गेंहू पर स्टॉक लिमिट: एमपी सरकार के फैसले से क्या होगा बाजार पर असर? Rajendra Suthar, September 11, 2024September 11, 2024 किसान साथियों, मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं की बढ़ रही कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने भी गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगा दी है। जानकारी के अनुसार यह आदेश 9 सितंबर से लागू हो गया है और यह 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा। नए नियमों के अनुसार, प्रदेश के थोक व्यापारी अधिकतम तीन हजार टन और खुदरा विक्रेता दस टन गेहूं का ही भंडारण कर सकेंगे। यह कदम गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने और आम लोगों को सस्ती दर पर गेहूं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।मध्यप्रदेश में गेंहू की कीमते MSP से भी ऊपर पहुंच गई है। राज्य की मंडियों में गेहूं की कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं। वर्तमान में, सामान्य किस्म के गेहूं का औसत मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है, जो कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2275 रुपये प्रति क्विंटल से काफी अधिक है। राज्य सरकार द्वारा दिए गए अतिरिक्त बोनस के कारण किसानों को सरकारी खरीद में गेहूं बेचने पर 2400 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिल रहा था, लेकिन वर्तमान बाजार मूल्य इससे भी अधिक है। इस प्रकार, किसानों को सरकारी खरीद के बजाय खुले बाजार में अपना गेहूं बेचकर अधिक लाभ मिल रहा है।Also Read सरकार की बड़ी घोषणा: 485 लाख टन धान की खरीद सुनिश्चित गेंहू के भाव पर संभावित प्रभावगेहूं की कीमतों में वृद्धि: मध्य प्रदेश में गेहूं के दामों में हाल ही में लगातार वृद्धि देखी गई है। सामान्य किस्म के गेहूं की कीमतें लगभग 2700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गई हैं, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले शरबती गेहूं के दाम 3000 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच चुके हैं।वृद्धि के कारण: गेहूं की कीमतों में लगातार हो रही यह वृद्धि गेंहू की मांग में इजाफा और आपूर्ति में कमी के कारण हुई है।सरकारी उपाय: सरकार द्वारा गेहूं के भंडारण पर लगाई गई सीमा (Stock Limit) के चलते इन बढ़ती कीमतों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। इससे भविष्य में गेहूं की कीमतों में मंदी देखने को मिल सकती है।Also Read भारी बारिश के कारण फसलों को हो सकता है नुकसान: कपास, मक्का और सोयाबीन की देखभाल के लिए सलाह राज्य की स्थिति: मध्य प्रदेश देश के प्रमुख गेहूं उत्पादन वाले राज्यों में से एक है। लेकिन पिछले रबी सीजन (2023-24) में प्रतिकूल मौसम के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ।सरकारी खरीद में कमी: इसी वजह से राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद में कमी देखने को मिली है। चालू रबी मार्केटिंग सीजन (2024-25) में देशभर में कुल 266 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है, जिसमें मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी केवल 48 लाख टन रही है। यह आंकड़ा राज्य के सामान्य गेहूं उत्पादन की तुलना में काफी कम है।औसत उत्पादन: मध्यप्रदेश में सालाना औसतन लगभग 200 लाख टन गेंहू का उत्पादन होता है।केंद्र सरकार की गेंहू पर स्टॉक लिमिटकेंद्र सरकार द्वारा गेंहू के बढ़ती कीमतों और कालाबाजारी तथा जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से जून में गेंहू पर स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला लिया था। यह फैसला तब लिया गया था जब सरकार ने गेंहू का रिकॉर्ड उत्पादन होने का दावा किया था। हालांकि बाद में गेंहू की सरकारी खरीद में कमी देखने को मिली थी। जिससे उत्पादन के आँकड़ो पर सवाल उठने लगे। सरकार का कहना था की यह कदम गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने के लिए उठाया गया है। लेकिन, सरकारी खरीद में कमी ने इस दावे को संदेहास्पद बना दिया है। कृषि समाचार