भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार हेतु किसान मूंग और ढेंचा की बुवाई करें, जानिए सम्पूर्ण जानकारी Rahul Saharan, May 1, 2025May 9, 2025 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है कि आज कल खेतो में किसानो के द्वारा बहुत ही अधिक मात्रा में रसायनिक उर्वरको और कीटनाशकों का उपयोग किया जा रहा है। इनके उपयोग से धीरे-धीरे भूमि की उपजाऊ क्षमता नष्ट होती जा रही है जिसके कारण जमीने बंजर हो रही है। अत्यधिक रासायनिक उर्वरको और कीटनाशकों के छिड़काव वाली फल-सब्जियों का सेवन करने के कारण मनुष्यो में अनेक प्रकार को भयानक बिमारियाँ उत्पन्न हो रही है। ऐसी स्थिति में भूमि का स्वास्थ्य सुधार करना बहुत ही आवश्यक होता है। किसान भाई अपनी भूमि उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए मूंग और ढेंचा की बुवाई कर सकते है। इसके लिए हरियाणा कृषि विभाग ने किसानो को मूंग और ढेंचा का बीज बितरण करने का फैसला लिया है।मूंग और ढेंचा का उपयोग-किसान साथियों आज कल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए हम बहुत प्रकार के रासायनिक उर्वरको और कीटनाशकों का उपयोग करते है। जिससे धीरे-धीरे भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी होने लग जाती है। और फसल की पैदावार और उत्पादकता की मात्रा में भी कमी देखने को मिलती है। ऐसे स्थिति में किसान रबी की फसल की कटाई होने के बाद खाली पड़ी भूमि में मूंग और ढेंचा की फसल की फसल की बुवाई करके अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में इनका उपयोग हरी खाद के रूप में कर सकता है।मूंग और ढेंचा की बुवाई से लाभ-किसान साथियों रबी की फसल की कटाई हो जाने के पश्चात किसान अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए मूंग और ढेंचा की फसल का उपयोग हरी खाद के रूप में कर सकता है। किसान भाइयों जिस भूमि में मूंग की फसल की बुवाई की होती है। उस भूमि में धान की खेती के समय यूरिया का इस्तेमाल बहुत ही कम मात्रा या ना के बराबर करना पड़ता है।किसान भाइयों यदि आप मूंग की बुवाई करके इसका इस्तेमाल हरी खाद बनाने के लिए करते है तो इससे भूमि को लगभग 16 पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। मूंग की फसल का हरी खाद के रूप में इस्तेमाल करने से भूमि में हार्मोन और विटामिन्स की मात्रा में भी वृद्धि होती हैं। किसान साथियों मूंग और ढेंचा को हरी खाद इसलिए कहते है क्योंकि हरी खाद वह सहायक फसल होती है जिसकी खेती से भूमि में पोषक तत्वों में वृद्धि होती है तथा साथ ही जैविक पदार्थो की पूर्ति होती है।किसान साथियों मूंग और ढेंचा की फसल का उपयोग हरी खाद के रूप में करने से मिट्टी के होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता है। मूंग और ढेंचा की फसल से भूमि में नाइट्रोजन, पोटैशियम, फास्फोरस, जस्ता, तांब, लोहा, मैगनीज और मोलिब्डेनम आदि तत्वों से भूमि को समृद्ध बनाती है।मूंग और ढेंचा से हरी खाद कैसे बनाए-किसान साथियों रबी की फसल जैसे- गेंहू और सरसों आदि की कटाई के बाद खाली पड़ी हुयी भूमि में किसान मूंग और ढेंचा की फसल का हरी खाद बनाने के लिए कृषि विभाग में जिला उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह के अनुसार किसान भाई मई माह में इसकी बुवाई कर सकते है।किसान भाइयों मूंग और ढेंचा की बुवाई के प्रति एकड़ 10 किलो बीज का इस्तेमाल अआप कर सकते है। मई माह में इसकी बुवाई करने के बाद जुन माह के अंतिम सप्ताह में या जुलाई में यह हरी खाद बनाने के लिए तैयार हो जाता है क्योकि इस समय इसके पौधे की लम्बाई लगभग दो से ढाई फिट के आस-पास होती है। इस समय आप इसको हेरो या जुताई वाले यंत्र से मिट्टी में मिला देवे। और इसके लगभग दो या तीन दिन बाद आप इसमें धान की रोपाई कर सकते है।मूंग और ढेंचा के बीज पर सब्सिडी-किसान साथियों हरियाणा के कृषि विभाग ने भूमि के स्वास्थ्य और उर्वरा शक्ति को बढ़ाने की दृस्टि से किसानो को मूंग और ढेंचा का बीज बितरण करने का फैसला लिया है। इसके लिए कृषि विभाग ने मूंग और ढेंचा के बीज पर सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत एक किसान को ढेंचा का अधिकतम लगभग 120 किलोग्राम बीज या अधिकतम 10 एकड़ का बीज और मूंग का लगभग 05 एकड़ का बीज सब्सिडी पर दिया जाएगा। मूंग और ढेंचा के बीज पर सब्सिडी भी दी जाएगी। जिसे मूंग के बीज पर किसान को लगभग 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। तथा ढेंचा के बीज पर किसान को लगभग 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।किसान भाइयों हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों से मूंग का बीज प्राप्त करने के लिए किसान को बीज बिक्री केंद्र पर मूंग के बीज के कुल मूल्य का 25 प्रतिशत राशि तथा ढेंचा के बीज के लिए बीज के कुल मूल्य की 20 प्रतिशत की राशि बीज बिक्री केंद्र पर जमा करवानी होगी।मूंग और ढेंचा का बीज हेतु आवश्यक दस्तावेज-किसान साथियों मूंग और ढेंचा का बीज प्राप्त करने के लिए आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए –किसान का आधार कार्डकिसान का वोटर कार्डकिसान का किसान कार्डमूंग और ढेंचा का बीज कैसे प्राप्त करें-किसान साथियों मूंग और ढेंचा का बीज प्राप्त करने के लिए आपको कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए आप निम्नलिखित चरणों का इस्तेमाल कर सकते है-1. सबसे पहले आपको हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।2. अब आपके सामने हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा। यहाँ पर आपको “FARMER CORNER” का ऑप्शन दिखाई देगा। जिस पर आपको TAP करना होगा।3. अब आपके सामने “Apply For Agriculture Scheme” का ऑप्शन दिखाई देखा। जिस पर आपको TAP करना है। अब आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा। जहाँ पर आपको “Dhaincha Seed Distribution Under CDP” के विकल्प के सामने View के ऑप्शन पर TAP करना होगा।4. अब आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा। जहाँ पर आपको “Click For Registration” का ऑप्शन दिखाई देगा। इसके ऊपर बने हुए चेक बॉक्स पर क्लिक करके आपको इस ऑप्शन पर TAP करना है। और पूछी गयी सभी जानकारी को सही-सही भरके अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते है।गर्मी में बोई जाने वाली मूंग की फसल पर दवाओं के छिड़काव को लेकर कृषि मंत्री ने जारी किए दिशा-निर्देश। कृषि सलाह