सर्द हवाओं के साथ बारिश और पाले की संभावना, जानिए क्या कहता है मौसम विभाग Rahul Saharan, January 13, 2025January 13, 2025 Rajasthan Weather Update: राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की पिछले कुछ समय से राजस्थान में तापमान लगभग सामान्य ठंड से अधिक बना हुआ था। लेकिन पिछले लगभग कुछ दिनों से राजस्थान के उत्तरी पश्चिमीं जिलों में ठंड पड़ रही है। इतनी अधिक ठंड बढ़ चुकी है की लोगो को गर्माहट के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।किसान भाइयों राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से लगातार मौसम बिगड़ता हुआ जा रहा है। जिससे राजस्थान के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ने के कारण लोगो की ठिठुरन बढ़ा दी है। ठिठुरन से बचने के लिए लोगो को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस सर्द हवाओं का कारण उत्तरी हवाओं को माना जा रहा है। जिसके कारण तापमान में लगभग 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी जा रही है।मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में आने वाले दिनों में कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की संभावना बताई जा रही है। जिसके कारण न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान में लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है तथा साथ ही शेखावाटी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तापमान लगभग 2-4 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने की बहुत अधिक संभावना है। जिसके चलते बहुत अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ने की आशंका नजर आ रही है।Weather in Rajasthan 10 Days: मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर महीने के लगभग तीसरे या चौथे सप्ताह से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर और जनवरी के बीच में कड़ाके की सर्दी पड़ने का अलर्ट भी जारी किया था। और इस साल पिछले वर्षो की तुलना में बहुत अधिक ठंड पड़ने की संभावना नजर आ रही है। यानी की इस साल सर्दी पिछले वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ सकती है।किसान साथियों आप अपनी फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए वैज्ञानिक विधि से उपाय कर सकते है। किसान भाइयो भारत के भारतीय कृषि अनुसंधान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने मौसम के इस दोहरी प्रकृति के प्रभाव के बारे में बताया है कि अचानक से ठंड के बढ़ जाने से गेंहू की फसल में कल्ले उगने में सहायता मिलेगी। जिससे इसकी उपज में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। परन्तु मौसम के इस तरह अचानक से बदल जाने के कारण गन्ने की फसल, सब्जी तथा सरसों की फसलों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। किसान भाइयों पाले के प्रभाव से फसलों को बचाने के लिए डॉ. वीरेंद्र लाठर के अनुसार फसलों में हल्की सिंचाई करें और सतर्क रहना आवश्यक है।पाले से फसलों की सुरक्षा-किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है सिंचाई। सिंचाई करते समय यह बात आवश्यक रूप से ध्यान में होनी कहहिये की फसलों की पाले से बचाने के लिए उनको अधिक पानी नहीं लगाए। अधिक पानी देने के कारण खेतो में जलभराव की समस्या आए सकती है। जिससे की फसल के सड़ने की सम्भावना प्रबल हो जाएगी अर्थात अधिक पानी की वजह से फसल सड़ने लग जाएगी।किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है खेत के चारों तरफ धुँआ। फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए आप अपने खेत के चारों तरफ धुँआ भी कर सकते है। खेत के चारों तरफ धुँआ करने से वहाँ की हवा में नमी की मात्रा कम होती है। जिसके कारण फसल पर पाले का प्रभाव नहीं पड़ता हैं।किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है मल्च। फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए आप अपने खेतो में फसल के ऊपर मल्च भी लगा सकते है। मल्च लगाने से आपकी पूरी फसल ढ़क जाएगी। जिसके कारण फसल पर पाले का प्रभाव नहीं पड़ता है। और फसल की पाले से सुरक्षा की जा सकती है।किसान साथियों फसलों को पाले के प्रभाव से बचने के लिए चौथा सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है दवाओं का छिड़काव।फसलों को पाले से बचाने के लिए आप अपने खेतो में फसल पर दवाओं का छिड़काव भी कर सकते है। दवाओं के छिड़काव से फसलों को पाले के प्रभाव से बचाया जा सकता है। मौसम समाचार