खुशहाल मौसम: जानें बादलों की मेहरबानी से खिलखिलाते नदी-तालाब की खबर Rajendra Suthar, September 8, 2024September 8, 2024 जयपुर: किसान साथियों प्रदेश में एक बार फिर सक्रिय हुए मानसून के चलते कई जिलों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। पिछले 24 घंटे में अजमेर, दौसा, बांसवाड़ा और राजसमंद जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है। वही जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, नागौर और प्रतापगढ़ में भी मध्यम बारिश दर्ज की गई है। राज्य में सबसे अधिक बारिश बांसवाड़ा के लोहारिया में 169 मिमी (लगभग सात इंच) दर्ज की गई।दौसा जिले की बात करें तो बैजूपाड़ा में 145 मिमी, रामगढ़ पचवारा में 142 मिमी, और बरावा तथा बांदीकुई में 131 मिमी बारिश हुई है। झालावाड़ के सुनेल में करीब पौने चार इंच बारिश दर्ज की गई। जयपुर में बारिश का दौर सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े नौ बजे तक चला।पानी से लबालब हुआ पुष्कर सरोवर (Pushkar Lake)अजमेर में अच्छी बारिश होने से तीर्थराज पुष्कर सरोवर लबालब हो गया है। नाग पहाड़ी से निकलने वाले झरनों के कारण पुष्कर सरोवर की फिजा बदल गई है। पांच साल बाद जलस्तर 27 फीट तक पहुंच गया है। इसमें पानी की आवक लगातार जारी है। कई सालों बाद पुष्करवासियों और पर्यटकों ने सरोवर को इतना भरा देखा है।फॉयसागर झील (Foysagar Lake) की पाल में रिसाव : अजमेर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तेज बारिश के बाद फॉयसागर झील का जलस्तर जोरदार तेजी से बढ़ गया है। लगातार पानी बहने के कारण झील की पाल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। रिटेनिंग वॉल के नीचे तीन-चार स्थानों से पानी का तेज रिसाव हो रहा था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम को स्थिति संभालने के लिए लगाया।रात करीब 9 बजे तक रिसाव वाले हिस्से में मिट्टी से भरे लगभग 300 बोरियां रखी गईं। बांही नदी के दायरे में आने वाली डिफेन्स व अन्य कॉलोनियों में एहतियात के तौर पर कुछ मकानों से लोगों को रात में दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। हालांकि, फिलहाल किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।बारिश का रिकॉर्ड (Baarish Record)जिले / शहर का नामबारिश का रिकॉर्ड ( मिलीमीटर में )रामगढ (दौसा)142देवगढ़ (बांसवाड़ा)140अजमेर130बसवा (दौसा)117करौली113जगर बांध (करौली)105सुनेल (झालावाड़)82कठूमर (अलवर)81माउंट आबू66अधिक पानी के कारण बांधों के गेट खोले गएकोटा बैराज के 3 गेट 10-10 फीट खोलकर 12,500 क्यूसेक पानी की निकासी की गई।बूंदी: गुढ़ा बांध के 10 गेट 6-6 फीट खोलकर पानी की निकासी की गई।झालावाड़: कालीसिंध बांध के दो गेट 2 मीटर खोलकर 13,270 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।बीसलपुर बांध: छह गेट खोलकर 96,000 क्यूसेक पानी की निकासी की गई।सात साल बाद मेजा बाँध 18 फ़ीट पार : भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून ने मेजा बांध को खुशियों से भर दिया है। क्योकी सात साल बाद मेजा बांध में पानी 18 फीट से ऊपर चला गया है। बांध के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। कैचमेंट क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के कारण पानी भरपूर मात्रा में आ रहा है, जिससे खुशी का माहौल बना हुआ है।बारिश की कमी के चलते अब तक पर्यटकों ने बांध से नाता तोड़ लिया था, लेकिन इस बार अच्छी पानी की आवक के कारण लोग 2019 के बाद पहली बार यहां घूमने आ रहे हैं। इस वजह से मेजा बांध पर्यटकों से शोभित हो गया है। वर्ष 2017 में बांध में 18.70 फीट पानी आया था। जलस्तर बढ़ने के कारण हरियाली छा गई है और वातावरण खुशनुमा होने के साथ-साथ पेड़-पौधों को भी हरित होने का जीवनदान मिला है।आने वाले दिनों में मौसम का रुझानमौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में आगामी तीन दिनों तक मानसून सक्रिय रहेगा। जयपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर संभाग में भारी से लेकर अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में भी अगले दो-तीन दिनों के दौरान कुछ स्थानों पर मध्यम और कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है। प्रदेश में 9 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है।एक जून से लेकर अब तक राज्य में बारिश सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक हो चुकी है। इस अवधि में राज्य में सामान्य बारिश 417.46 मिमी होने की उम्मीद थी, जबकि 7 सितंबर तक 603.21 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम समाचार