सहजन की खेती(drumstick Farming): जानिए सरल तरीका और शानदार लाभ Rahul Saharan, November 22, 2024November 22, 2024 राम राम किसान साथियों आज हम आपके लिए लेकर आये है एक नई प्रकार की फसल जिसका नाम है सहजन। इसको सामान्य भाषा में मोरिंगा, सेंजन तथा सूजना आदि प्रकार के नामों से भी जाना जाता है। इसका एक अन्य नाम भी होता है वो है ड्रमस्टिक। इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा होता है। सहजन की खेती(drumstick Farming) किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकती है। सहजन में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, कैल्सियम, आयरन और भी बहुत प्रकार के तत्व मौजूद रहते है। सहजन का औषधीय महत्व भी बहुत होता है। यह एक लम्बी अवधि तक फसल देने वाला पौधा होता है।सहजन की खेती(drumstick Farming) के लिए पौध कैसे तैयार करें –किसान साथियों सहजन की खेती के लिए सबसे पहले इसकी पौध को तैयार करना होता है। इसकी पौध को तैयार करने के लिए किसान भाई प्रति हेक्टेयर में इसके लगभग 500-700 ग्राम बीज का उपयोग कर सकते है। प्रति हैक्टेयर 500-700 ग्राम बीज की मात्रा पर्याप्त होती है। इसकी पौध तैयार करने के लिए पॉलीथिन बैग तैयार करके गढ्ढों में लगाए सकते है। यदि आप पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल नहीं करते है तो आप इसके लिए तैयार किये गए गढ्ढों में भी सीधे ही बीज को लगा सकते है।किसान भाइयों सहजन किम पौध को तैयार होने में लगभग 1 महीने का समय लगता है। एक महीने इसकी पौध बनकर तैयार हो जाती है। अब इस पौधकी रोपाई कर देने के लगभग 3 महीनो के समय के बाद इसमें आप लगभग 100 ग्राम यूरिया, लगभग 100 ग्राम सुपर फॉस्फेट तथा लगभग 50 ग्राम पोटाश को प्रति ग्राम के हिसाब से इसमें डालनी चाहिए।सहजन की खेती(drumstick Farming) में सिंचाई –किसान भाइयों सहजन की खेती के लिए बलुई दोमट प्रकार की मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। किसान भाई सहजन की खेती में खुली सिंचाई पद्धति का उपयोग न कर के बून्द-बून्द सिंचाई/ ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की पद्धति को अपना सकते है। क्योंकि इसकी खेती में बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है जिसके कारन यह कम पानी की मात्रा में भी आसानी से हो जाती है। और किसान भाइयो के स्लिये सबसे ख़ुशी की बात ये है की इसकी खेती को आप बंजर भूमि पर भी कर सकते है।सहजन की खेती(drumstick Farming) में कीट नियंत्रण-किसान भाइयों इसकी खेती में बहुत अधिक कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सहजन की फसल को कीटों से बचाने के लिए इसकी पौध को लगाने से पहले तैयार किये गए गढ्ढों में गोबर की खाद आवश्यक रूप से डालनी चाहिए। इसकी फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए आप इसमें डाइक्लोरोवास 0.5 मिली. को एक लीटर पानी में घोलकर के उसका छिड़काव करना चाहिए।सहजन की खेती(drumstick Farming) में फसल की कटाई –किसान भाइयों सहजन की फसल में इसके प्रत्येक पौधे से लगभग 40-50 किलोग्राम का उत्पादन एक साल के भीतर प्राप्त हो जाता है। इसकी फसल की कटाई करने का सही समय सके फल में रेशा आने से पहले का होता है। रेशा आने से पहले इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए। जिससे इसकी बिक्री बहुत अधिक होती है। किसान साथियों सहजन के एक पेड़ से आप तक़रीबन 10 सालों तक उत्पादन ले सकते है। हर वर्ष इसकी फसल लेने के बाद इसके पौधे को जमीन से लगभग 1 मीटर छोड़कर ऊपर से काट देना चाहिए।सहजन की खेती(drumstick Farming) के लाभ –कृषक भाइयों इसकी खेती अआप्के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकती है। क्योंकि आप एक बार इसकी रोपाई करने के बाद तक़रीबन आने वाले 10 सालो तक इससे उत्पादन ले सकते है। इसकी फसल का औषधीय महत्व भी बहुत अधिक होता है। और न ही इसमें बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही आप इससे प्रति हैक्टेयर लगभग 3-5 लाख रूपये तक का मुनाफा कमा सकते है। इसकी पत्तियों से लेकर के इसके फूल, फलियां, बीज, टहनियाँ, छाल तथा जड़ आदि सभी भागों को काम में लिया जाता है। सबसे खास बायत ये की इसमें 6 महीने के अंतर्गत फलियाँ लगने की शुरुआत हो जाती है। किसान भाई किसी दूसरी फसल के साथ भी इसकी खेती को कर सकते है।सहजन की खेती(drumstick Farming) के औषधीय महत्व-किसान भाइयों सहजन के अंदर हर प्रकार के तत्व जैसे- कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, मल्टीविटामिन्स और एमिनो अम्ल आदि पाए जाते है। एक साथ लगभग सभी प्रकार के तत्वों की मौजूदगी के कारण इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक जैसे गुण भी पाए जाते है। सहजन का उपयोग आचार तथा सब्जी बनाने के साथ-साथ बहुत सी प्रकार की ओषधियों के निर्माण में भी किया जाता है। कृषि सलाह