प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के लिए सरकारी उपहार: 3 साल तक सब्सिडी का ऐलान Rahul Saharan, August 1, 2024August 3, 2024 राम राम किसान साथियों आप सभी के लिए एक बहुत ही अच्छी खुशखबरी आयी है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती के कार्यक्रम में किसानो के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है। किसानो को प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के लिए प्रेरित करने के लिए इस सब्सिडी योजना की शुरुआत की है।इस योजना के अंतर्गत जो किसान प्राकृतिक खेती करेंगे उन्हें 3 साल तक सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। इस सब्सिडी योजना की शुरुआत किसानो को प्राकृतिक खेती की और अग्रसर करने और किसानो की फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से की गयी है।Also Read कार्बन फार्मिग (Carbon farming): जाने पूरी जानकारी प्राकृतिक खेती के द्वारा पर्यावरण की होने वाली हानि को कम किया जा सकता है। इसलिए किसानो को प्राकृतिक खेती की और ले जाया जा रहा है। ताकि आने वाले समय में भूमि में होने वाली हानि को कम किया जा सके। साथ ही अत्यधिक उर्वरको के उपयोग की मात्रा को घटाया जा सके। जिससे भूमि की उर्वरक और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। और भूमि में पोषक तत्वों की मात्रा में भी इजाफा होगा।इस लिए शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानो को 3 साल तक सब्सिडी देने की घोषणा की है। ताकि किसानो का रुझान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ाया जा सके। प्राकृतिक खेती पर बल देने का उद्देश्य केवल पर्यावरण को रासायनिक उर्वरको के उपयोग को कम करना है। प्राकृतिक खेती के उपयोग से फसलों में होने वाले रसायनों के प्रयोग में कमी होगी तथा पर्यावरण और खेती को रसायनो से मुक्त कर दिया जाएगा।प्राकृतिक खेती में सब्सिडी देने का उद्देश्य ये है की किसान अब तक न जाने कितना उर्वरको का उपयोग करते आ रहे है। अब अगर एक दम से प्राकृतिक खेती शुरु करेंगे तो फसलों की उत्पादन क्षमता पहले जैसी नहीं होगी। अगर फसलों की पैदावार में कमी होगी तो किसानो को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सरकार ने किसानो को होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए 3 साल तक सब्सिडी देने की घोषणा की है।Also Read किसान भाई अगस्त में इन सब्जियों की खेती करें और बढ़ाएं अपनी कमाई प्राकृतिक खेती के द्वारा उगाई गयी फसलों और सब्जियों के अच्छे दाम मिलते है इसलिए किसानो को सरकार के द्वारा प्राकृतिक खेती की और अग्रसर किया जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगभग एक करोड़ किसानो प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके लिए पूरे देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाये बनाई जाएगी। और किसानो को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।प्राकृतिक खेती (Natural Farming)के फायदे –प्राकृतिक खेती करने से फसलों के उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी और ना ही उनको भण्डारण करने में किसी भी प्रकार की कमी आएगी। रासायनिक कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से भूमि की उर्वरक क्षमता का पर काफी बुरा असर पड़ता है। अत्यधिक रसायनिक उर्वरको के उपयोग से भूमि में फसलों के लिए लाभदायक कीट/ मित्र कीट भी नष्ट हो जाते है। इसलिए भूमि के उर्वरकता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राकृतिक खेती में किसानो को फसलों के लिए लगभग 50-60 प्रतिशत तक कम पानी की आवश्यकता होती है। और प्राकृतिक खेती की सहायता से बढ़ती जा रही गलोबल वार्मिग को कम किया जा सकता है। UNO की एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले लगभग 40-50 वर्षो में विश्व की कृषि योग्य भूमि पूरी तरह से बंजर हो जाएगी। इसके अनुसार आज गेहू की फसल में लगभग 45 प्रतिशत तक पोषक तत्व ही नहीं है। जिससे लोगो में बहुत से प्रकार के रोग उत्पन्न हो रहे है।रासायनिक उर्वरक कितने हानिकारक है –आज कल किसान अपने खेतो में नाइट्रोजन युक्त रसायन अपने खेतो में डालते है वो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके नाइट्रस ऑक्साइड गैस का उत्पादन करते है जो की कार्बन डाई ऑक्साइड से लगभग 312 गुना अधिक खतरनाक है। और पुरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने में अकेले रासायनिक उर्वरको का 24 प्रतिशत योगदान है। सरकारी योजनायें