महँगाई में आटा गीला: 16 साल में गेहूँ का भंडार सबसे कम, आटा महँगा होने के आसार Rajendra Suthar, June 13, 2024June 13, 2024 तेजी से बढ़ती महंगाई और रुपए की कमजोरी आम लोगो के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। दिन-प्रतिदिन जहां सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है वही अब गेंहू के भावों में भी बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार गेंहू 8% महंगा हो गया है। हाल ही में गेंहू की कीमतों में 7% बढ़ोतरी हुई है जो आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है। जिसका मुख्य कारण मांग अधिक और उत्पादन का कम होना है। और यह स्वाभाविक है की गेहूं की कीमतें बढ़ने के कारण आटा महँगा होने के आसार हैं ।गेंहू के भण्डारण में अगर तीन महीने का स्टॉक (लगभग 138 लाख टन) होता है तो इस समस्या को कम किया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार इस बार यह शुरुआत में 75 टन था। पिछले साल की बात करें तो यह लगभग 84 लाख टन था। रूस-यूक्रेन के आपसी युद्ध के बाद में गेंहू का सरकारी स्टॉक कम होता जा रहा है।ग्रामीण भंडारण योजना प्रघानमंत्री विश्वकर्मा योजना आज तक के आंकड़ों के अनुसार सरकार द्वारा इस वर्ष अभी तक 264 लाख टन गेंहू खरीदा गया है जो सरकारी लक्ष्य के अनुसार 372 लाख टन होना चाहिए। जो खाद्य सुरक्षा योजना के वितरण के लिए पर्याप्त नहीं है।मार्केट अपडेट (Market Update)मार्केट में बढ़ते गेंहू के दामों को देखते हुये आने वाले दिनों में गेंहू के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में बाजार में गेंहू के भाव 2600-3000 रूपए है। इस गेंहू से बना आटा भी 30-40 रु/किलो के भाव से बिक रहा है। भारत में आख़िरी बार यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया से 15 लाख टन गेंहू का आयत किया गया था। पिछले वर्ष भारत द्वारा 5 लाख टन गेंहू का निर्यात किया गया था।गेंहू का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल था। इस पर सरकार द्वारा 125 रुपए बोनस दिया गया था। इस तरह किसानो को 2400 रुपये/ क्विंटल पड़ा जो की लागत से कम था। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कागजो में ही गेंहू की खरीदी करवा रहे है और सत्य आंकड़ों के अनुसार रोजाना 8-10 केंद्रों पर ही आवक हो रही है।वर्तमान रिपोर्ट – वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार गेंहू के खरीद का ब्यौरा इस प्रकार से है –सरकार द्वारा 4839078 मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी 9 जून तक की गई।119.33 मीट्रिक टन गेंहू 10 जून को बिकने आया।4839197 मीट्रिक टन पर सिमटी खरीदी गई।100 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है।3694 केन्द्रो को गेंहू खरीदी की अनुमति दी गई थी।3280 केन्द्रो ने ही गेंहू खरीदा।15 लाख किसानो द्वारा इसमें पंजीकरण करवाया गया था।616248 किसानों द्वारा ही गेंहू को बेचा गया।गेंहू के बढ़ते दामों के कारणगेंहू की खेती के दौरान हवा और कोहरे के कारण गेंहू की पैदावार में कमी आई।आटे के बढ़ते भावों को कम करने के लिए सरकार द्वारा व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी गई थी। स्टॉक लिमिट को 5000 क्विंटल कर दिया गया था जिसके कारण भंडारित गेंहू कम हो गये है। पहले हर साल व्यापारियों के पास पुराना गेंहू स्टॉक रहता था।सरकार ने गेंहू के बढ़ते दामों पर रोक लगाने के लिए गेंहू को ओपन मार्केट में बेचा जिससे सरकारी स्टॉक में कमी आई।गेंहू के व्यर्थ का कारण अनावश्यक गेंहू का वितरण खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत होना है।मई के अंत तक किसान खरीफ बोवनी की तैयारी में लग जाते है। जिससे गेंहू के खेती कम होती है और आवक प्रभावित रहती है।सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के अनुसार देश में 2023-24 में 11.2 करोड़ मीट्रिक टन गेंहू की उपज का अनुमान लगाया गया था जो पिछले साल 11 करोड़ मीट्रिक टन था।बढ़ती महंगाई और बढ़ते गेंहू के भाव एक आम आदमी के जीवनयापन के लिए काफी चिंता का विषय है। साथ ही शिक्षा के आभाव और जानकारी की कमी के कारण वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते है। Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले। आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि समाचार