क्या आपके भी सोयाबीन की फसल में पत्तियों के अंदर छेद हो गए है ? : जानिए नियंत्रण उपाय Rajendra Suthar, August 7, 2024August 7, 2024 किसान साथियों सोयाबीन एक महत्वपूर्ण फसल है जो भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सोयाबीन की फसल अपने उच्च प्रोटीन के गन के कारण प्रसिद्ध है। सोयाबीन की फसल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक रूप से उत्पादित की जाती है।सोयाबीन की फसल के उत्पादन के दौरान कई बार देखा गया है कि पत्तियों पर छेद दिखाई देते है और फसल में नुकसान पहुंचाते है। जिसका प्रमुख कारण तना मक्खी और पत्तियों को खाने वाले कई प्रकार के कीट हो सकते है। ये कीट सोयाबीन की फसल में संक्रमण को बढ़ाते है। जिससे उपज प्रभावित होती है।भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर ने सोयाबीन की खेती के लिए उपयोगी सलाह दी है। संस्थान ने किसानो को पत्ती खाने वाले कीट के प्रकोप से सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए सलाह दी है।Also Read किसान भाई कैसे बढ़ाये खेती में उत्पादकता ? : जानिए खेती में उत्पादकता बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीके पत्तियों के अंदर छेद हो जाने के कारणपत्तियों के अंदर छेद हो जाने का सबसे सामान्य कारण कीटों की आधिक वृद्धि होना है, जो सोयाबीन के तनों और पत्तियों में नुकसान पहुंचा सकता हैं। इन्हें निम्नलिखित कारकों से देखा जा सकता है-तना मक्खी और अन्य कीटों की अधिकता होना : मुख्य रूप से तना मक्खी और अन्य कीट फसल पर प्रभाव डाल सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पत्तियों में छेद हो जाते हैं।रोगों का प्रकोप: कुछ फंगस और बैक्टीरिया सोयाबीन के पत्तों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उनमें छेद हो जाते हैं।सोयाबीन में तना मक्खी कीट रोगतना मक्खी (Soybean Leafhopper) एक छोटी सी प्रजाति है जो सोयाबीन की पत्तियों के नीचले हिस्सों पर पायी जाती है। ये कीट सोयाबीन की फसल पर नुकसान पहुंचा सकती हैं और उत्पादन को कम कर सकती हैं।लक्षण : पत्तियों में बारीक छेद होनाबचाव उपाय : तना मक्खी के नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350मिली./हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) का फसल पर छिड़काव करें।Also Read नीम से बनाए जैविक कीटनाशक(Organic Pesticide): जानिए पूरी जानकारी सोयाबीन में पत्ती खाने वाली इल्ली से बचाव उपायसोयाबीन की फसल में पत्तियों को खाने वाली इल्लियों और रस को चूसने वाले कीट (सफेद मक्खी/जसीड एवं ताना छेदक कीट ) से बचाव हेतु मिश्रित कीटनाशक जैसे क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. या थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का फसल पर छिडकाव करें।सोयाबीन की फसल में पत्ती खाने वाले कीट से बचाव उपायसोयाबीन की फसल के 15-20 दिन के बाद में पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा के लिए फसल में फुल आने से पहले क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) का छिडकाव करें। छिड़काव करने से अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।निष्कर्षसोयाबीन में तना मक्खी और पत्तियों के अंदर छेद हो गए हैं इस समस्या का सामना करना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। हालांकि, सही प्रबंधन तकनीकियों का उपयोग करके इस समस्या को हल किया जा सकता है। प्राकृतिक और जैविक उपायों का प्रयोग करके कीट नियंत्रण में मदद मिल सकती है और सोयाबीन के उत्पादन को सुरक्षित रखा जा सकता है। अतः, उचित जागरूकता और विशेष ध्यान से फसल प्रबंधन करके किसान सोयाबीन की फसल में तना मक्खी और पत्तियों के अंदर छेद की समस्या से निपट सकते हैं। साथ ही किसान भाई अपने फसल के बारे में एक बार कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि सलाह