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अदरक की खेती : जानिए घर के बगीचे में अदरक उगाने के लिए टिप्स और ट्रिक्स

Rajendra Suthar, August 3, 2024August 3, 2024

अदरक (Ginger) एक ऐसी मसाला जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग न केवल भारतीय रसोई में, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए भी किया जाता है। अदरक में पाए जाने वाले अद्भुत औषधीय गुण इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली फसल बनाते हैं। किसान साथियों अगर आप अपने घर के बगीचे में अदरक उगाना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग में हम आपको अदरक की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जिससे आप अपने बगीचे में स्वादिष्ट और ताजे अदरक उगा सकें। अदरक में आयरन, कैल्सियम, ज़िंक और विटामिन काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते है।

अदरक की खेती

अदरक एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जो गर्म और नमीयुक्त जलवायु में अच्छा पनपता है। यह पौधा गर्मियों में अच्छी तरह से फलता-फूलता है और ठंडे मौसम को पसंद नहीं करता। इसलिए, सही मौसम और पर्यावरण का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

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यदि घर में अदरक लगाना चाहते है तो सही जगह का चुनाव अति आवश्यक है। अदरक लगाने के लिए ऐसी जगह को चुनना चाहिए जहां धुप सीधी आती हो। साथ ही अदरक को लगातार नम वातावरण पसंद है, इसलिए जल निकासी की अच्छी व्यवस्था वाली जगह चुनें।

गमले में अदरक कैसे लगाए

घर में अदरक का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले गमला तैयार करें। अदरक के पौधे के लिए साधारण मिट्टी का उपयोग कोकोपीट, वर्मी कम्पोस्ट और गोबर की खाद के साथ किया जा सकता है।

अदरक की रोपाई के लिए तैयारी

बीज का चयन : अदरक की खेती के लिए सबसे पहले ताजे और अच्छे अदरक के टुकड़े (रिजेन्स) का चयन करना चाहिए। ये टुकड़े बिना किसी रोग के और स्वस्थ होने चाहिए। बीज के लिए चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि टुकड़े में आंखें हों, क्योंकि ये नये अंकुरण के लिए जरूरी हैं।

बीज की तैयारी : बीज का उपयोग करने से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। यह बीज को अच्छी तरह से अंकुरित करने में मदद करता है।

मिट्टी की तैयारी : अदरक के लिए बलुई मिट्टी या हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। मिट्टी की अच्छी तरह से खुदाई करके, उसमें कम्पोस्ट या गोबर की खाद मिलाएं ताकि उसमें आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। मृदा का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होनी चाहिए।

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अदरक की रोपाई

रोपाई का समय : अदरक की रोपाई आमतौर पर गर्मी के मौसम की शुरुआत में की जाती है। सही समय पर रोपाई करने से अदरक की काफी अच्छी वृद्धि होती है।

रोपाई की विधि : अदरक के बीज को लगभग 5-10 सेंटीमीटर गहराई पर लगाएं और बीज के बीच की दूरी 15-20 सेंटीमीटर रखें। ध्यान रहे कि बीज की आंखें ऊपर की ओर हों।

सिंचाई : अदरक की पौधों को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा न हो। नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी नम बनी रहे।

खाद और पोषण: अदरक की वृद्धि और अच्छी पैदावार के लिए पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। प्रारम्भ में खाद का प्रयोग करें और बाद में फलन की अवस्था में एक संतुलित नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (NPK) की उर्वरको का छिड़काव करें।

पौधों की सुरक्षा: अदरक के पौधों को कीटों और बीमारियों के प्रकोप से बचाने के लिए समय-समय पर निरिक्षण करें। सामान्य कीटों जैसे की मच्छर, तुंडा और बीमारियों के लिए सही कीटनाशक और फफूंदनाशक का उपयोग करें।

अदरक की फसल की कटाई

अदरक की कटाई का समय : अदरक की फसल को लगभग 8-10 महीने में काटा जा सकता है। जब अदरक के पौधों की पत्तियां सूखने लगें और तने पीले पड़ने लगें, तो यह कटाई का सही समय होता है।

कटाई की विधि : अदरक की फसल को धीरे-धीरे और सावधानीपूर्वक खुदाई करें ताकि अदरक के कंद टूट न जाएं। कटाई के करने के बाद अदरक को अच्छे से धोकर, छांव में सुखाएं।

अदरक की खेती के लाभ

स्वास्थ्य लाभ : अदरक का सेवन कई स्वास्थ्य बीमारियों और समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है, जैसे कि पाचन समस्याएं, सूजन और दर्द।

रसोई में उपयोग : अदरक का उपयोग विभिन्न प्रकार की रेसिपीज़, चाय और सूप में किया जाता है।

आर्थिक लाभ : घर के बगीचे में अदरक उगाने से आपको ताजे अदरक का लाभ मिलता है और आप बाजार से महंगा अदरक खरीदने से बच सकते हैं।

निष्कर्ष

अदरक की खेती घर की बगीचे में करना काफी फायदेमंद है। सही जगह, मिट्टी की तैयारी और नियमित देखभाल के साथ, बगीचे में ताजे और पौष्टिक अदरक की खेती की जा सकती है।

Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।

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