राजस्थान के इन 8 जिलों में भीषण गर्मी की चेतावनी, कल इन जिलों में हो सकती हैं बारिश Rajendra Suthar, June 18, 2024June 18, 2024 प्रदेश में मानसून आगमन से पहले गर्मी एक बार फिर जोर दे रही है और तेज गर्मी के प्रकोप के साथ उमस भी लोगो को परेशान कर रही है। रविवार को तीन शहरों में दिन का तापमान 46 डिग्री से अधिक पहुँच गया। सोमवार की बात करें तो सोमवार को जयपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, धौलपुर में गर्मी के साथ उमस का कहर रहा। सबसे अधिक तापमान श्री गंगानगर में 46.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा संगरिया में 46.1 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ।धौलपुर और करोली में हल्की बारिश के कारण तपती गर्मी ने उमस को बढ़ा दिया जिससे गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में हीटवेव की संभावना जताई है। इसके अलावा नो शहरों में आंधी-बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। राजधानी जयपुर में भी रात में हीटवेव का प्रकोप रहा और दिनभर भीषण गर्मी , उमस ने परेशान किया।ये रहे तपने वाले शहर : अलवर-44.6°C ,श्री गंगानगर- 46.5 °C, पिलानी-45.8 °C ,बीकानेर-44 °C , चूरू-45.6 °C, धौलपुर-46.1°C संगरिया-46.1°C , करौली-45.3°Cआने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम (Rajasthan Monsoon Update)मानसून की अरब सागर शाखा कुछ सक्रिय होने के कारण राजस्थान में नमी पहुंच रही है और उमस बढ़ रही है। मानसून की बंगाल की खाड़ी वाली शाखा सुस्त पड़ी है और प्रदेश में मानसून की बारिश बंगाल की खाड़ी की शाखा लाती है। मौसम विभाग के अनुसार 19 जून से राजस्थान के पूर्वी जिलों में प्री मानसून की बारिश का दौर शुरू हो जायेगा।हवा के रुख में बदलाव के कारण अब पूर्वी हवा पश्चिम की तरफ आनी शुरू हो गई हैं। इससे बंगाल की खाड़ी से मध्य और पश्चिम भारत में नमी वाला मौसम रहेगा। बीते सोमवार को धौलपुर में तेज गर्मी के बाद मौसम के रुख में बदलाव हुआ और दोपहर में धूलभरी आंधी के बाद गरज-चमक के साथ बारिश हुई। धौलपुर में 4MM बारिश दर्ज की गई।लू की संभावना वाले शहर : अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, झुंझुनू , करौली, चूरू, हनुमानगढ़, श्री गंगानगर।इन शहरों में आंधी-बारिश की संभावना : बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर, कोटा में धूलभरी आंधी के साथ मेघगर्जन और हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।मानसून को प्रभावित करने वाले कारक और कारणमानसून में देरी का प्रमुख कारण भारतीय उपमहाद्वीप पर मध्य-अक्षांश पछुआ हवाओं के रूप में पहचानी जाने वाली हवाओं के बड़े समूह की लगातार उपस्थिति होना है, जिसका एक छोटा सा हिस्सा पश्चिमी विक्षोभ होता है। अमूमन पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करता है।हिंद और अरब महासागर से बहने वाली हवाएं हिमालय से गुजरती हुई भारत के दक्षिण-पश्चिम से टकराकर बारिश करती हैं। वहीं, सर्द मानसून अक्टूबर से अप्रैल तक रहता है और उत्तर-पूर्वी मानसून को विंटर मानसून कहते हैं। इसमें हवाएं मैदान से सागर की ओर चलती हैं, ये बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर को पार करते हुए आती हैं।दक्षिणपूर्वी एशिया में विंटर मानसून कमजोर रहता है, जिसका कारण हिमालय से टकारकर रुक जाने वाली मानसूनी हवाएं हैं, और इनकी नमी भी घट जाती है। इससे भारत में इस दौरान मौसम गर्म रहता है और यही मानसून कुछ इलाकों में सूखे का कारण भी बनता है।भारत की बात करे तो भारत में मानसून लगभग 1 जून से 15 सितम्बर (45 दिन) तक सक्रिय रहता है। मानसून में ठंडे से गर्म इलाकों की ओर बढ़ने वाली मौसमी हवा दक्षिण एशिया के मौसम को बनाती है। जो अप्रैल से सितंबर के बीच होता है।निष्कर्षकिसान भाइयों आप मौसम के अनुसार अपनी खेती-बाड़ी को सुचारु रूप से चालू रखे और आने वाले मानसून के अनुसार फसलों को बोने की तैयारी भी करके रखे। किसानों द्वारा भंडारित आनाज को समय-समय पर देख लिया करे क्योंकि मौसम के बदलाव के कारण अनाज में कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है तो किसान भाई उचित प्रबंधन और कीटनाशकों का प्रयोग सावधानी के साथ और जानकरी के अनुसार करे।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। मौसम समाचार