रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन हो रही बंजर : जानिए कारण Rajendra Suthar, July 17, 2024July 17, 2024 किसान भाइयों लगातार हो रहे अंधाधुध रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जमीन में पहले से मौजूद पोषक तत्वों में कमी आ रही है और अधिक उपयोग करने से पोषक तत्व नष्ट हो रहे है जिससे खेती योग्य जमीने बंजर हो रही है। साथ पराली को जलाने से भी जमीन के पोषक तत्व नष्ट हो रहे है। इसक सबसे ज्यादा असर उत्पादन पर पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार कृषि विभाग द्वारा हाड़ोती के खेतों में मिट्टी की जाँच (Soil Testing) की गई जिसमे रिपोर्ट में सामने आया की भूमि के उपजाऊपन में कमी आ रही है जिसका प्रमुख कारण रासायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग बताया गया है।कृषि विभाग ने कोटा क्षेत्र में पिछले पांच साल में मिट्टी परीक्षण के करीब 60 हजार नमूने लिए। इनकी मृदा प्रयोगशाला में जांच की गई तो 52.23 फीसदी नमूनों में ऑर्गेनिक कार्बन का स्तर कम पाया गया। मात्र 3.92 प्रतिशत नमूनों में उच्च व शेष में मध्यम स्थिति देखी गई। अच्छी उपज के लिए मिट्टी में जरूरी ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा 0.75 प्रतिशत के करीब होनी चाहिए। प्रदेशभर में मृदा की पैदावार क्षमता घट रही है।Also Read सरकार का बड़ा फैसला: काबुली चना की स्टॉक लिमिट हटाई गई, जानिए इससे निर्यात पर क्या असर पड़ेगा ? भूमि के बंजर होने के प्रमुख कारणरासायनिक खाद का अधिक और लगातार उपयोग करने से भूमि में पोषक तत्वों के असंतुलन का कारण बनता है। जब केवल नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम का प्रयोग किया जाता है, तो अन्य आवश्यक तत्व जैसे जस्ता, आयरन और मैंगनीज की कमी हो जाती है। यह फसलों की वृद्धि को प्रभावित करता है और भूमि की उर्वरता को कम करता है।रासायनिक खाद का उपयोग मिट्टी की संरचना को भी प्रभावित करता है। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की कमी हो जाती है, जिससे मिट्टी की भौतिक और रासायनिक संरचना बिगड़ जाती हैं। इससे मिट्टी की जलधारण क्षमता में भी कमी आ जाती है ,और भूमि बंजर होने लगती है।खेतों में आग लगाने के साथ ही प्राकृतिक व हरी खाद के कम उपयोग से ऑर्गेनिक कार्बन की कमी आ रही है। इसके अलावा हाइब्रिड खेती से उत्पादन तो अधिक हो जाता है, लेकिन इससे मृदा में पोषक तत्व कम हो जाते हैं। किसान एक साल में तीन फसलों का उत्पादन करने लगे हैं, इससे भी पोषक तत्वों का क्षरण होता है। इससे जमीन कठोर हो जाती है और वाटर होल्डिंग केपेसिटी भी कम हो रही है।समाधान और विकल्पजैविक खाद का उपयोग : किसान भाइयों रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग एक अच्छा विकल्प है। जैविक खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और मिट्टी के पोषक तत्वों को बनाए रखती है। यह सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा देती है और मिट्टी की संरचना को सुधारती है।फसल चक्रीकरण : फसल चक्रीकरण एक महत्वपूर्ण कृषि प्रथा है, जो मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है और कीटों तथा रोगों की समस्या कम होती है।प्राकृतिक उपाय : किसान साथियों खेती में प्राकृतिक तरीकों जैसे कि वर्मी कम्पोस्ट, ह्यूमस, और अन्य जैविक प्रक्रियाएं को अपनाकर मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखा जा सकता हैं। प्राकृतिक उपाय न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि फसलों की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं।जागरूकता और शिक्षा : किसानों को रासायनिक खाद के प्रभावों और उनके स्थायी विकल्पों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इससे वे बेहतर निर्णय ले सकेंगे और अपनी फसल की उत्पादन विधियों में सुधार कर सकेंगे। किसान साथियो को रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करने से पहले उसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।निष्कर्षकिसान भाइयों रासायनिक खाद का अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग भूमि को बंजर बनाने का एक प्रमुख कारण बन चुका है। इसके प्रभावों को समझकर और स्थायी कृषि प्रथाओं को अपनाकर हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। जैविक खेती और प्राकृतिक तरीकों के माध्यम से हम न केवल भूमि की उर्वरता को बनाए रख सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण भी कर सकते हैं।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि सलाह