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प्याज की कीमत (Onion Rate): एक्सपोर्ट ड्यूटी हटने के बाद क्या बढ़ेंगे दाम? जानिए सभी जरूरी बातें

Rahul Saharan, March 26, 2025March 26, 2025

राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि भारत में लोकसभा के चुनावों के समाप्त होते ही प्याज के दामों ने आसमान को छूने की तैयारी कर ली थीं। और प्याज के निर्यात शुरू हो जाने के कारण मंडियों में प्याज की आवक में भारी मात्रा में गिरावट देखने को मिल रही थीं। ऐसे में भारत सरकार ने किसान हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था। वो था प्याज के बढ़ते हुए दामों को देखते हुए भारत सरकार ने दिसम्बर 2023 में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी,जिससे की प्याज की कीमत (Onion Rate) नहीं बढ़े। इसके साथ ही प्याज के निर्यात पर 20 %का एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगा दी थी। जो की हाल ही में नए प्याज की आवक शुरू होने पर भारत सरकार ने 01 अप्रैल 2025 से इसको हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

क्यों लगाई थी 20% एक्सोपर्ट ड्यूटी-

किसान साथियों भारत में लोकसभा के चुनावों के समाप्त होते ही प्याज के दामों ने आसमान को छूने की तैयारी कर ली थी। लगातार कुछ दिनों तक प्याज के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही थी, और इतनी अधिक तेजी से बढ़ती प्याज की कीमत (Onion Rate) को देखते हुए आम आदमी की रसोईघरों से जल्द ही प्याज गायब हो सकता था। तथा प्याज के निर्यात शुरू हो जाने के कारण मंडियों में प्याज की आवक में भारी मात्रा में गिरावट देखने को मिल रही हैं।

लोकसभा चुनावों के समाप्त होते ही प्याज की आवक में कमी आने के कारण मंडियों में प्याज की कीमत आसमान छूने को तैयार हो गयी है। 7 दिनों के भीतर ही प्याज के दामों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गयी है। भारत सरकार के सामने प्याज के बढ़ते हुए दाम पहले ही परेशानी बने हुए थे। इसलिए प्याज के बढ़ते हुए दामों को देखते हुए भारत सरकार ने दिसम्बर 2023 में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। तथा प्याज के निर्यात पर 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लगा दी थी।

प्याज पर से 20% एक्सोपर्ट ड्यूटी हटाने का कारण-

किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की देश में प्याज की लगातार बढ़ती हुयी कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए भारत सरकार की और से दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके कुछ समय बाद निर्यात को मंजूरी दे गयी थी लेकिन उस पर पहले तो 40 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गयी थी। और इसके थोड़े बाद 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी और लगा दी गयी थी। इन सब के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य प्याज के निर्यात पर नियंत्रण करना और देश में प्याज की कमी ना आये। जिससे की प्याज की कमी नहीं आएगी और सही आपूर्ति होगी तो प्याज की कीमत (Onion Rate) नहीं बढ़ेंगी।

किसान साथियों हाल ही में भारत सरकार ने प्याज पर लगाई गयी 20 % की इस एक्सपोर्ट ड्यूटी को हटाने का एलान कर दिया है। इसके पीछे का मुख्य कारण है की हाल ही में मंडियों में नए प्याज की आवक शुरू हो चुकी है। जिसके चलते बाजार में नया प्याज आने लग गया है। तथा इस वर्ष प्याज का उत्पादन भी बहुत ही अधिक अच्छा हुआ है। और भारत सरकार ने प्याज के इस बम्फर उत्पादन के बाद इसके ऊपर लगाई गयी 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

एक्सपोर्ट ड्यूटी हटने से किसानों को लाभ-

किसान साथियों भारत सरकार की ओर से देश में लगातार बढ़ती हुयी प्याज की कीमत (Onion Rate) को नियंत्रण में लाने के लिए भारत सरकार की और से दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके कुछ समय बाद निर्यात को मंजूरी दे गयी थी लेकिन उस पर पहले तो 40 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गयी थी। और इसके थोड़े बाद 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी और लगा दी गयी थी। जिसके चलते किसानों को देश से बाहर भी प्याज निर्यात करने पर कोई खास लाभ प्राप्त भी हो पा रहा था।

लेकिन हाल ही में हाल ही में मंडियों में नए प्याज की आवक शुरू हो चुकी है। जिसके चलते बाजार में नया प्याज आने लग गया है। तथा इस वर्ष प्याज का उत्पादन भी बहुत ही अधिक अच्छा हुआ है। और भारत सरकार ने प्याज के इस बम्फर उत्पादन के बाद इसके ऊपर लगाई गयी 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसके कारण अब किसानों को देश से बाहर प्याज का निर्यात करने पर 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी नहीं देनी पड़ेगी। और वे आसानी से देश से बाहर अपना प्याज निर्यात कर सकेंगे। और किसानों को फल्के की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त हो पाएगा।

20% एक्सपोर्ट ड्यूटी हटने से प्याज की कीमत (Onion Rate) में बदलाव-

किसान साथियों भारत सरकार की ओर से देश में लगातार बढ़ती हुयी प्याज की कीमत (Onion Rate) को नियंत्रण में लाने के लिए भारत सरकार की और से दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके कुछ समय बाद निर्यात को मंजूरी दे गयी थी लेकिन उस पर पहले तो 40 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गयी थी। और इसके थोड़े बाद 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी और लगा दी गयी थी। जिससे प्याज की कीमतों पर कुछ नियंत्रण स्थापित किया था।

लेकिन हाल ही में भारत सरकार ने मंडियों में नए प्याज की आवक शुरू होने तथा इस वर्ष प्याज के इस बम्फर उत्पादन के बाद इसके ऊपर लगाई गयी 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा देने के बाद बाजार में एक बार फिर प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। क्योकि अब किसानों और व्यापारियों को देश से बाहर प्याज का निर्यात करने पर 20 % की एक्सपोर्ट ड्यूटी नहीं देनी पड़ेगी। और वे आसानी से देश से बाहर अपना प्याज निर्यात कर सकेंगे। और किसानों को फल्के की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त हो पाएगा। जिसके चलते भारत देश में प्याज की आपूर्ति में गिरावट आ सकती है। और प्याज की गुणवत्ता में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। और आम जनता को अच्छी गुणवत्ता का प्याज खरीदने के लिए अधिक राशि चुकानी पड़ सकती है।

भारत में प्याज का उत्पादन-

किसान साथियों भारत के कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष 2024 में जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्याज की आवक लगभग 15,050 टन की थी। लेकिन इस वर्ष 2025 में जनवरी के अंतिम सप्ताह में लगभग 52,432 टन प्याज की आवक बाजार में हुयी थी। जिससे की बाजार में बहुत ज्यादा हलचल मच गयी थी। इस वर्ष 2025 में प्याज की आवक गत वर्ष 2024 की तुलना में लगभग 248 प्रतिशत अधिक थी।

प्याज उत्पादन में भारत का दबदबा-

किसान साथियों भारत देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 30 मिलियन टन प्याज का उत्पादन होता है। और विश्व में सबसे अधिक और सबसे बड़ा प्याज उत्पादन की दृस्टि से भारत देश पहले पायदान पर है। क्योकि भारत देश में प्याज की फसल को एक वह में लगभग 3 बार बोया जाता है। प्याज की बुवाई के इन तीनों सीजन में से अकेला रबी के सीजन का प्याज भारत के कुल प्याज उत्पादन का लगभग 75-77 प्रतिशत भाग उत्पादित करता है। और बाकि सीजन के प्याज की तुलन अगर करें तो रबी के सीजन के प्याज को आप काफी लम्बे समय तक भडारण करके रख सकते है। प्याज की बुवाई के तीनों चरण सीजन सहित निम्नलिखित प्रकार से है-

1. पहली बार खरीफ के सीजन में-

  • बुवाई- जुलाई से अगस्त में।
  • कटाई- अक्टूबर से दिसंबर में।

2. दूसरी बार पछेती खरीफ के सीजन में-

  • बुवाई- अक्टूबर से नवंबर में।
  • कटाई- जनवरी से मार्च में।

3. तीसरी बार रबी के सीजन में-

  • बुवाई- दिसंबर से जनवरी में।
  • कटाई- मार्च से मई में।

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