मोबाइल वेटरनरी वैन : अब एक कॉल पर घर पर ही होगा पशुओं का इलाज Rajendra Suthar, October 13, 2024October 13, 2024 केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पशुपालकों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऐसी कड़ी में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया है। इसमें भेड़-बकरी, गाय-भैंस और अन्य पशुओं के तत्काल इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके तहत 536 वेटरनरी वैन को चलाने की योजना बनाई गई है, जिससे पशुपालकों को तात्कालिक चिकित्सा सहायता मिल सकेगी।मोबाइल वेटरनरी वैन (Mobile Veterinary Van) का महत्व : केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई इस पहल का एक प्रमुख उद्देश्य पशुपालकों को त्वरित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। इन वेटरनरी वैन में आवश्यक चिकित्सा उपकरण और जानकार पशु चिकित्सक मौजूद रहेंगे, जो पशुओं के इलाज के लिए तुरंत पहुंचेंगे। इसके साथ ही पशुपालकों के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा, जिससे वे किसी भी समय अपनी समस्या बता सकते हैं और आवश्यक परामर्श ले सकते हैं।Also Read जीरो टिलेज मशीन (Zero Tillage Machine): जानिए कैसे करें बिना जुताई के सीधी बुआई केंद्रीय राज्य मंत्री मछलीपालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्रालय, प्रो एसपी सिंह बघेल ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान समय में परंपरागत खेती और पशुपालन के स्थान पर उन्नत किस्मों की खेती और पशुपालन को अपनाने की अति आवश्यकता है। इस प्रयास के माध्यम से पशुपालकों की आय में वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, बीकानेर को भी बढ़ावा देने की बात की।सरकार सरकार का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है, जिसके लिए नई तकनीक और उन्नत तरीकों का भरपूर उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। यह पहल न केवल पशुपालन को सशक्त करेगी, बल्कि आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगी।पशुपालन के नस्लों की गुणवत्ता का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने गायों में सेक्स सॉर्टेड सीमेन के उपयोग पर जोर दिया है। इसका उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों का उत्पादन संभव हो सकेगा और साथ ही आवारा गोवंश की समस्या का समाधान भी होगा।Also Read छत पर बागवानी (Rooftop Gardening): एक स्वस्थ और जैविक जीवन की ओर इसके साथ ही भारतीय वेटरनरी अनुसंधान परिषद और भारतीय मछली अनुसंधान परिषद की स्थापना की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। इससे पशुपालन और मछलीपालन के क्षेत्र में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा जो किसानो के लिए लाभदायक साबित होगा।राजस्थान के पशुपालन कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से जल्द ही 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालकों को प्रदान की जाएंगी। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, 1962 टोल-फ्री नंबर जारी किया जाएगा, जिससे किसान घर बैठे ही वेटरनरी वैन को बुलाकर अपने पशु का इलाज करा सकेंगे।इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि पशुपालक बिना किसी कठिनाई के अपने पशुओं को इलाज करवा सकें। यह न केवल उनकी सुविधा के लिए है, बल्कि उनके पशुओं के स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही इस योजना के अनुसार राज्य के पशुपालकों को ब्याज-मुक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा भी दी जाएगी। यह योजना पशुपालकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए है, ताकि वे अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से चला सकें और अपने पशुओं की देखभाल कर सकें।निष्कर्षकेंद्र सरकार द्वारा की गई यह पहल पशुपालकों के लिए एक नई दिशा प्रदान करने वाला है। उन्नत तकनीक, मोबाइल वेटरनरी वैन, बीमा और वित्तीय सहायता के माध्यम से सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान करने का संकल्प लिया है। इससे न केवल पशुपालन को मजबूती मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार देखने को मिलेगा।इन पहलों के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि किसान अपनी आय में वृद्धि करें और आत्मनिर्भर बनकर अच्छा जीवन जीए। यह एक सकारात्मक कदम है, जो कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलता है। इसलिए, किसानों को चाहिए कि वे इन सुविधाओं का लाभ उठाएं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाएं। कृषि समाचार