गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट के लिए सरकार का बड़ा फैसला, जानें चीनी मिलों को मिलने वाले लोन और ब्याज में छूट की नई व्यवस्था Rahul Saharan, March 18, 2025March 18, 2025 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की गन्ना एक प्रकार की नकदी की फसल है। गन्ने के उत्पादन की दृस्टि से पुरे विश्व में ब्राजील पहले स्थान पर आता है। और भारत गन्ना उत्पादन की दृस्टि से पुरे विश्व में दूसरे स्थान पर आता है। गन्ने का वानस्पतिक नाम- सेक्रम ओफिसिनेरम होता है। गन्ने का उपयोग चीनी बनाने के साथ-साथ इथेनॉल बनाने में भी किया जाता है। भारत सरकार आने वाले समय में पेट्रोल पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इथेनॉल के उत्पादन के लिए इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए सरकार की और से सब्सिडी भी दी जाती है। हाल ही में सरकार ने गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है, जिसके अंतर्गत चीनी मिलों को मिलने वाले लोन और ब्याज में छूट प्रदान की गयी है।इस योजना का उद्देश्य-किसान साथियों सरकार की ओर से हाल ही में लायी गयी ये लोन और ब्याज में छूट की स्कीम केवल सहकारी चीनी मिलों के लिए ही लागू होगी। इसके लिए सरकार की और 06 मार्च 2025 को अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। सरकार इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाकर के वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग करने की योजना बना रही है।किसान साथियों सरकार के द्धारा इथेनॉल बनाने के उद्देश्य से गन्ने के साथ साथ मक्का की खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। और इथेनॉल के लिए मक्का का चुनाव इसलिए किया गया है क्योकि मक्का की खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। और साथ ही इसका उत्पादन भी बहुत अधिक अच्छी मात्रा में होता है। किसान भाइयो हमरे देश में अभी कुल इथेनॉल का लगभग 50-51 प्रतिशत उत्पादन मक्का के द्धारा ही किया जा रहा है और बाकि 49-50 प्रतिशत का उत्पादन गन्ने तथा धान के द्धारा किया जा रहा है। और देश के किसानो को मक्का की फसल का दाम बहुत अधिक प्राप्त हो रहा है साथ ही देश की पेट्रोल के लिए अन्य देशो पर निर्भर होने की मात्रा में कमी आ रही है। और इस वर्ष के लिए सरकार ने इथेनॉल का लगभग 20 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया है।सरकार का फैसला-किसान साथियों सरकार की ओर से हाल ही में लायी गयी ये लोन और ब्याज में छूट की स्कीम केवल सहकारी चीनी मिलों के लिए ही लागू होगी। इसके योजना के अंतर्गत सहकारी चीनी मिलें गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन के साथ मक्का तथा धन के उपयोग से भी इथेनॉल का उत्पादन कर सकेंगी। जैसा की आप जानते है की भारत देश में कुल इथेनॉल का लगभग 50-51 प्रतिशत उत्पादन मक्का के द्धारा ही किया जा रहा है और बाकि 49-50 प्रतिशत का उत्पादन गन्ने तथा धान के द्धारा किया जा रहा है। और देश के किसानो को मक्का की फसल का दाम बहुत अधिक प्राप्त हो रहा है साथ ही देश की पेट्रोल के लिए अन्य देशो पर निर्भर होने की मात्रा में कमी आ रही है। और इस वर्ष के लिए सरकार ने इथेनॉल का लगभग 20 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया है।किसान साथियों इस योजना के द्धारा इथेनॉल द्धारा इथेनॉल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी इनकम में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत सहकारी चीनी मिलों को मिलने वाले लोन अब सिर्फ 6% की ब्याज दर पर या बैंक की ब्याज दर का लगभग 50 % की छूट दोनों में से जो भी कम होगा। उतनी छूट देने का फैसला किया है।सरकार द्धारा ये फैसला लेने का कारण-किसान साथियों जैसा की आप जानते है की गन्ने की फसल से पुरे साल में केवल 4 या 5 महीने ही गन्ने पिराई करके चीनी के साथ साथ इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है। और इतनी कम मात्रा में इथेनॉल के उत्पादन से सरकार के द्धारा लिया गया लक्ष्य पूर्ण होना सम्भव नहीं है। इसके लिए सरकार ने सहकारी चीनी मिलों को पुरे साल भर इथेनॉल का उत्पादन करने की दृस्टि से गन्ने के अलावा मक्का और धान से इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए अपनी चीनी मिलों को अपग्रेड करने तथा मल्टी फीड आधारित बनाने के लिए लोन और ब्याज की दर में छूट देने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद पुरे सालभर इन गन्ना आधारित प्लांटों में इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। जिसके द्धारा आय में वृद्धि के साथ साथ इथेनॉल का उच्च उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकेगा।सरकार द्धारा इथेनॉल के उत्पादन को महत्व क्यों-किसान साथियों भारत सरकार के द्धारा देश में पेट्रोल पर से निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से तथा देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए इथेनॉल के उत्पादन को महत्व दिया जा रहा है। भारत सरकार के द्धारा चलाये जा रहे इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EPB) के अंतर्गत भारत देश में वर्ष 2025 के अंत तक पेट्रोल में 20 % इथेनॉल के मिश्रण के उद्देश्य को पूरा करना है।किसान साथियों भारत सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण के लिए तेल मार्केटिंग कम्पनियो को इथेनॉल की कुल लगभग 672 करोड़ लीटर सप्लाई की गयी थी। इस वर्ष 2024-25 में पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण के लिए तेल मार्केटिंग कम्पनियो को 23 फरवरी तक इथेनॉल की कुल लगभग 261 करोड़ लीटर सप्लाई की गयी है। भारत सरकार के द्धारा निर्धारित 20 %के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2025-26 में पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण के लिए लगभग 1016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होंगी। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने अप्रैल 2025 से बाजार में ई-20 इंजन वाली गाड़ियों को लाने का लक्ष्य रखा है क्योकि ई-20 इंजन से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में कम ईंधन की खपत करती है। कृषि समाचार