लाल भिण्डी (Red Ladyfinger): जानिए कैसे करें लाल भिण्डी की सफल खेती Rajendra Suthar, October 10, 2024October 10, 2024 किसान साथियों और कृषि प्रेमियों के लिए एक नई फसल की संभावना सामने आई है। हाल ही में, किसानों ने प्रदेश के कुछ क्षेत्रों जैसे बीकानेर और भरतपुर में लाल भिण्डी जैसी पौष्टिक फसल की खेती शुरू कर दी है। इस पोस्ट में हम लाल भिण्डी की विशेषताओं, खेती की विधि, सिंचाई की तकनीक और इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।लाल भिण्डी का स्वाद मीठा और नमकीन होता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें कैल्शियम, आयरन, सोडियम और अन्य एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो इसे हार्ट सहित कई रोगों के लिए फायदेमंद बनाते हैं। इसके अलावा, यह विटामिन ए, सी, के और बी6 से समृद्ध है।लाल भिण्डी में फाइबर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, नियासिन, थियामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और शर्करायुक्त तत्व होते हैं। इन सभी गुणों के कारण यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। खासकर, डायबिटीज और हृदय रोग के मरीजों के लिए यह एक वरदान साबित हो सकती है।लाल भिण्डी की खेती कैसे करेंमिट्टी की तैयारी : लाल भिण्डी की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। बुवाई से पहले इस मिट्टी को अच्छी तरह से जुताई करके भुरभुरा बना लें और खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। इसके अलावा, मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाने से इसकी उर्वरता बढ़ती है।बीज की बुवाई : लाल भिण्डी की खेती की बुवाई विधि हरी भिण्डी से थोड़ी अलग होती है। इसकी बुवाई के लिए बीजों को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में और 30 से 40 सेंटीमीटर की दूरी पर बोया जाता है। इसके बाद, रोपाई 15 से 20 दिनों के बाद की जाती है, जब पौधों में चार से पांच पत्तियां निकल आती हैं।Also Read प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) : गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना का 2028 तक विस्तार सिंचाई की व्यवस्था : लाल भिण्डी की बुवाई के बाद खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। लाल भिण्डी की खेती में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का भी उपयोग करना लाभकारी है। इस पद्धति से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि पौधों को आवश्यक नमी भी प्रदान करता है। सिंचाई सुबह या शाम के समय की जानी चाहिए, जिससे पौधों को उचित मात्रा में पानी मिल सके और नमी बनी रहे।कीटों और रोगों से सुरक्षा : लाल भिण्डी की खेती में कीटों और रोगों से सुरक्षा आवश्यक है। इसके लिए आवश्यकतानुसार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते रहना चाहिए।लाल भिण्डी के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits Of Red Ladyfinger)लाल भिण्डी से स्वास्थ्य लाभ की बात करें तो लाल भिण्डी का सेवन स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट दिल की सेहत को सुधारने में मदद करता हैं। इसके साथ ही यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।लाल भिण्डी की मांग मार्केट में काफी अधिक देखने को मिल रही है। यह स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण तेजी से बिकती है। हरी भिण्डी की तुलना में यह अधिक पौष्टिक है, साथ ही महंगी भी होती है। इसके कारण, किसान इसे एक लाभकारी फसल के रूप में देख रहे हैं।निष्कर्षलाल भिण्डी की खेती एक उत्कृष्ट और उत्तम विकल्प है, जो किसानों को अच्छे मुनाफे के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके पौष्टिक गुण और बाजार में बढ़ती मांग इसे एक संभावनाशील फसल बनाते हैं। यदि किसान साथी कृषि क्षेत्र में नए हैं या अपने खेत में विविधता लाना चाहते हैं, तो लाल भिण्डी की खेती पर विचार कर सकते है। यह न केवल आपको आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाएगी, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगी। कृषि सलाह