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देशभर में भीषण गर्मी की मार से झुलसने लगी सब्जियां, मौसम विभाग के पूर्वानुमान से बढ़ी किसानो की चिंता

Rajendra Suthar, April 30, 2024April 30, 2024

गर्मी के मौसम की प्रारंभिक लहर ने भारतीय कृषि क्षेत्र को अनेक चुनौतियों के सामने खड़ा कर दिया है। इस वर्ष, देशभर में भीषण गर्मी का सामना किसानों के लिए अधिक चिंता का विषय बन चुका है। विभिन्न क्षेत्रों में उच्च तापमान और सूखे के बाद, सब्जियों के उत्पादन में कमी और पोषण के लिए सामान्य तत्वों की कमी का सामना किया जा रहा है। इसके अलावा, पानी की कमी भी उचित विकास को कम कर रही है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार की गर्मी अत्यंत असामान्य है। सामान्य सत्र में भी अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड बढ़ रहा है। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए बल्कि समाज के अन्य सदस्यों के लिए भी अत्यंत चिंताजनक है। खासकर उन किसानों के लिए जो अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है।

गर्मी की इस तीव्रता ने सब्जियों की प्रमुख फसलों पर बुरा असर डाला है। टमाटर, प्याज, आलू, गाजर, बैगन, शिमला मिर्च, और अन्य सब्जियां अब अत्यधिक दामों में उपलब्ध हो रही हैं। यह न केवल किसानों के लिए बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भी अफसोसजनक है।

बदलते मौसम का सब्जियों पर प्रभाव

वर्तमान में बढ़ते तापमान के कारण हीटवेव का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे किसानो की फसलों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

1. प्रकृतिक तापमान और उत्पादन:
अत्यधिक तापमान सब्जियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। कुछ सब्जियां जैसे की टमाटर, भिन्डी, और मिर्च उच्च तापमान की स्थितियों में मुरझा जाती है और सुखकर समय से पहले ही पौधों से अलग हो जाती है जिससे किसानो की उपज पर प्रभाव पड़ रहा है।

2. पानी की आवश्यकता:
गर्मी के मौसम में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है, जिससे कि सब्जियों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। यदि पानी की आपूर्ति नहीं होती है, तो सब्जियां सुख सकती हैं और उत्पादन में कमी हो सकती है। इसलिए किसान भाई उचित सिंचाई तकनीक का प्रयोग करें।

3. पेस्टिसाइड और रोगों का प्रकोप:
गर्मी के मौसम में कुछ पेस्टिसाइड और रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है, जो सब्जियों के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, समय पर उचित रोगनाशकों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। गर्मी के कारण उत्पादित फसलों का भंडारण करना भी किसानो के लिए चिंताजनक है।

4. उपाय:

  • गर्मी के मौसम में सब्जियों को अधिक पानी प्रदान करना आवश्यक होता है। इसलिए किसान भाई उचित सिंचाई प्रबंधन करें।
  • पेस्टिसाइड और रोगों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से खेतों की देखभाल की जानी चाहिए। पौधों में होने वाले रोगो का पता लगाकर आवश्यकतानुसार कीटनाशक का छिड़काव करें।
  • गर्मी के मौसम में सब्जियों को प्राथमिकता देने के लिए पर्याप्त छाया और सीधा सूर्य का प्रकाश प्रदान करना आवश्यक होता है। किसान भाई सब्जियों की फसल के अनुसार ग्रीन शैड का प्रयोग कर सकते है।

झालावाड़ जिले के भालता कस्बे व क्षेत्र के बावड़ीखेड़ा व उपसली उमरिया सहित कई गांवों के किसानों ने अच्छे मुनाफे की उम्मीद से प्याज की खेती की। वर्तमान में फसल कटाई, छंटाई व ग्रेडिंग का कार्य चल रहा है, लेकिन थोक बिक्री से पहले शुक्रवार को बेमौसम बरसात ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।

खेत से निकली प्याज की फसल खुले में व पेड़ों के नीचे पड़ी है। अचानक बारिश से किसान फसल व बोरियों को तिरपाल से ढंककर बचाने में जुटे रहे। प्याज गीले होने से सूखाने के लिए ढेर को उलट-पलट करना पड़ेगा। काली मस्सी रोग के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। मुनाफा कमाने से पहले ही बेवजह मशक्कत हो जाएगी।

बुआई के समय प्याज के बीज महंगे भावों में खरीद थे। किसान बार-बार होती बारिश से चिंतित हैं। अधिकांश किसानों के घरों में भण्डारण के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण खेतों में खुले पड़े हैं। बारिश से बचाव व रखरखाव के प्रबंध करना भी मुश्किल है। ऐसी परिस्थिति में किसान भाग्य को कोस रहे हैं।

पिछले दिनों में कैसा रहा मौसम (Weekend Mosam)

मौसम की जानकारी : प्रदेश में दिन के पारे मे बढ़ोतरी हो रही है। सात शहरों में रविवार को दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। सबसे अधिक तापमान कोटा में 41 डिग्री रहा। मौसम केंद्र के अनुसार बाड़मेर में 40.4, फलौदी में 40.2, धौलपुर मे 40.6, डूंगरपुर में 40.3, जालोर में 40.2 और करौली में 40.1 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया। जयपुर में दिन का पारा 38.4 डिग्री रहा।

आज का मौसम (Today Mosam ) : मौसम विभाग (IMD) के अनुसार राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 23.5° और उच्चतम तापमान 38.9° रहने की संभावना है।

किसान बदलते मौसम में सब्जियों की देखभाल कैसे करै

किसानों के लिए मौसम के बदलने का असर सब्जियों की उत्पादन और देखभाल पर होता है। यहाँ कुछ उपाय हैं जिनका अनुसरण करके किसान सब्जियों की देखभाल कर सकते हैं:

  1. बुआई का समय चयन: मौसम के अनुसार सही बुआई का समय चुनें। कई सब्जियाँ गर्मी, ठंडी या बरसात में अच्छे से उगने के लिए विशेष समय को चाहती हैं।
  2. समयानुसार पानी देना: उचित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें, जैसे की बरसात में कम पानी और गर्मियों में अधिक पानी।
  3. उपयुक्त खाद का उपयोग: विभिन्न मौसम में पौधों की जरूरतों के अनुसार उपयुक्त खाद का उपयोग करें।
  4. रोगों और कीटों का नियंत्रण: मौसम के अनुसार पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए उपयुक्त उपाय अपनाएं।
  5. पोषण की धारा सुनिश्चित करें: मौसम के अनुसार सब्जियों को सही मात्रा में पोषण प्रदान करें।
  6. प्रबंधन और संरचना: खेत के संरचना और प्रबंधन को मौसम के अनुसार समीक्षा करें और आवश्यक सुधार करें।

मौसम के बदलने पर खेती के तरीकों में सुधार करने के लिए जागरूक होना महत्वपूर्ण है, ताकि सब्जियों की उत्पादकता और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके।

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