मानसून समाचार : भोपाल सहित 7 जिलों में भारी बारिश का रिकॉर्ड Rajendra Suthar, August 6, 2024August 6, 2024 किसानो साथियों इंद्र देव के मेहरबान होने से मध्य्प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश का माहौल सप्ताह की शुरुआत से ही बना हुआ है। सावन के तीसरे सोमवार को अच्छी बारिश देखने को मिली। मध्यप्रदेश में भारी बारिश का ये सिलसिला एक सप्ताह तक थमा रहेगा। मानसून ट्रफ लाइन प्रदेश से ऊपर निकलने और साइक्लोनिक सर्कुलशन के कमजोर होने के कारण ऐसा होगा। मध्यप्रदेश में मानसून के प्रारम्भ होने से अब तक 45 दिन हो गए है। इस दौरान औसत बारिश 24.4 इंच हो चुकी है। जो इस सीजन की 65% बारिश दर्ज की गई है।भोपाल, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम सहित 7 जिलों में 30 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। IMD भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मानसून ट्रफ मध्यप्रदेश के ऊपर है साथ ही ईस्ट-वेस्ट ट्रफ भी मध्य्प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। ये ट्रफ लाइन राजस्थान से नार्थ केरल तक जा रही है। जिससे एक सप्ताह तक बारिश पर ब्रेक लगने की संभावना है।Also Read भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) मौसम वैज्ञानिको के अनुसार मध्यप्रदेश में आकाशीय बिजली की गरज-चमक बनी रह सकती है। जिससे आकाशीय बिजली गिरने के मामले बढ़ सकते है। इस लिए लोगो से अपील है की आकाशीय बिजली चमकने के दौरान सुरक्षित स्थानो पर रहे। मध्य्प्रदेश में मानसून के आगमन की बात करें तो मानसून का आगमन 21 जून को हुआ था। तभी से तेज बारिश का दौर चल रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार 22% अधिक बारिश हो चुकी है। वही प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चम्बल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में औसत से 26% और पूर्वी क्षेत्र में जैसे जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में औसत से 19% अधिक बारिश हो चुकी है।मध्य्प्रदेश में 7 अगस्त को इन जिलों में बारिश अलर्टभारी बारिश का अलर्ट : श्योपुर, शिवपुरी, सागर, दमोह, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिहपुर, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर।हल्की बारिश : भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, समेत प्रदेश के अन्य जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट है।8 और 9 अगस्त को इन जिलों में बारिश का अलर्ट : श्योपुर, मुरैना, भिंड, धार, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, डिंडोरी, रतलाम।Also Read कृषि मंत्री की नई पहल : किसानों को सस्ती कीमतों पर मिलेगा उर्वरक और उन्नत बीज बारिश के प्रभावजलभराव और बाढ़: लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में प्रमुख सड़कों और गलियों में पानी भर गया है, जिससे यातायात की समस्याएँ बढ़ गई हैं। कई निचले इलाकों में बाढ़ के संकेत भी मिल रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।कृषि पर प्रभाव: मानसून बारिश की इस तीव्रता ने खेतों में भी प्रभाव डाला है। बारिश ने फसलों की वृद्धि में मदद की है, लेकिन अधिक बारिश और जलभराव ने फसल के बर्बाद होने का खतरा भी पैदा कर दिया है। किसानों को खेतों में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी फसलों के नुकसान की संभावना है।स्वास्थ्य पर असर: अधिक बारिश और जलभराव से बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। पानी के भराव के कारण मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग को इसके प्रति सतर्क रहना होगा और प्रभावी उपायों की योजना बनानी होगी।निष्कर्षमध्य प्रदेश के भोपाल और अन्य जिलों में भारी बारिश का रिकॉर्ड इस बात का संकेत है कि मौसम की स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहे हैं। यह समय है कि हम इन बदलावों को समझें और उनके अनुसार अपने जीवन और संसाधनों की योजना बनाएं। सरकार और समाज के सामूहिक प्रयासों से ही हम इस प्रकार की मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की दिशा में आगेन बढ़ सकते हैं। मौसम समाचार