का उत्पादन प्रमुख रूप से गुजरात ,राजस्थान ,पंजाब , हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में होता हैं।इसबगोल नाम एक फ़ारसी शब्द से निकला है जिसका अर्थ है ‘घोड़े का कान’ क्योंकि इसबगोल की पत्तियाँ कुछ उसी आकृति की होती हैं। इसबगोल के पौधे एक मीटर तक ऊँचे होते हैं, इनमें लंबे किंतु कम चौड़े धान के पत्तों के समान पत्ते लगते हैं। इसबगोल की डालियाँ पतली होती हैं और इनके सिरों पर गेहूं के समान बालियाँ लगती हैं, जिनमें बीज होते हैं। वर्तमान में मंडी भावो के अनुसार इसबगोल का औसत मूल्य ₹13000/क्विंटल है।प्रमुख मंडियों में आज इसबगोल के भाव (Isabgol Bhav)नोखा मंडी इसबगोल का भाव मेड़ता मंडी इसबगोल का भाव नागौर मंडी इसबगोल का भाव बैतूल मंडी इसबगोल का भाव इंदौर मंडी इसबगोल का भाव धामनोद मंडी इसबगोल का भाव बारां मंडी इसबगोल का भाव मंदसौर मंडी इसबगोल का भाव खरगोन मंडी इसबगोल का भाव नीमच मंडी इसबगोल का भाव हरदा मंडी इसबगोल का भाव खिरकिया मंडी इसबगोल का भाव आष्टा मंडी इसबगोल का भाव कोटा मंडी इसबगोल का भाव खंडवा मंडी इसबगोल का भाव इसबगोल के औषधीय गुण इसबगोल (Isabgol) एक तरह से लैक्सेटिव की तरह काम करती है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है साथ ही वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है। इसबगोल का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं। इसबगोल पेचिस, कब्ज़, दस्त, मोटापा, डिहाइड्रेशन, डायबिटीज आदि रोगों में बहुत गुणकारी है। आयुर्वेदिक और एलोपैथी दोनों ही चिकित्सा पद्धति में इसबगोल को औषधि या दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।इसबगोल के पौधे की उत्पत्तिस्थान मिस्र और ईरान है। अब यह पंजाब, मालवा, और सिंध में भी लगाया जाने लगा है। विदेशी होने के कारण प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका उल्लेख नहीं मिलता। आधुनिक ग्रंथों में इसे बीज मृदु, पौष्टिक, कसैले, लुआबदार, आँतों को सिकोड़नेवाले तथा कफ, पित्त, और अतिसार में उपयोगी बताया गया है।यूनानी पद्धति के अरबी और फारसी विद्वानों ने इसकी बड़ी प्रशंसा की है और जीर्ण आमरक्तातिसार (अमीबिक डिसेंट्री), पुरानी कोष्ठबद्धता इत्यादि में इसे उपयोगी कहा है। इसबगोल की भूसी बाजार में अलग से मिलती है जिसका उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। आज का मंडी भाव