गर्मी से सावधान! यूपी-बिहार से राजस्थान तक भीषण हीटवेव का अनुमान, जानें मार्च के अंतिम सप्ताह से मई तक कैसा रहेगा मौसम Rajendra Suthar, March 7, 2024March 7, 2024 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में एक चिंताजनक सूचना जारी की है। इस वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह से मई के दौरान, उत्तर प्रदेश, बिहार, और राजस्थान सहित उत्तरी भारत के कई भागों में भीषण हीटवेव का अनुमान लगाया जा रहा है।IMD के अनुसार, इस वर्ष की गर्मी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक प्रचंड होने की संभावना जताई जा रही है। खासकर, उत्तर प्रदेश, बिहार, और राजस्थान के तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है। मौसम पूर्वानुमान का कहना है कि इन राज्यों में तापमान सामान्य से 5°C से 6°C तक अधिक रह सकता है।इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं। मुख्य कारणों में वैश्विक तापमान में वृद्धि और मानव-निर्मित ग्लोबल वार्मिंग शामिल हैं। इन सभी कारकों का मिलाजुला प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप पर पड़ रहा है, जिससे गर्मी की तीव्रता में वृद्धि हो रही है।मौसम विभाग ने जारी किया अलर्टमौसम विभाग ने बताया कि 11 मार्च से तापमान में वृद्धि होने की सम्भावन है। 11 मार्च को दिल्ली का अधिकतम तापमान 29 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच सकता है। तब कहीं दिल्ली-एनसीआर वालों को मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। यानी फिलहाल कुछ दिन ठंड कम होने के आसार नहीं हैं. यूपी की बात करें तो पश्चिमी विक्षोभ के चलते कई जगह हुई बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में जो गिरावट आई, वो सिलसिला बरकरार है। रात का तापमान लगातार नीचे गिरता जा रहा है।मौसम विभाग ने देश के अधिकांश हिस्सों में विशेषकर राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में हीटवेव वाले दिनो की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना जताई है। वही अप्रैल से मई कीअवधी के दौरान आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, और तमिलनाडु के कुछ स्थानो पर भयंकर गर्मी की आशंका जताई जा ही है मौसम विभग के अनुसार इस साल पूरे भारत में सामन्य से अधिक वर्षा की आशंका भी जताई है। वही अधिकांश जगहों पर जैसे दक्षिण प्रायद्वीप के चरम दक्षिणी पूर्वी क्षेत्रो और पूर्वोत्तर उत्तर पश्चिमी क्षेत्रो में सामान्य से कम वर्षा के आसार दिखाई दे रहे है।भीषण गर्मी का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हीट स्ट्रोक, निर्जलीकरण, और त्वचा संबंधित समस्याएं इस मौसम में आम हैं। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति, और बीमार लोगों के लिए यह समय अधिक सावधानी बरतने की मांग करता है।बिहार में दिन का तापमान दिन प्रति दिन बढ़ाता जा रहा है. मौसम का ये मिजाज कमोबेश कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के भागलपुर, बांका, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, खगडि़या, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में नजर आ रहा है।आने वाले मौसम का फसलों पर प्रभावगर्मी के मौसम का अनुमान उत्तरी भारत के विभिन्न भागों में भारी हीटवेव, बारिश की कमी और अधिक गर्मी के कारण यह हो सकता है कि मार्च के अंतिम सप्ताह से मई तक कृषि के सेम और रबी फसलों पर बुरा प्रभाव पड़े। यूपी, बिहार, और राजस्थान जैसे राज्यों में गर्मी में तापमान के अधिक होने से फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।गर्मी से प्रभावित फसलों में धान, गेहूं, मक्का, और दलहन की तरह अहम फसलें शामिल हैं। गर्मी के अधिकतम तापमान और कमी में पानी के कमी के कारण, ये फसलें अन्यत्र गिर सकती हैं और प्रदर्शन में कमी आ सकती है। साथ ही, गर्मी के कारण कई प्रकार की बीमारियों और कीटों का प्रकोप भी हो सकता है, जो फसलों को और भी नुकसान पहुंचा सकता है।इस समय में कृषकों को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपनी फसलों को धान, गेहूं, और मक्के को सही समय पर सिंचाई करें और उन्हें आवश्यक खाद और उर्वरक प्रदान करें। साथ ही, कृषि विज्ञान के उन्नत तकनीकों का भी उपयोग करना चाहिए जिससे उन्हें प्रतिरोधी बनाये रखने में मदद मिल सके।फसलों के लिए नुकसान से बचाव के लिए अधिक से अधिक निर्यात, फसल बीमा, और कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, स्थानीय कृषि विशेषज्ञों की सलाह और तकनीकी सहायता भी कृषकों को अपनी फसलों को बचाने और संरक्षित रखने में मदद कर सकती है। मौसम समाचार