पशुपालन: जानिए सर्दियों में पशुओं के लिए उचित देखभाल और प्रबंधन Rahul Saharan, November 28, 2024November 28, 2024 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि आज कल पशुपालन का दौर बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है। क्योकि किसान भाई खेती के साथ साथ पशुपालन करके अतिरिक्त आय कमा सकते है। किसान साथियों आज के समय में डेयरी फार्म एक बहुत ही अधिक चर्चा में बना हुआ है। परन्तु कुछ पशुपालक ऐसे भी जिनको डेयरी फार्म से बहुत अधिक लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। क्योकि डेयरी फार्म का सबसे अहम हिस्सा होता है पशु का चुनाव करना है। यदि गाय भैंस को खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखें, नहीं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। और उससे भी अधिक महत्वपूर्ण होता है। पशुओं की उचित देखभाल करना और उनका प्रबंधन करना।किसान साथियों पशुपालन आज कल एक बहुत ही बड़ा बिजनेस बन चुका है। जिसके द्वारा किसान और सामान्य व्यक्ति अपनी खेती से होने वाली आय या अन्य किसी बिज़नेस के साथ साथ पशुपालन के द्वारा अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है। किसान साथियों एक समय हुआ करता था जब गावों में किसान केवल पशुपालन करके अपनी जीविका चलाते थे। लेकिन आज पशुपालन एक बहुत बड़ा बिज़नेस बना गया है। इसका उपयोग लोग अपनी अतिरिक्त मुनाफा कमाने के लिए करते है। और दुधारू पशुओ के पालन से आप दूध केसाथ साथ गोबर की खाद को भी बेच कर के मुनाफा कमा सकते है।किसान भाइयों हाल ही में सर्दी बढ़ने लग गयी है। और इस सर्दी के मौसम में पशुपालन में सबसे महत्वपूर्ण होता है पशुओं को सर्दी से बचाव के लिए उनकी उचित देखभाल और प्रबंधन करना। सर्दियों के मौसम में पशुओं को सर्द हवाओं के प्रकोप से बचाने के लिए पशुओं को रात में किसी कमरे या कच्चा मकान जिसमे भी आप पशुओं को रखते है। उसके अंदर बने हुए दरवाजे खिड़कियों को अच्छी तरह से बंद करना चाहिए। ताकि सर्द हवाएँ मकान में प्रवेश ना कर सके। यफी दरवाजे खिड़की पर गेट नहीं लगे हुए है तो आप उनको किसी तिरपाल या बोरी की मदद से ढ़क सकते है। ताकि पशुओं को सर्दी के प्रकोप से बचाया जा सके।पशुओं को सर्दी के प्रकोप से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते है –कृमिनाशक दवाइयाँ- किसान साथियों सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता गर्भित पशुओं को होती है। इसके साथ ही जिस पशु ने हाल ही में किसी बछड़े/बछड़ी को जन्म दिया हो उन दोनों गाय/भैंस तथा बछड़ा/कट्टा आदि को किसी ढ़के हुयी जगह जहाँ पर सर्द हवाएँ कम लगती हो उस स्थान पर रखना चाहिए।इसके साथ ही ऐसे पशुओ को लगभग प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर कृमिनाशक दवाइयाँ देते रहे।यदि पशुओं को ठंड लगना, निमोनिया आधी प्रकार के रोगो की शिकायत होने पर तुरंत प्रभाव ने बिलकुल भी लापरवाही ना बरतते हुए पशु चिकित्सक को दिखाकर के उचित इलाज करवाना चाहिए।इसके साथ ही समय समय पशुओं के रोग प्रति रोधक इंजेक्शन जरूर लगवाने चाहिए।पशुपालन में पशुओ को समय समय पर मुँहपका-खुरपका, भेड़-पॉक्स, पीपीआर तथा फड़किया आदि प्रकार के रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण आवशयक रूप से करवाना चाहिए।पशुओं को सर्दी से बचाने हेतु अन्य महत्वपूर्ण बातें-किसान भाइयों पशुओं को सर्दी की चपेट में आने से बचाने के लिए आपको कुछ अन्य बातों का भी ध्यान आवश्यक रूप से रखना चाहिए जो की निम्नलिखित प्रकार से है-किसान साथियों आप सभी जानते है की सर्दी में तेज हवाएँ उत्तर दिशा की और से चलती है। जितना हो सके बाड़े में खिड़की दरवाजे उत्तर दिशा में बनाने से बचें। यदि पहले से बने हुए है तो उनको अच्छी तरह से ढक दे ताकि ठंडी हवा अंदर ना आ सकें।सर्दी के मौसम में पशुओं को ताजा और गुनगुना गर्म पानी पिलाना चाहिए। क्योकि पशु ठंडा पानी कम पीते है। कम पानी पिने की वजह से छोटे बछड़ो में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उनको गुनगुना गर्म पानी पिलाए।सर्दी के मौसम में छोटे पशुओं में सर्दी और पेट से संबधित बीमारियों का अधिक खतरा बना रहता है। इसलिए इसको अजवाइन का काढ़ा पिलाए और साथ ही इनको भाप भी दिलवाए।सर्दी के मौसम में पशुओं को धुप में आवश्यक रूप से बांधे ताकि धुप से उनका शरीर खुल सकते। धुप में बांधने पर उनके ऊपर डाले गए बोरी कपडे हटा देवें।जहाँ पर भी आप छोटे बछड़े को बांधते है वह जगह गीली नहीं होनी चाहिए। इनके नीचे पत्तिया आदि बिछानी चाहिए।पशुओं को सर्र्दी से बचाने के लिए उनके पास अलाव भी जलाना चाहिए। परन्तु ध्यान रहे उनसे दूर होना चाहिए।पशुओं की नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए।पशुओं को दिन में कम से कम 3 बार निश्चित समय पर ही चारा देना चाहिए।पशुओं को भूखा नहीं रखना चाहिए। पशुओं को खिलाया जाने वाला चारा हमेशा ताजा होना चाहिए।पशुओं को कभी भी बचा हुआ या बासी चारा नहीं खिलाना चाहिए। क्योकि इससे पशुओं का स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बना रहता है।जो भी चारा आप पशुओं को देते है उसमे से किसी भी प्रकार की बदबू नहीं आनी चाहिए। कृषि सलाह