आयात शुल्क में कमी से सोने की कीमतें बढ़ीं, लेकिन फिर भी त्योहारों में मांग 30% बढ़ेगी : जानिए सम्पूर्ण जानकारी Rajendra Suthar, September 23, 2024September 23, 2024 भारत में सोने की कीमतों में बीते दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले एक महीनो में सोने की कीमतों में लगभग 4.2% के बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिससे अब 10 ग्राम सोने के भाव 74093 रूपये तक पहुंच गए है। सोने के भावो में हो रही इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण आयात शुल्क में कमी को बताया जा रहा है। आयात शुल्क में कमी बजट के दौरान की गई थी।आने वाले दिनों में एक बार फिर त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है और इस त्योहारी सीजन में सोने की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है जिससे यह स्पष्ट होता है की भारतीय बाजार में सोने की मांग और अहमियत कितनी अधिक है।सोने के आयात शुल्क में कमी का प्रभावआयात शुल्क में कमी के कारण सोने पर क्या प्रभाव पड़ा इस विषय पर बात करे तो बजट में आयात शुल्क में कमी के बाद भारत में सोने का आयात अगस्त में तीन गुना बढ़ गया था। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अगस्त में सोने का आयात 10.06 अरब डॉलर यानी लगभग 84454 करड़ो रहा जो जुलाई माह में 3.13 अरब डॉलर यानि 26277 करोड़ रूपये था। सोने के आयात में हुई इस वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारी सीजन की नजदीकी और लोगों की सोने के खरीदारी के बढ़ती प्रवृत्ति है।त्योहारी सीजन में सोने की बढ़ती मांगत्योहारों का सीजन भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान सोने की मांग में आमतौर पर वृद्धि होती है। इस बार विशेषज्ञों का कहना है की सोने की मांग पिछले साल की तुलना में 30% तक बढ़ सकती है। जैसे-जैसे नवरात्र और अन्य त्यौहार नजदीक आ रहे है लोगों में सोने की खरीदारी के प्रति उत्साग जागृत हो रहा है। जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन बिपुल शाह का कहना है कि आयात शुल्क में कमी से विदेशों से सोने की आमद बढ़ गई है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की उपलब्धता में इजाफा हुआ है।गोल्ड ईटीएफ की बढ़ती मांग : वर्तमान में लगातार सोने के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में भी निवेश बढ़ रहा है। जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में नेट इनफ्लो 80% बढ़कर 13,400 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। यह फरवरी 2020 के बाद किसी एक माह में किया गया सबसे बाद निवेश है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार अगस्त तक अगस्त तक आरबीआई द्वारा 8.2 टन सोना खरीदा गया है और पुरे वर्ष बैंक की खरीद 44.3 टन तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक है और इससे साफ़ है कि सोने में निवेश का ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा।ज्वेलरी और सिक्कों की बढ़ रही है मांगत्योहारों के सीजन के दौरान ज्वेलरी के साथ-साथ सोने के सिक्के और छड़ की मांग में भी वृद्धि होती है। हाल ही में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती से डॉलर की कीमत में कमी आई है जिससे सोने और अन्य संपत्तियों की चमक बढ़ गई है। लोग न केवल ज्वेलरी खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं, बल्कि सोने के सिक्के और छड़ भी खरीदने के लिए तैयार हैं।शादियों के सीजन का प्रभाव : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, नवंबर-दिसंबर में लगभग 42 लाख शादियाँ होने की संभावना है। इन शादियों के दौरान लगभग 5.5 लाख करोड़ रूपये खर्च होने की उम्मीद है। ज्वेलरी इस खर्च का महत्वपूर्ण हिस्सा होगी, जिससे सोने की मांग और भी बढ़ने की संभावना है। शादी के सीजन में लोग अक्सर महंगे और विशेष प्रकार की ज्वेलरी खरीदते हैं, जो उनके लिए एक निवेश का माध्यम भी बनता है।निष्कर्षइस वर्ष त्योहारी सीजन और शादी के मौसम में सोने की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। आयात शुल्क में कमी के बाद सोने की उपलब्धता में वृद्धि हुई है। जिससे बाजार में कीमतों में स्थिरता भी देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही ईटीएफ में बढ़ता निवेश और सोने की अन्य प्रकार की मांग भी इस सीजन को ख़ास बनाएगी। इस तरह भारतीय बाजार में सोने का महत्व और उसकी मांग किसी भी स्थिति में बनी रहेगी।Disclaimer- emandibhav.com आपको केवल बिना टैक्स के साधारण भाव की जानकारी देता है , सटीक भाव की जाकारी के लिए आप अपने नजदीक के ज्वैलर्स पर जार पता कर सकते है। Blog