कृषि क्षेत्र में MSP का महत्व: जानिए MSP कानूनी गारंटी किसानों की समस्या का समाधान कर सकती हैं? Rahul Saharan, August 27, 2024August 27, 2024 राम राम किसान साथियो आप सभी को पता होगा की देश में लंबे समय से किसानो और सरकार के बीच एक लड़ाई चलती आ रही है और वो लड़ाई है MSP की क़ानूनी गारंटी देने की। किसान लम्बे समय से सरकार से MSP पर गारंटी कानून बनाने को लेकर प्रदर्शन करे रहे है। किसानो के अनुसार सरकार को सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटी कानून के साथ लागू करना चाहिए। अब लगभग 23 प्रकार की फसलों को इस न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल किया जा चूका है।किसान साथियो जैसे-जैसे देश में कोई चुनाव नजदीक होते है वैसे ही आम जनता और नेताओ के बीच बहुत प्रकार के सर्वे किये जाते है। कि लोगो की क्या मांग है क्या समस्याएँ है। इसी के अंतर्गत चुनावों से पहले जब लोगो से बातचीत की गयी तो ये बात सामने आ रही है कि लोग चाह रहे है की सरकार उनको MSP पर गारंटी कानून बना कर दे। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत सरकार की ओर से तय किया गया एक न्यूनतम मूल्य होता है।Also Read बिना ब्याज के लोन पाने का सुनहरा अवसर : किसान भाईयों के लिए विस्तृत जानकारी MSP क्या है –MSP का अर्थ होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य। इसका मुख्य उद्देश्य होता है की किसानो को उनकी फसलों का एक निश्चित मूल्य दिया जा सके। क्योकि जब खेतो में किसी फसल की पैदावार जबरदस्त होती है तो बाजार में उसकी कीमते गिर जाती है। तथा समय के साथ साथ कीमतों की कमी तथा वृद्धि होती रहती है। तो किसानो को कम दाम के चलते आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े। इसके लिए सरकार की और से न्यूनतम समर्थन मूल्य की शुरुआत की गयी है।वर्ष 2021 में किसानो के द्वारा सरकार के लाये गए कृषि कानून के खिलाफ किये गए प्रदर्शन में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी एक महत्वपूर्ण बिंदु था। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में कुल 23 प्रकार की फसलों को शामिल किया गया है। जिनमें 7 प्रकार के अनाज (धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, गेँहू, जौ, रागी), 5 प्रकार की दालें (चना, मूंग, उड़द, मसूर, अरहर), 7 प्रकार के तिलहन (मूंगफली, शीशम, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड), 4 प्रकार की व्यवसायिक फसलों (कपास, जूट, गन्ना, खोपरा) को सम्मिलित किया गया हैं।सर्वे के अनुसार सबसे बड़ी समस्याए –किसान साथियो चुनावों से पहले किये जाने वाले सर्वे के अनुसार हरियाणा के अंदर लगभग 45 प्रतिशत लोगो के अनुसार बेरोजगारी एक सबसे बड़ा पहलु है तथा लगभग 14 प्रतिशत लोजो के अनुसार महंगाई सबसे बड़ी समस्या है जबकि लगभग 03 प्रतिशत लोगो के अनुसार भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। और हरियाणा के लगभग 40 प्रतिशत लोग चाहते है की देश का प्रधानमंत्री राहुल गाँधी जी को बनना चाहिए और दूसरी तरफ लगभग 52 प्रतिशत लोग चाहते है की देश के प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेंद्र मोदी जी को आना चाहिए।एक और हरियाणा के अंदर लगभग 44 प्रतिशत लोग सरकार के काम से संतुष्ट नहीं है। जबकि लगभग 25 प्रतिशत लोग हरियाणा सरकार के काम से कुछ स्तर तक खुश एवं संतुष्ट है। तथा राज्य की लगभग 27 प्रतिशत आबादी राज्य सरकार के द्वारा करवाए जाए रहे कामो से बिलकुल भी संतुष्ट नहीं है। इसके साथ ही हम बात करे अगर विधायक और सांसद की तो राज्य की लगभग 29 प्रतिशत और लगभग 33 प्रतिशत आबादी क्रमश: सांसदों और विधायकों के कामो से संतुष्ट है। जबकि राज्य के लगभग 38 प्रतिशत और लगभग 40 प्रतिशत लोग क्रमश: सांसदों और विधायकों के कामो से बिलकुल भी संतुष्ट नहीं है। तथा राज्य के लगभग 21 प्रतिशत तथा लगभग 20 प्रतिशत लोग क्रमश: सांसदों और विधायकों के कामो से केवल कुछ स्तर तक ही संतुष्ट एवं खुश है।Also Read कृषि यंत्रों की नई दुनिया: जानिए टॉप 5 आधुनिक उपकरण जो खेती को बनाएंगे आसान MSP की समस्या –किसान साथियो चुनावों से पहले किये जाने वाले सर्वे के अनुसार हरियाणा के अंदर लगभग 87 प्रतिशत लोगो के अनुसार किसानो को उनकी फसलों के अच्छे दामों के लिए मिलने वाले या सरकार के द्वारा तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर MSP गारंटी कानून बनना चाहिए। जबकि राजय के लगभग 09 प्रतिशत लोगो के अनुसार सरकार के द्वारा किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर कोई गारंटी कानून नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही किसानो के द्वारा किसान तथा खेत मजदूरों के लिए पेंशन और इसके साथ ही स्वामीनाथन आयोग के द्वारा की गयी सिफारिशों की भी लागू किया जाए।सरकार द्वारा कुछ फसलों पर बढ़ाई गयी MSP –इसी वर्ष कैबिनेट की बैठक में 14 प्रकार की खरीफ की फसलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी थी। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद कपास और धान के साथ-साथ 12 और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिए गए है। सामान्य कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 6620 रूपये से बढ़ाकर 7121 रूपये व लम्बे रेशे वाली कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 7020 रूपये से बढ़ाकार 7521 रूपये कर दिया है। जो की कपास के पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से लगभग 501 रूपये अधिक है।केंद्र सरकार ने कपास के साथ धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी काफी अच्छी बढ़ोतरी की है। केंद्र सरकार ने सामान्य धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 2183 रूपये से बढ़ाकर 2300 रूपये और A ग्रेड धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 2203 रूपये से बढ़ाकर 2320 रूपये कर दिया है। जो की धान के पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से लगभग 117 रूपये अधिक है।सभी 14 प्रकार की फसलों के नए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP Rate Increase) की लिस्ट –फसल का नाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)2023-2024 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)में बढ़ोतरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)2024-25 सामान्य धान₹2183₹117₹2300A ग्रेड धान₹2203₹117₹2320सामान्य कपास₹6620₹501₹7121लम्बे रेशे वाली कपास₹7020₹501₹7521बाजरा₹2500₹125₹2625मक्का₹2090₹135₹2225हाइब्रिड ज्वार₹3180₹191₹3371मालदंडी ज्वार₹3225₹196₹3421रागी₹3846₹444₹4290तुअर /अरहर₹7000₹550₹7550मूँगफली₹6377₹406₹6783उड़द₹6950₹450₹7400मूँग₹8558₹124₹8682तिल₹8635₹632₹9267सोयाबीन₹4600₹292₹4892सूरजमुखी₹6760₹520₹7280रामतिल₹7734₹983₹8717Disclaimer – हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल / फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते है, हम सिर्फ आप तक बाजार भाव पहुँचाने का प्रयास करते है, जिससे आपको निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी संबधित कृषि मंडी समिति से भाव की पुष्टि आवश्यक रूप से कर लेवें। आपके किसी भी प्रकार के आर्थिक नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि सलाह