बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फीकी पड़ सकती है शरबती गेहूं की चमक Rajendra Suthar, March 6, 2024March 6, 2024 मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई अनियमित बारिश ने कृषि क्षेत्र पर भारी प्रभाव डाला है। बीते कुछ दिनों से बेमौसम बारिश के कारण सिहोर जिले में कई खेतों में खड़ी शरबती गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा है। यह बारिश न केवल खेतों में उत्पादन को प्रभावित किया है, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता और चमक पर भी असर डाला है। शरबती गेहूं के बिना मध्य प्रदेश के सीहोर की चमक और स्वाद को तो देशभर में माना जाता है, लेकिन इस अनियमित बारिश ने इसको भी प्रभावित किया है।किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से शरबती की चमक पर असर पड़ेगा, दाना छोटा रहने के साथ पर भी असर दिखेगा। यह समस्या न केवल एक ही क्षेत्र में है, बल्कि देश के कई प्रदेशों में शरबती गेहूं के उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इस अवस्था में किसान चिंतित और परेशान हैं, क्योंकि इससे उनका आर्थिक और सामाजिक स्तर भी प्रभावित हो रहा है।सीहोर के प्रसिद्ध शरबती गेहूं की डिमांड पूरे देश में रहती है, और इसकी चमक और स्वाद को लेकर देशभर में अधिक डिमांड होती है। बेमौसम बारिश ने इस उत्पादन पर भी असर डाला है, जिससे न केवल शरबती गेहूं की चमक कम हो गई है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। इससे उत्पादन की मात्रा में भी कमी आ सकती है, जिससे किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।कृषि क्षेत्र में अनियमित बारिश की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है, और इससे उनका आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रहा है। इस समस्या का समाधान निकट भविष्य में संभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए सरकारी और सामाजिक संगठनों की सहायता की आवश्यकता है। इसके अलावा, किसानों को अपनी कृषि तकनीकों में भी अधिक सुधार करने की आवश्यकता है ताकि वे अनियमित मौसम के प्रभावों से अधिक सुरक्षित रह सकें।शरबती गेहूं की विशेषतायेशरबती गेहूं एक विशेष तरह की फसल है जो कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी मुख्य विशेषता उसकी उच्च गुणवत्ता और प्रतिरोधी गुण हैं। इस गेहूं की फसल का उत्पादन बेहद मुनाफेवाला होता है और इसका स्वाद भी अत्यंत मधुर होता है। शरबती गेहूं की धान और रंगत काफी चमकदार होती है, जो इसे बाजार में पहचानी और पसंद की जाने वाली फसल बनाता है। इसका उत्पादन अधिकतर उपजाऊ मिट्टी में किया जाता है और उच्च गुणवत्ता वाली बीज चयन से किया जाता है। शरबती गेहूं खासकर रोग प्रतिरोधी होती है और उसकी फसल बारिश और ठंडी सर्दी के मौसम में भी अच्छे रूप से उगती है। इसके अलावा, इस फसल का उत्पादन कई अन्य कृषि फसलों के साथ एक संवेदनशील प्रणाली में किया जा सकता है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है। इस तरह, शरबती गेहूं भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है और इसका महत्व विशेष रूप से उत्तर भारतीय कृषि परिसर में बढ़ता है।किसानों की बड़ी चिंता,शरबती गेंहू की चमक पर पड़ेगा असरगत दिनों, बेमौसम बारिश ओलावृष्टि ने कृषि क्षेत्र पर कहर बरपाया है। इस बारिश के चलते कई जिलों में खेतों में खड़ी शरबती गेहूं की फसल नुकसान उठा रही है। इसके साथ ही, कटी हुई गेहूं भी भीग गई है, जिससे देश भर में सोने जैसी पीली चमक और उत्कृष्ट स्वाद वाले शरबती गेहूं की चाहत बढ़ेगी। फसल के भीगने से गेहूं की चमक के साथ-साथ उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने बताया कि बारिश ओलावृष्टि से गेहूं भीग गई है। इसके परिणामस्वरूप, गेहूं का रंग हल्का काला हो जाएगा और दाना छोटा रहेगा, जिससे उसका वजन कम हो जाएगा और उत्पादन में कमी आ सकती है।किसानों का कहना है कि सर्वे कराकर मुआवजा राशि के साथ-साथ बीमा राशि भी मिलनी चाहिए, ताकि जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई हो सके। सिहोर जिले के ग्राम रफीकगंज के किसान सुरेश परमार ने बताया कि शरबती गेहूं में बारिश ओलावृष्टि का असर पड़ा है। गेहूं का दाना छोटा रहेगा, चमक पर असर पड़ेगा, और गेहूं की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि पानी लगने से गेहूं की चमक चली गई है। ज्यादा नुकसान होने पर सरकार से इन्हें सहायता की उम्मीद है, साथ ही सर्वे हो, मुआवजा मिले, और बीमा कंपनियों से भी लाभ हासिल किया जाए। मौसम समाचार